RBI ने रेपो और रिवर्स रेपो रेट में की कटौती, सस्ती होगी लोन-EMI! 2020-21 में GDP नेगेटिव रहने का अनुमान
रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि नीतिगत रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती की गई है, जबकि रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35% कर दिया गया है। इसके बाद आपके लोन और ईएमआई सस्ती हो सकती है।
देश में कोरोना संकट के बीच आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस से बात करते हुए रेपो रेट में 0.40 बेसिस प्वाइंट कटौती की घोषणा की है। इसके साथ ही आपकी लोन-EMI सस्ती हो सकती है। इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई गवर्नर ने 0.75 फीसदी कटौती का ऐलान किया था। वहीं रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35% कर दिया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने यह भी बताया कि मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट घटाने के पक्ष में वोट दिया। कमेटी की बैठक 3 जून से होनी थी, लेकिन पहले ही कर ली गई।
आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया भर में हालात चिंताजनक बने हुए हैं और लॉकडाउन के कारण मांग में कटौती हुई है। उन्होंने आगे कहा, “कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था को नुक़सान हुआ है। मार्च में औद्योगिक उत्पादन में 17 फ़ीसदी की कमी आई है और इस बार महंगाई दर 4% से कम रहेगी।”
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि नेगेटिव श्रेणी में बने रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि मांग और उत्पादन में कमी आई है। अप्रैल महीने में निर्यात में 60.3 फीसदी की कमी आई है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि कोर इंडस्टिरीज के आउटपुट में 6.5 फीसदी की कमी हुई है और मैन्युफेक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट हुई है।
उन्होंने आगे कहा, “दो महीने के लॉकडाउन से देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इंडस्ट्री वाले टॉप-6 राज्यों के ज्यादातर इलाके रेड और ऑरेंज जोन में हैं। इन राज्यों की इंडस्ट्री का आर्थिक गतिविधियों में 60% कॉन्ट्रिब्यूशन होता है।”
दूसरी ओर 27 मार्च को किए गए मोराटोरियम को अब 3 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। तीन महीने के लिए दिए गए हर तरह की राहत को अब और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। यानी मोराटोरियम 1 जून से 31 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया गया है, आपको और तीन महीने के लिए लोन की किस्त टालने का ऑप्शन मिल गया है।
RBI गवर्नर के प्रेस कांफ्रेंस की बड़ी बातें:
- रेपो रेट 4.4 से घाटकर 4 फीसदी किया गया।
- रिवर्स रेपो रेट घटकर 3.35 फीसदी हुई।
- ब्जाज दर में 0.4 फीसदी की कटौती की गई।
- देश में बिजली और पेट्रोलियम की खपत में काफी कमी आई है।
- कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हुआ है।
- देश में निवेश को लेकर काफी कमी आई है।
- 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि नेगेटिव श्रेणी में बने रहने की संभावना है।
- कोर इंडस्टिरीज के आउटपुट में 6.5 फीसदी की कमी आई।
- मैन्युफेक्चरिंग में 21 फीसदी की गिरावट हुई।
- मार्च में औद्योगिक उत्पादन में 17 फीसदी की कमी दर्ज की गई।
- अप्रैल महीने में निर्यात में 60.3 फीसदी की कमी आई।
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Published: 22 May 2020, 11:37 AM