देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक SBI पर पड़ सकती है NPA की मार, करीब 60 हजार करोड़ रुपये फंसने की आशंका

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के 60,000 करोड़ रुपए फंसने की आशंका है। दरअसल बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 60,000 करोड़ रुपये के लोन फंसने और पुनर्गठन करने का अनुमान लगाया है।

फोटो: सोशल मीडिया
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रवि प्रकाश @raviprakash24

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के 60,000 करोड़ रुपए फंसने की आशंका है। दरअसल बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में कुल 60,000 करोड़ रुपये के लोन फंसने और पुनर्गठन करने का अनुमान लगाया है। यह रकम अगले वर्षों में एनपीए में बदल जाने की आशंका है। जनसत्ता की खबर के मुताबिक बैंक को पहले ही कोरोना पैकेज के तहत 6,495 करोड़ रुपये के कर्ज पुनर्गठन के आवेदन मिले हैं। इसके अलावा 2,500 करोड़ रुपये तक के रिटेल लोन की रिस्ट्रक्चरिंग के भी आवेदन मिले हैं। इसके अलावा एमएसएमई सेक्टर की ओर से भी बड़े पैमाने पर लोन रिस्ट्रक्चरिंग के आवेदन किए गए हैं। वहीं कॉरपोरेट सेक्टर की तरफ से भी 42 ग्राहकों ने करीब 4,000 करोड़ रुपये के कर्जों के पुनर्गठन की अर्जी दी है। बैंक को दिसंबर 2020 तक अतिरिक्त लोन रिस्ट्रक्चरिंग की उम्मीद है। इस तरह से कंपनी को कोरोना काल में कुल 19,495 करोड़ रुपये के लोन का पुनर्गठन करना होगा।

बैंक ने खुद ही यह खुलासा किया है कि 2020-21 के मौजूदा वित्त वर्ष में उसका कर्ज मिलने में चूक और रीस्ट्रक्चरिंग का आंकड़ा मिलाकर 60,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। गौरतलब है कि स्टेट बैंक ने बुधवार को ही सितंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान किया है। इसमें यह बताया गया है कि सितंबर तिमाही के एसबीआई के मुनाफे में करीब 52 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है।


भारतीय रिजर्व बैंक ने बैकों और कॉरपोरेट जगत को दिसंबर 2020 तक का समय दिया है कि वे दो साल तक के लिए लोन रीस्ट्रक्चर करने के लिए आपसी डील कर लें। जो लोन रीस्ट्रक्चरिंग के तहत वर्गीकृत किए जाएंगे, उनको एनपीए नहीं माना जाएगा। लेकिन बैंक ऐसे लोन के लिए अपने बहीखाते में प्रोविजनिंग कर सकते हैं।

वित्त वर्ष 2021 की पहली छमाही में लोन स्लिपेज लगभग 6,393 करोड़ रुपये है। एसबीआई का कहना है कि इसके अलावा अतिरिक्त प्रोफार्मा स्लिपेज 2020-21 की दूसरी तिमाही में 14,388 करोड़ रुपये है। बैंक को उम्मीद है कि चालू वर्ष की दूसरी छमाही में 20,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त स्लिपेज होगी। कुल स्लिपेज 40,781 करोड़ रुपये आंकी गई है। बैंक का कहना है कि इस समय बड़ी चुनौती विस्तारित वर्किंग कैपिटल साइकल और उद्योग के लिए नकदी प्रवाह में गिरावट से उत्पन्न हुई है। हालांकि बैंक का क्रेडिट साल दर साल 6 फीसदी बढ़ा है। चेयरमैन खारा का कहना है कि रिटेल में क्रेडिट ग्रोथ कोविड-19 से पहले के ​​स्तर पर आ गई है। हमने होम और ऑटो लोन में अच्छा ट्रैक्शन देखा है।

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