ये 10 सरकारी बैंक 1 अप्रैल से होंगे बंद , मोदी सरकार का फैसला, जानें ग्राहकों को क्या होगी परेशानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय को मंजूरी दी है। 1 अप्रैल 2020 से इन दस बैंकों का 4 बैंकों में विलय हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि बैंकों का प्रस्तावित विलय एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों के विलय को मंजूरी दी है। 1 अप्रैल 2020 से इन दस बैंकों का 4 बैंकों में विलय हो जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि बैंकों का प्रस्तावित विलय एक अप्रैल, 2020 से प्रभावी होगा। इसके बाद सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मर्ज कर 4 बड़े बैंक बनाए जाएंगे। पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय किया जाएगा, जिससे यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों यूनाइडेट बैंक ऑफ इंडिया, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडीकेट बैंक, केनरा बैंक , इलाहाबाद बैंक, इंडियन बैंक, आंध्रा बैंक, कोऑपरेशन बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के महाविलय के लिए तय एक अप्रैल 2020 की समयसीमा तेजी से नजदीक आ रही है।
खबरों के मुताबिक, मर्जर के बाद बैंकों के नाम भी बदल सकते हैं। हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक कोई भी बयान जारी नहीं हुआ है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों के मर्जर की घोषणा करते वक्त कहा था कि इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी। साल 2017 में देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 थी। इससे पहले देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हुआ था।
किस बैंक का किसके साथ होगा विलय
बता दें कि ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में विलय होगा। इस विलय के बाद जो बैंक बनेगा वो देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इस नए बैंक के बाद तकरीबन 17 लाख करोड़ रूपये का बिजनेस होगा।
इसके अलावा केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक का विलय होगा। वहीं विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का चौथा सबसे सरकारी बड़ा बैंक बन जाएगा। इस बैंक के पास तकरीबल 15.20 लाख करोड़ रूपये का बिजनेस होगा।
आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के साथ यूनियन बैंक का मर्जर होगा। विलय के बाद बनने वाला यह बैंक देश का 5वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इस बैंक के पास कुल 14.59 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
इलाहाबाद बैंक और इंडियन बैंक का भी विलय होना है। वहीं विलय के बाद बनने वाला बैंक देश का 7वां सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। इस बैंक के पास कुल 8.08 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा।
विलय के बाद खाता धारकों को क्या करना होगा?
विलय होने के बाद ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी इश्यू हो सकता है। जिन कस्टमर्स को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड मिलेंगे, उन ग्राहकों को नए डिटेल्स इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) में अपडेट करवाना होगा। ग्राहकों को एसआईपी या लोन ईएमआई के लिए नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।
ग्राहकों को नई चेकबुक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड मिल सकता है। बैंकों के विलय से FD या RD पर मिलने वाले इंटरेस्ट में कोई बदलाव नहीं होगा। साथ ही जिन इंटरेस्ट रेट पर व्हीकल लोन, होम लोन, पर्सनल लोन, होम लोन आदि लिए गए हैं, उनमें भी कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन कुछ ब्रान्च बंद हो सकती है।
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