अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: 1 घंटे में डूब गए निवेशकों के 10 लाख करोड़ रुपए, मोबाइल कंपनियां बंद कर रहीं भारत में प्लांट

कारोबार के अंत में सेंसेक्स 3934.72 अंकों की गिरावट यानी करीब 13.15 फीसदी की गिरावट के साथ 25,981.24 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी 1,135 यानी करीब 13 फीसदी की गिरावट के साथ 7,610.25 पर बंद हुआ। कोरोना वायरस की वजह स्मार्टफोन इंडस्ट्री भी प्रभावित है।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

कोरोना का खौफ, सैमसंग, Oppo, वीवो भारत में बंद कर रहीं प्लांट

पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। भारत के 19 राज्यों में लॉक डाउन का ऐलान कर दिया गया है। सैमसंग का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट नोएडा में है और यहां हर साल करोड़ों स्मार्टफोन्स बनाए जाते हैं। कोरोना वायरस की वजह स्मार्टफोन इंडस्ट्री भी प्रभावित है। साउथ कोरियन टेक कंपनी सैमसंग नोएडा स्थित अपने सबसे बड़े प्लांट को कुछ दिनों के लिए शट डाउन कर रही है। सैमसंग के अलावा भारत में ओप्पो, वीवो और एलजी के भी प्लांट हैं, जिसे कंपनियां कुछ समय के लिए बंद कर रही हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लॉकडाउन का ऐलान किया है और इस दौरान कमर्शियल ऐक्टिविटीज भी बंद रहेंगी।

सेंसेक्स 4000 अंक टूटकर 25900 के नीचे, निफ्टी 1150 अंक लुढ़का

दुनिया भर के शेयर बाजारों पर कोरोना का कहर जारी है। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 2307 अंकों की भारी गिरावट के साथ 27608 पर खुला। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी करीब 800 अंकों की गिरावट के साथ 7945 पर खुला। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 3934.72 अंकों की गिरावट यानी करीब 13.15 फीसदी की गिरावट के साथ 25,981.24 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी 1,135 यानी करीब 13 फीसदी की गिरावट के साथ 7,610.25 पर बंद हुआ।

यह सेंसेक्स में किसी एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। सुबह 10 बजे के बाद जब सेंसेक्स 10 फीसदी यानी 2991 अंक टूटकर 26,924 तक पहुंच गया तो इसके बाद एनएसई और बीएसई दोनों में ट्रेडिंग रोक दी गई। लोअर सर्किट लगा दिया गया और कारोबार 1 घंटे के लिए रोक दिया गया। हालांकि एक घंटे बाद जब सेंसेक्स फिर खुला तो इसमें और गिरावट देखी गई। सुबह 11.30 बजे तक सेंसेक्स 3585 अंक टूटकर 26,331 तक पहुंच गया।


जनता कर्फ्यू के दौरान घर में रहे 7 करोड़ व्यापारी : कैट

प्रधानमंत्री की अपील पर लगे जनता कर्फ्यू के दौरान देश भर में सात करोड़ व्यापारी और उनके प्रतिष्ठानों में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारी अपने घरों में रहे। यह आकलन व्यापारियों के संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) का है। व्यापारी संगठन ने कहा कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के मद्देनजर कैट ने भी प्रधानमंत्री से देश भर में लॉकडाउन करने का आग्रह किया था ताकि समुदाय स्तर पर इसके प्रसार को रोकने में मदद मिल सके। कैट ने कहा कि करीब 60,000 कमर्शियल मार्केट और 40,000 ट्रेड एसोसिएशन के करीब सात करोड़ व्यापारी और उनके करीब 40 करोड़ कर्मचारियों ने घर में रहकर जनता कर्फ्यू का अनुपालन किया।

हुबेई के अलावा, चीन की लगभग 90 प्रतिशत प्रमुख परियोजनाएं फिर से शुरू

चीनी राज्य परिषद के अनुसार, 20 मार्च तक, हुबेई के अलावा चीन के अन्य प्रांतों में लगभग 11,000 प्रमुख परियोजनाओं की बहाली दर 89.1 प्रतिशत है। चीनी राष्ट्रीय विकास व सुधार आयोग में निवेश विभाग के निदेशक ओयू होंग ने कहा कि प्रमुख रेलवे परियोजनाओं ने मूल रूप से काम फिर से शुरू कर दिया है, और प्रमुख राजमार्ग व जल परिवहन परियोजनाएं 97 प्रतिशत की दर से फिर से शुरू हो गई हैं। पेइचिंग-श्यांगएन एक्सप्रेस-वे सहित कई प्रमुख राजमार्ग परियोजनाओं का काम फिर से शुरू होकर तेजी आई है।


चीन की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है : आईएमएफ

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के विशाल आर्थिक प्रभाव से निपटने में चीन के अनुभव ने यह दिखाया है कि सही नीतियां महामारी से लड़ने और इसके प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। चीन धीरे-धीरे अपने उत्पादनों को सुधार कर रहा है और अर्थव्यवस्था भी सामान्य होने का संकेत दे रही है। यह महामारी से प्रभावित वैश्विक आर्थिक कठिनाइयों को कम करने में मदद करेगा। आईएमएफ के एक लेख के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के प्रसार का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा व गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। महामारी को सफलतापूर्वक नियंत्रित करने की वजह से आर्थिक गतिविधि मंद पड़ रही है। चीन ने सबसे कमजोर समूहों को समर्थन प्रदान करने के लिए उपायों की एक श्रृंखला को अपनाया है,जिसने अर्थव्यवस्था पर महामारी के गंभीर प्रभाव को प्रभावी ढंग से कम कर दिया है।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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