अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरें: PNB में एक और बड़ा घोटाला, 3,688 करोड़ का लगा चूना और आज सस्ता हुआ सोना
PNB में एक बड़ी धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। पीएनबी ने कहा कि उसने DHFL के एनपीए खाते में 3,688.58 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में जानकारी आरबीआई को दी है और शुक्रवार को घरेलू बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
PNB में एक और बड़ा घोटाला, डीएचएफएल ने लगाया 3,688 करोड़ का चूना
सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को एक बार फिर लोन घोटाले का सामना करना पड़ा है। बैंक ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) को दिए 3,688.58 करोड़ रुपये के लोन को फ्रॉड घोषित किया है। इसके पहले नीरव मोदी और मेहुल चोकसी बैंक को 14 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगा चुके हैं। बैंक ने गुरुवार को बताया कि उसने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लि. (डीएचएफएल) के एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) खाते में 3,688.58 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बारे में जानकारी आरबीआई को दी है। डीएचएफएल उस समय सुर्खियों में आई थी जब एक रिपोर्ट में कहा गया कि उसने कई मुखौटा कंपनियों के जरिये कुल 97,000 करोड़ रुपये के बैंक कर्ज में से कथित रूप से 31,000 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
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दो दिन की तेजी के बाद आज सस्ता हुआ सोना
लगातार दो दिनों की तेजी के बाद शुक्रवार को घरेलू बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। शुक्रवार को दिल्ली सर्राफा बाजार में सोना भाव में सुबह के समय 138 रुपए की गिरावट दर्ज की गई। घरेलू बाजार में प्रति 10 ग्राम सोने की कीमत 49101 रुपए रही। वहीं चांदी की कीमत गिरकर 50,547 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। कल चांदी का भाव 51 हजार रुपए प्रति किलो के पार हो गया था। शुक्रवार को सोने की कीमत में 138 रुपये की गिरावट हुई है। इसके बाद सोने का भाव 49101 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गया है। वहीं 24 कैरेट सोने का भाव 138 रुपये तेज होकर 49101 रुपये पर पहुंच गया है। जबकि 23 कैरेट सोने का दाम अब 48904 रुपये हो गया है। वहीं 22 कैरेट गोल्ड का भाव 44977 रुपए और 18 कैरेट सोने का भाव 36826 रुपये पर हो गया है। जबकि चांदी की कीमत में 685 रुपए की गिरावट हुई है। इसके बाद चांदी की कीमत 50,547 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई है।
बांग्लादेश में भारतीय आर्थिक क्षेत्र के लिए 11.5 करोड़ डॉलर देगा भारत
भारतीय निवेशकों को समर्पित बांग्लादेश का आर्थिक क्षेत्र भारत से तीसरी क्रेडिट लाइन के तहत 11.5 करोड़ डालर का लाभ उठाने के लिए तैयार है। बांग्लादेश आर्थिक क्षेत्र प्राधिकरण (बीईजेडए) के निवेश प्रोत्साहन के संयुक्त सचिव व महाप्रबंधक मोहम्मद मोनिरुज्जमान ने आईएएनएस से इस बात की पुष्टि की है। गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट करार पर आधारित यह प्रस्तावित जोन 1,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बनना है और इसे बनाने की जिम्मेदारी भारत के अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड को दी गई है। बांग्लादेश के प्रधानमंत्री के कार्यालय (पीएमओ) ने इस साल की शुरुआत में अडानी को एक डेवलपर के रूप में मंजूरी दी थी। बीईजेडए, प्रधानमंत्री कार्यालय के तहत एक निवेश प्रोत्साहन एजेंसी है। इसने जून 2015 में इस जोन को विकसित करने के लिए भारत सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने MCLR में 20 आधार अंकों की कटौती की
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को अपने सभी अवधि के लिए कोष पर सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 20 आधार अंकों की कटौती करने की घोषणा की है। नई दरें शनिवार से लागू हो जाएंगी। इस कटौती के बाद सभी अवधि के ऋण पर एमसीएलआर दर 6.85 प्रतिशत से लेकर 7.40 प्रतिशत तक हो जाएगी। बैंक ने बताया कि एक साल की अवधि के ऋण पर एमसीएलआर दर 7.60 प्रतिशत से घटकर 7.40 प्रतिशत हो जाएगी। संशोधित एमसीएलआर 11 जुलाई 2020 से प्रभावी होगी। यह जुलाई 2019 के बाद बैंक द्वारा घोषित लगातार 13वीं कटौती है। बैंक आमतौर पर हर महीने एमसीएलआर की समीक्षा करते हैं।
देश में ईंधन की मांग मई के मुकाबले जून में 11 फीसदी बढ़ी
कोविड-19 महामारी की वजह से देश में लागू लॉकडाउन में ढील दिये जाने के बाद ईंधन की मांग में सुधार जारी है। पूर्ण लॉकडाउन के दौरान अप्रैल में ईंधन की मांग 13 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। मई के आखिर से अंकुशों में ढील के बाद आर्थिक गतिविधियों धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही हैं, जिससे ईंधन की मांग बढ़ रही है। ईंधन की मांग बढ़ने की एक और वजह यह है कि इस महामारी के डर से अब ज्यादा से ज्यादा लोग सार्वजनिक के बजाय निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ (पीपीएसी) के आंकड़ों के अनुसार जून में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत मई की तुलना में 11 फीसदी बढ़कर 1.62 करोड़ टन पर पहुंच गई। हालांकि, यह जून, 2019 की तुलना में 7.8 फीसदी कम है। पिछले साल जून में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत 1.76 करोड़ टन रही थी।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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