भारत में लांच हुआ पहला बिटकॉइन ट्रेडिंग एप, सरकार ने निवेशकों को बचने की सलाह जारी की
बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए देश का पहला मोबाइल आधारित एप लांच किया गया है। हालांकि, सरकार ने बिटकॉइन की तुलना पोंजी स्कीम से करते हुए लोगों को सतर्क रहने को कहा है।
बिटकॉइन्स यानी आभासी मुद्राएं (क्रिप्टोकरेंसी) को लेकर इन दिनों काफी चर्चा है। लोगों में बिटकॉइन्स में निवेश को लेकर काफी सरगर्मी देखी जा रही है। भारत में भी ये चलन अपने पूरे जोर पर है। लेकिन सबसे आश्चर्य की बात ये है कि भारत सरकार इसे सुरक्षित नहीं मानती है। सरकार ने इसकी खरीद बिक्री के लिए इजाजत भी नहीं दी है, लेकिन इसके बावजूद इसका कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। सरकार सिर्फ बीच-बीच में सलाह जारी कर लोगों को इस आभासी मुद्रा में निवेश के खतरों से आगाह करने का काम करती है बजाय कोई सख्त कार्रवाई करने के।
बिटकॉइन्स के कारोबार और निवेशकों में उसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 28 दिसंबर को क्रिप्टोकरेंसी के डीलर प्लूटो एक्सचेंज ने भारत में आभासी मुद्राओं की लेन-देन के लिए पहला मोबाइल एप्लीकेशन शुरू करने की घोषणा की है। यह एक्सचेंज सभी लेन-देन को केवल मोबाइल नंबर के इस्तेमाल के जरिये ही अंजाम देगा। महज 4-डिजिट पिन का उपयोग कर यूजर मोबाइल नंबर के इस्तेमाल से बिटकॉइन की खरीद, बिक्री, उसका स्टोर और खर्च कर सकेंगे।एक्सचेंज के संस्थापक व प्रबंधक भरत वर्मा ने दावा किया कि पहले से बाजार में मौजूद एप्स का इस्तेमाल बिटकॉइन में लेन-देन करने में चूक होने का खतरा रहता है, लेकिन प्लूटो के एप्स में महज मोबाइल नंबर के 10 डिजिट से ही लेन-देन संभव हो जाएगा। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक सलाह जारी कर स्पष्ट किया है कि बिटकॉइन जैसी आभासी मुद्राएं कोई वैध मुद्राएं नहीं हैं और भारत में इसके लिए नियामक संबंधी अनुमति या परिरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है।
भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में निवेश के खतरों को लेकर लोगों को सतर्क किया है। वित्त मंत्रालय ने निवेशकों को सतर्क करते हुए कहा, "उपभोक्ताओं को ऐसी पोंजी योजनाओं में फंसने से बचने के लिए बहुत सतर्क रहने की जरूरत है।" मंत्रालय ने कहा कि बिटकॉइन की कोई 'वास्तविक कीमत' नहीं होती है। सरकार ने इसकी तुलना पोंजी स्कीम से की है, जिसमें भोले-भाले निवेशक धोखाधड़ी के शिकार होते हैं। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि आभासी मुद्राओं (वीसीज) को परिसंपत्तियों का कोई सहारा नहीं होता है, उनकी कीमतें पूर्णतया अनुमान पर आधारित होती हैं।
वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि बिटकॉइन या अन्य आभासी मुद्राओं में निवेश बड़ा जोखिम है। आभासी मुद्राओं को डिजिटल रूप में संग्रह किया जाता है, जिससे इनके साथ कोई दुर्घटना हो सकती है, जैसे कोई इन्हें हैक कर सकता है या फिर पासवर्ड भूलने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा मालवेयर के हमले से भी खतरे पैदा हो सकते हैं। इस तरह बिटकॉइन या अन्य आभासी मुद्राओं में निवेश किया गया पूरा पैसा डूब सकता है। इसमें लेन-देन कूट रूप में होता है, इसलिए इनका इस्तेमाल आतंकियों को धन मुहैया करवाने, तस्करी, नशीली दवाओं का कारोबार और अन्य धनशोधन जैसे अवैध व विनाशकारी गतिविधियों में भी किया जा सकता है। सरकार ने कहा कि आरबीआई ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के खतरों को लेकर निवेशकों को पहले भी तीन बार -दिसंबर 2013, फरवरी 2017 और दिसंबर 2017 में- सावधान किया है।
इससे पहले एप जारी करने वाली कंपनी प्लूटो एक्सचेंज के भरत वर्मा ने बताया, "प्लूटो एक्सचेंज का नारा है- 'अनबैंक द बैंक्ड बैंक' यानी बैंक के काम की जटिलता से लोगों को मुक्त करो। क्योंकि बाजार में पहले से ही मौजूद दूसरे सभी एप बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन के पते का उपयोग करते हैं। प्लूटो एक्सचेंज इस पूरे परिदृश्य को बदल कर रख देगा और इन सारी जटिलताओं को एक झटके में खत्म कर देगा।” प्लूटो एक्सचेंज एक ओपन पेमेंट प्लेटफॉर्म और डीसेंट्रलाइज्ड एक्सचेंज है, जो सभी क्रिप्टो एक्सचेंज पर इश्यू किया जाता है। कंपनी ने दावा किया कि यह पहला एप आधारित वॉलेट है, जो मोबाइल नंबर के इस्तेमाल के जरिये बिटकॉइन लेन-देन में सक्षम बनाता है।
भरत वर्मा ने कहा, "निवेश करना युवाओं का एक सपना होता है। हर कोई सुरक्षित व्यापार करना चाहता है। लेकिन बाजार ठगों से भरा पड़ा है। जालसाजी से संबंधित इन सभी घटनाओं को देखते हुए हमारी कंपनी ने एक नई पहल की है, जो सुरक्षा को बढ़ाएगा और निवेश में जालसाजी की घटनाओं में कमी लाएगा। यह एप प्रत्येक व्यक्ति को सभी प्रकार के लेन-देनों में केवल मोबाइल नंबर के इस्तेमाल के जरिये ही सरलता से सक्षम बनाएगा।"
बिटकॉयन का न्यूयार्क में मूल्य साल 2016 में करीब 1,600 फीसदी बढ़ा है और वर्तमान में इसका मूल्य लगभग 15,000 डॉलर है। भारत में, एक बिटकॉयन की कीमत 10 लाख रुपये है और लोग इसे खरीदने में 3,000 रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक का निवेश कर रहे हैं। प्लूटो एक्सचेंज की स्थापना भरत वर्मा द्वारा 2017 में की गई थी। प्लूटो एक्सचेंज एक एप सक्षम क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट प्रदाता कंपनी है जिसका मुख्यालय दुबई में है तथा आईटी विभाग दिल्ली में है।
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