रिजर्व बैंक ने लगातार तीसरी बार घटाया रेपो रेट, 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान, कम होगी ईएमआई
आरबीआई ने गुरुवार को अपनी क्रेडिट पॉलिसी जारी की। इसमें आरबीआई ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की घोषणा की है। इससे पहले भी आरबीआई ने लगातार दो बार रेपो रेट में कटौती कर चुकी है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने क्रेडिट पॉलिसी जारी कर दी है। आरबीआई ने मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। लगातार तीसरी बार आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है। रेपो रेट में कमी से सभी तरह के लोन की ईएमआई सस्ती होने की उम्मीद बढ़ गई है।
आरबीआई की ओर से जारी बयान के अनुसार, एमपीसी बैठक में शामिल सभी सदस्यों डॉ. चेतन घाटे, डॉ. पामी दुआ, डॉ. रविंद्र एच ढोलकिया, डॉ. मिशेल देबब्रत पात्रा, डॉ. विराल वी आचार्य और शक्तिकांता दास ने एकमत से रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती पर सहमति जताई।
इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वालों को भी आरबीआई की बैठक से खुशखबरी मिली है। दरअसल, रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस (RTGS) और एनईएफटी(NEFT) लेनदेन पर लगाए गए शुल्क को हटा दिया है। इसका मतलब यह हुआ कि अब आरटीजीएस और एनएफटी के जरिए ट्रांजेक्शन करने वाले लोगों को किसी भी तरह का एक्स्ट्रा चार्ज नहीं देना होगा। साथ ही कहा है कि बैंकों को अपने ग्राहकों को यह लाभ देना होगा।
इसके अलावा रिजर्व बैंक ने 2019-20 के लिये जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया है। रिजर्व बैंक ने 2019-20 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) के दौरान मुद्रास्फीति 3-3.10 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। पिछली समीक्षा में यह अनुमान 2.90-3.0 प्रतिशत का था।
क्या होता है रेपो रेट?
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई से पैसे लेते हैं। आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है। यही रेट रेपो रेट कहलाता है।
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Published: 06 Jun 2019, 1:04 PM