शेयर बाजारों को रास नहीं आया बजट, दो दिन मे डूब गए निवेशकों के 5 लाख करोड़
आम बजट पेश होने के बाद लगातार दूसरा कारोबारी दिन है, जब शेयर बाजार इतना पस्त हुआ है। इन दो दिनों में सेंसेक्स करीब 1200 अंक टूटा है तो वहीं निफ्टी 400 अंक लुढ़क गया है। वहीं इन दो दिनों में निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए हैं।
घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को बिकवाली के भारी दबाव में सेंसेक्स बीते सत्र की क्लोजिंग से 792.82 अंकों यानी 2.01 फीसदी गिरावट के साथ 38,720.57 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 252.55 अंकों यानी 2.14 फीसदी गिरावट के साथ 11,558.60 पर बंद हुआ। इससे पहले कारोबार के दौरान सेंसेक्स 900 अंकों से ज्यादा लुढ़का और एनएसई के प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी में भी 288 अंकों की गिरावट आई। आम बजट पेश होने के बाद लगातार दूसरा कारोबारी दिन है, जब शेयर बाजार इतना पस्त हुआ है। इन दो दिनों में सेंसेक्स करीब 1200 अंक टूटा है तो वहीं निफ्टी 400 अंक लुढ़क गया है। वहीं इन दो दिनों में निवेशकों के 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए हैं।
कमजोर विदेशी संकेतों और घरेलू निवेशकों में बजटीय प्रस्तावों को लेकर निराशाजनक रुझानों के कारण भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन गिरावट का रुख जारी रहा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सत्र के आरंभ में मामूली गिरावट के साथ 39,476.38 पर खुला और 38,605.48 तक लुढ़का, जबकि कारोबार के आखिर में 792.82 अंकों यानी 2.01 फीसदी की गिरावट के साथ 38,720.57 पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सिर्फ तीन में तेजी रही जबकि 27 शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट वाले पांच शेयरों में बजाज फाइनेंस (8.18 फीसदी), ओएनजीसी (5.43 फीसदी), हीरोमोटरकॉर्प (5.31 फीसदी), मारुति (5.21 फीसदी) और एनटीपीसी (4.98 फीसदी) शामिल रहे। वहीं, यस बैंक के शेयर में 5.56 फीसदी और एचसीएलटेक के शेयर में 1.94 फीसदी की तेजी रही जबकि टीसीएस का शेयर 0.67 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक निफ्टी भी सत्र के आरंभ में पिछले सत्र के मुकाबले कमजोरी के साथ 11,770.40 पर खुला और 11,771.90 तक उठा। मगर भारी बिकवाली के कारण निफ्टी पिछले सत्र से 252.55 अंकों यानी 2.14 फीसदी गिरावट के साथ 11,558.60 पर बंद हुआ। दिनभर के कारोबार के दौरान निफ्टी का निचला स्तर 11,523.30 रहा।
बीएसई का मिड-कैप सूचकांक पिछले सत्र से 293.12 अंकों यानी 1.99 फीसदी गिरावट के साथ 14,432.53 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉल-कैप सूचकांक 347.30 अंकों यानी 2.46 फीसदी गिरावट के साथ 13,794.53 पर बंद हुआ। बीएसई के सभी 19 सेक्टरों के सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। सबसे ज्यादा गिरावट पूंजीगत वस्तुएं (3.78 फीसदी), रियल्टी (3.50 फीसदी), ऑटो (3.14 फीसदी), बिजली (3.10 फीसदी) और औद्योगिक सेक्टर के सूचकांक (3.03 फीसदी) में रही।
बीएसई पर कुल 2,888 शेयरों में कारोबार हुआ जिनमें से 632 में तेजी रही जबकि 2,086 में गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के आखिर में 170 शेयरों कोई बदलाव दर्ज नहीं किया गया। अमेरिका में पिछले सप्ताह जॉब डेटा मजबूत आने से अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की संभावना कम होने से एशियाई बाजारों में नकरात्मक रुझान रहा। इसके अलावा, पिछले सप्ताह शुक्रवार को संसद में पेश किए गए आम बजट 2019-20 के प्रावधानों को लेकर निवेशकों में असमंजस की स्थिति बरकरार है, जिसके कारण घरेलू शेयर बाजार में नकारात्मक रुझान देखने को मिला।
बाजार के जानकार बताते हैं कि खासतौर से सरकार द्वारा शेयर बायबैक पर कर लगाने और सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग बढ़ाने की घोषणा से घरेलू निवेशकों में निराशा का माहौल बना है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट लोकसभा में पेश करते हुए सूचीबद्ध कंपनियों में न्यूनतम पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्ताव पेश किया किया। इसके अलावा, बायबैक पर 20 फीसदी कर लगाने का भी प्रस्ताव किया गया है।
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