आरबीआई ने बढ़ाई रेपो रेट की दरें, महंगा होगा बैंकों से लोन लेना
रिजर्व बैंक ने क्रेडिट पॉलिसी में नीतिगत दरों में बदलाव का एलान किया है। आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है। अक्टूबर 2013 के बाद ये पहली बार होगा कि लगातार दूसरी समीक्षा बैठक में ब्याज दरें बढ़ाई गई हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब यह 6.50 फीसदी पर पहुंच गया है। आरबीआई के इस फैसले से आपकी जेब पर असर पड़ना तय है। रेपो रेट बढ़ने से आपके लिए बैंकों से कर्ज लेना महंगा हो जाएगा और आपकी ईएमआई भी बढ़ जाएगी।
आबीआई द्वारा जारी बयान के मुताबिक, रेपो रेट में यह बढ़ोत्तरी मौजूदा मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति को देखते हुए की गई है। इस बदलाव के बाद होम लोन सहित लगभग सभी तरह के लोन महंगे होने की संभावना है। इस तरह एलएएफ के अंतर्गत रिवर्स रेपो रेट 6.25 फीसदी और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (एमएसएफ) रेट और बैंक रेट 6.75 फीसदी हो गई है।
यह लगातार दूसरा मौका है, जब रेपो रेट में बढ़ोत्तरी की गई है। इससे पहले जून में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की थी। आरबीआई ने इस दौरान 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी। रेपो रेट में हुई इस बढ़ोतरी के बाद रेपो रेट 6 फीसदी से बढ़कर 6.25%. फीसदी हो गया था।
जून में खुदरा महंगाई 5 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई थी, जो 5 महीने का उच्चतम स्तर है। अप्रैल से जून के दौरान रिटेल महंगाई औसतन 4.8 फीसदी रही। इसे देखते हुए आरबीआई ने जुलाई-सितंबर की अवधि के लिए खुदरा महंगाई यानी सीपीआई के 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जाहिर किया, जबकि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए 4.8 फीसदी का अनुमान जाहिर किया गया है। महंगाई की अनुमानित दर पूर्व में तय 4 फीसदी के लक्ष्य से कहीं ज्यादा है।
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