शेयर बाजार लगातार पांचवें दिन लाल निशान में बंद, पांच दिन में निवेशकों के 16 लाख करोड़ रुपए स्वाहा
बाजार के जानकारों का कहना है कि मध्य पूर्व में संघर्ष का छोटी अवधि में शेयर बाजार पर असर दिखाई देगा, क्योंकि बड़ी संख्या में निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं और रिकवरी आने पर बिकवाली की स्ट्रेटजी को अपना रहे हैं।
शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। शुक्रवार को भी शेयर बाजार लाल निशान पर बंद हुआ। यह लगातार पांचवें दिन था, जब बाजार में गिरावट देखी गई। पिछले पांच कारोबारी सत्र में ही सेंसेक्स 4,100 अंक से ज्यादा फिसल गया। इसके दौरान निवेशकों करीब 16 लाख करोड़ रुपये स्वाह हो गये बाजार में यह गिरावट ईरान-इस्राइल के बीच तनाव के चरम पर पहुंचने के बाद आई है। ताजा हालात को देखते हुए शेयर बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद लंबी हो सकती है।
सप्ताह के आखिरी कारोबार के दिन सेंसेक्स 808 अंक या 0.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,688 और निफ्टी 235 अंक या 0.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,014 पर था।
दिन के कारोबार के दौरान शेयर बाजार में बड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया। सेंसेक्स ने 81,532 से लेकर 83,368 और निफ्टी ने 24,966 से लेकर 25,485 की रेंज में कारोबार किया। गिरावट के कारण बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का मार्केट कैप संयुक्त रूप से करीब 4 लाख करोड़ रुपये कम होकर 461 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
बीएसई बेंचमार्क में एमएंडएम, बजाज फाइनेंस, नेस्ले, एशियन पेंट्स, भारती एयरटेल, अल्ट्राटेक सीमेंट, आईटीसी, एचयूएल, पावर ग्रिड, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस, बजाज फिनसर्व, आईसीआईसीआई बैंक और एनटीपीसी टॉप लूजर्स थे। इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, विप्रो, टाटा मोटर्स, एक्सिस बैंक, टीसीएस और एसबीआई टॉप गेनर्स थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी बिकवाली हुई है। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 550 अंक या 0.93 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,747 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 193 अंक या 1.02 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,758 पर बंद हुआ।
ऑटो, फिन सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, एनर्जी, पीएसई और सर्विसेज सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे। केवल आईटी और पीएसयू बैंक इंडेक्स ही लाल निशान में बंद हुए हैं। बाजार में उतार-चढ़ाव दर्शाने वाले इंडिया विक्स 7.21 प्रतिशत बढ़कर 14.12 पर बंद हुआ।
बाजार के जानकारों का कहना है कि मध्य पूर्व में संघर्ष का छोटी अवधि में शेयर बाजार पर असर दिखाई देगा, क्योंकि बड़ी संख्या में निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं और रिकवरी आने पर बिकवाली की स्ट्रेटजी को अपना रहे हैं। अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के ऐलान के बाद बढ़े आईटी सेक्टर छोड़कर अन्य सभी सेक्टर जैसे एफएमसीजी, रियल्टी और ऑटो में गिरावट देखी जा रही है।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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