क्या बंद होंगे ₹ 2000 के नोट? मोदी सरकार ने दी सफाई, कहा- अभी नहीं हुआ कोई फैसला
2000 का नोट बंद करने की खबरों के बीच मोदी सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि इन नोटों की छपाई अभी बंद है, क्योंकि इनकी तादाद जरूरत से ज्यादा हो चुकी है।
नोटबंदी के बाद जारी किए गए 2000 रुपए के नोटों की छपाई आरबीआई ने बेहद कम दी है। ऐसे में चर्चा जोरों पर है कि दो साल के बाद ही क्या मोदी सरकार 2000 रुपए के नोट को बंद करने की तैयारी में है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट में इसका खुलासा होने के बाद मोदी सरकार ने सफाई दी है। नोटों की छपाई बंद करने पर आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने सरकार की ओर से सफाई दी और ट्वीट कर लिखा कि 2000 के नोटों की संख्या पर्याप्त है। बाजार में 2000 रुपए के नोटों की कोई कमी है, जिसकी वजह से 2000 रुपए के नोटों की छपाई को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। बता दें कि नवंबर 2016 में 500 और 1000 रुपये के नोटों को बैन करने की घोषणा के ठीक बाद 2000 रुपये और 500 रुपये के नए नोट को जारी किया गया था।
सुभाष चंद्र गर्ग ने बताया कि आरबीआई और केंद्र सरकार समय-समय पर करेंसी की छपाई की मात्रा पर फैसला करते हैं। लेकिन इसका फैसला चलन में मुद्रा की मौजूदगी के हिसाब से किया जाता है। जिस समय 2,000 का नोट जारी किया गया था तभी यह फैसला किया गया था कि धीरे-धीरे इसकी छपाई को कम किया जाएगा। 2,000 के नोट को जारी करने का एकमात्र मकसद जल्द से जल्द नकदी उपलब्ध कराना था।
आरबीआई डेटा के मुताबिक, मार्च 2017 के अंत में सर्कुलेशन में 2000 रुपये के नोटों की कुल संख्या 328.5 करोड़ थी। एक साल बाद (31 मार्च, 2018) मामूली वृद्धि के साथ इसकी संख्या 336.3 करोड़ हुई। वहीं मार्च 2018 के अंत में सर्कुलेशन में मौजूद कुल 18,037 अरब रुपये में से 37.3 फीसदी हिस्सा 2000 रुपये के नोटों का था। जबकि मार्च 2017 में यह हिस्सेदारी 50.2 फीसदी थी।
इससे पहले नवंबर 2016 में 500, 1000 रुपये के जिन नोटों को बंद किया गया उनका कुल मुद्रा चलन में 86 प्रतिशत तक हिस्सा था।
वहीं 2000 के बड़े नोट को लेकर विपक्षी दलों ने हमेशा आरोप लगाया था कि इस बड़े नोट की वजह से मनी लॉन्ड्रिंग के मामले बढ़े हैं।
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Published: 04 Jan 2019, 6:18 PM