NCERT Syllabus : मुगल दरबार का इतिहास नहीं पढ़ पाएंगे 12वीं के छात्र, फिराक गोरखपुरी और निराला की रचनाएं भी हटाई गई

मौजूदा शैक्षणिक सत्र से होने जा रहे बदलाव केवल 12वीं कक्षा तक ही सीमित नहीं है बल्कि 10वीं और 11वीं कक्षा की पुस्तकों से भी कई अध्यायों को हटाया गया है।

फोटो: IANS
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नवजीवन डेस्क

एनसीईआरटी द्वारा इतिहास की पुस्तक के सिलेबस में बदलाव किया गया है। यह बदलाव 12वीं कक्षा में पढ़ाई जाने वाली इतिहास की पाठ्य पुस्तक में किया गया है। इसके तहत मुगल साम्राज्य के अध्याय को हटा दिया गया है। इसके साथ ही एनसीआरटी ने कई अध्याय हटाने का निर्णय लिया है। पाठ्य पुस्तकों में किए गए बदलाव के अंतर्गत एनसीईआरटी ने 'किंग्स एंड क्रॉनिकल्स, मुगल दरबार (सी. 16वीं और 17वीं सदी)' 'थीम्स ऑफ इंडियन हिस्ट्री-पार्ट 2' से हटा दिया है। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी द्वारा किए गए बदलाव के बाद अब 12वीं कक्षा के छात्र मुगल साम्राज्य का इतिहास नहीं पढ़ेंगे। सिलेबस में यह बदलाव देशभर के उन सभी स्कूलों और छात्रों के लिए लागू होगा जहां एनसीईआरटी की किताबें कोर्स का हिस्सा हैं।

गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में एनसीईआरटी द्वारा तैयार की गई पुस्तकें लागू होती हैं, इस हिसाब से सीबीएसई बोर्ड के लगभग सभी स्कूलों में यह बदलाव देखने को मिलेगा। सीबीएसई के अलावा यूपी बोर्ड ने भी एनसीईआरटी की कई किताबों को लागू किया है, इसलिए वहां भी इतिहास की पाठ्यपुस्तक में यह बदलाव देखने को मिल सकता है। एनसीईआरटी ने इसी तरह से हिंदी की पुस्तकों में से भी कुछ कविताएं और पैराग्राफ हटाने का निर्णय लिया है।बता दें कि यूपी बोर्ड और सीबीएसई 12वीं की ‘हिंदी आरोह भाग-2’ से फिराक गोरखपुरी की गजल और ‘अंतरा भाग दो’ से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की ‘गीत गाने दो मुझे’ को हटा दिया गया है।


एनसीईआरटी के मुताबिक सिलेबस में जो भी बदलाव किया गया है उसे मौजूदा शैक्षणिक सत्र यानी बदलाव 2023-24 से ही लागू कर दिया जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं है कि एनसीईआरटी ने केवल यही बदलाव नहीं किया है बल्कि इतिहास के अलावा भी अन्य पुस्तकों में कई छोटे-बड़े बदलाव किए गए हैं।

एनसीईआरटी ने सिविक्स की पुस्तक में बदलाव करते हुए 'विश्व राजनीति में अमेरिकी आधिपत्य' और 'द कोल्ड वॉर एरा' नामक अध्याय हटाने का निर्णय लिया है। बदलावों को जारी रखते हुए एनसीईआरटी ने कक्षा 12वीं की पाठ्यपुस्तक 'स्वतंत्रता के बाद भारतीय राजनीति' से 'लोकप्रिय आंदोलनों का उदय' और 'एकदलीय प्रभुत्व का युग' अध्याय हटाए हैं।


मौजूदा शैक्षणिक सत्र से होने जा रहे बदलाव केवल 12वीं कक्षा तक ही सीमित नहीं है बल्कि 10वीं और 11वीं कक्षा की पुस्तकों से भी कई अध्यायों को हटाया गया है। कक्षा 11वीं की पाठ्यपुस्तक 'थीम्स इन वल्र्ड हिस्ट्री' से 'सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स', 'संस्कृतियों का टकराव' और 'औद्योगिक क्रांति' जैसे अध्याय हटा दिए गए हैं।

इसी प्रकार कक्षा 10वीं की पाठ्यपुस्तक 'लोकतांत्रिक राजनीति-2' से 'लोकतंत्र और विविधता', 'लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन', 'लोकतंत्र की चुनौतियां' पर अध्याय हटा दिए गए हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों ने इन बदलावों की पुष्टि करते हुए कहा है कि तैयार किए गए नए सिलेबस और पाठ्य पुस्तकों को इसी वर्ष से अपडेट किया गया है और इन्हें विभिन्न स्कूलों में लागू किया जा रहा है। वहीं यूपी बोर्ड ने भी बदलाव के साथ नए सिलेबस को अपने स्कूलों में अपडेट किया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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