अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: एक और बैंक डूबने के कगार पर, RBI ने लगाया बैन और चीन को लगा भारी चूना

लक्ष्मी विलास बैंक को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। दिवाली पर इस बार गिफ्ट में परंपरागत देसी खिलौने की अच्छी मांग रही जबकि चमक-दमक वाले चीनी उत्पादों के प्रति ग्राहकों का रुझान कम रहा।

फोटो: सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

लक्ष्मी विलास बैंक पर RBI ने लगाया प्रतिबंध, ग्राहक केवल ₹25000 ही निकाल सकेंगे

लक्ष्मी विलास बैंक को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बड़ा फैसला लिया है। आरबीआई ने बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिसके बाद अब इसके ग्राहक सिर्फ 25,000 हजार रूपए हीं निकाल सकेंगे। इससे पहले आरबीआई ने यस बैंक और पीएमसी बैंक को लेकर भी इसी तरह के कदम उठाए थे। जिससे ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक बैंक पर एक महीने का मोरेटोरियम लगाया गया है। यह 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक के लिए लागू किया गया है। ये आदेश आबीआई अधिनियम की धारा 45 के तहत लाया गया है।

इस दौरान बैंक से ग्राहक 25,000 रूपए हीं निकाल सकते हैं। हालांकि, केंद्र ने अपने बयान में कहा है कि चिकित्सा उपचार, शिक्षा आदि जरूरी खर्च के लिए 25,000 रुपए से ऊपर निकालने की अनुमति होगी।

कोविड के चलते 68 फीसदी भारतीयों में ऑनलाइन शॉपिंग की प्रवृत्ति बढ़ी : सर्वे


कोविड-19 महामारी के चलते भारतीय उपभोक्ताओं में ऑनलाइन शॉपिंग करने की प्रवृत्ति में काफी इजाफा देखने को मिला है। कंप्यूटर सुरक्षा से संबंधित कंपनी मैक्एफी ने मंगलवार को कहा कि उनके द्वारा किए गए एक सर्वे में कोविड के शुरू होने के बाद से ऑनलाइन शॉपिंग में 68 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिला।

इस नतीजे से हालांकि यह भी पता चलता है कि उपभोक्ता ऑनलाइन मंच पर खुद को पर्याप्त रूप से सुरक्षित नहीं कर रहे हैं, क्योंकि केवल एक चौथाई- 27.5 प्रतिशत भारतीयों ने ही ऑनलाइन सिक्योरिटी सॉल्यूशन का इस्तेमाल किया है।

'2020 हॉलीडे सीजन : स्टेट ऑफ टूडेज डिजिटल ई-शॉपर' इंडिया सर्वे के निष्कर्षो से पता चलता है कि आधे से अधिक भारतीयों को लगता है कि हॉलीडे सीजन के दौरान साइबर घपला होने की आशंका अधिक है, वहीं 42.3 फीसदी लोग छुट्टियों के दौरान ही शॉपिंग करने का प्लान बनाते हैं।


माइक्रोसॉफ्ट एक्सबॉक्स सीरीज की आपूर्ति में अप्रैल, 2021 तक कमी रहने के आसार


माइक्रोसॉफ्ट एक्सबॉक्स सीरीज एक्स और सीरीज एस कंसोल की आपूर्ति में अगले साल के अप्रैल तक कमी रहने की संभावना जताई जा रही है। पहले से बुक किए गए ऑर्डरों की संख्या बहुत अधिक होने के चलते डिवाइस के लॉन्च होने के दिन इसकी सीमित उपलब्धता रही। और तो और कुछ शुरुआती क्रेताओं को भी छुट्टियों के बाद तक का इंतजार करना होगा, तब जाकर उनके प्री-ऑर्डर पर काम पूरा होगा।

एक्सबॉक्स के सीएफओ टिम स्टुअर्ट ने सोमवार को जेफरिज इंटरैक्टिव एंटरटेनमेंट कॉन्फरेंस में कहा, "मुझे लगता है कि आपूर्ति में अभी कमी बनी रहेगी क्योंकि सामने कई सारी छुट्टियां हैं।" उन्होंने आगे कहा, "आपूर्ति की तुलना में मांगे और भी ज्यादा बढ़ेंगी और मैं लोगों से पहले ही इसके लिए माफी मांग लेता हूं।"

देसी खिलौने में बढ़ी ग्राहकों की दिलचस्पी, चीनी उत्पादों की घटी मांग

दिवाली पर इस बार गिफ्ट में परंपरागत देसी खिलौने की अच्छी मांग रही जबकि चमक-दमक वाले चीनी उत्पादों के प्रति ग्राहकों का रुझान कम रहा। इसकी वजह भी कोरोना काल में बदली परिस्थितियां ही रही हैं जिसके चलते खिलौने के आयात में काफी गिरावट आई है।

कारोबारी बताते हैं कि खासतौर से लाइटिंग वाले खिलौने जो बच्चों के लिए मनमोहक होते हैं इस साल दिवाली पर ग्राहकों के लिए आकर्षण के केंद्र नहीं बन पाए बल्कि परंपरागत देसी खिलौने खरीदने में उनकी ज्यादा दिलचस्पी दिखी।

दिल्ली-एनसीआर के खिलौना कारोबारी और प्लेग्रो ट्वॉयज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मनु गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि दिवाली पर ज्यादातर लोग उपहारों के लिए खिलौने खरीदते हैं और पहले जहां चीन से आयातित लाइटिंग वाले आइटम लोग ज्यादा खरीदते थे वहां इस साल वे देसी और परंपरागत खिलौने को पसंद कर रहे थे। गुप्ता इसकी वजह बताते हैं कि बच्चे इन दिनों घरों में रहते हैं इसलिए उनके लिए इंडोर प्ले आइटम्स की मांग ज्यादा है जबकि लग्जरी व मॉर्डन ट्यॉज जिनमें आउटडोर ट्यॉज, लाइट एंड म्यूजिक के खिलौने, रिमोट कंट्रोल के खिलौने आते हैं उनकी मांग कम हो रही है।


मैदान में टिके रहने के लिए हुवावे ने बेचा ऑनर स्मार्टफोन का बिजनेस


अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच अपने व्यवसाय को लेकर पिछले करीब दो सालों से संघर्ष का सामना करने के बाद हुवावे ने आखिरकार मंगलवार को अपने सब-ब्रांड ऑनर को बेचने का ऐलान कर दिया। चीन में ही स्थित कंपनी शेन्जेन झिक्सिन न्यू इंफॉर्मेशन टेक्न ोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड को ऑनर की व्यवसायिक संपत्तियां बेची जा रही है।

खबरों के मुताबिक, हुवावे और शेन्जेन के बीच यह सौदा 15 बिलियन डॉलर में तय किया गया है, जिससे ऑनर के चैनल सेलर और आपूर्तिकर्ताओं को इस मुश्किल घड़ी से उबरने में मदद मिलगी। अमेरिका में ऑनर स्मार्टफोन को प्रतिबंधों के घेरे में लाए जाने की वजह से हुवावे को किसी भी अमेरिकी कंपनी के साथ बिजनेस करने की मनाही थी।

आईएएनएस के इनपुट के साथ

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