तेजी से बंद हो रहे सरकारी बैंक! एक साल में एसबीआई के 420 ब्रांच और 768 एटीएम में लगे ताले
सरकारी बैंकों पर तेजी से ताले लग रहे हैं। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सिर्फ साल भर में 420 शाखाओं के साथ 768 एटीएम बंद कर दिए।
देश की आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। करीब सभी सेक्टर मंदी की मार झेल रहे हैं। वहीं सरकारी बैंकों पर तेजी से ताले लग रहे हैं। भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सिर्फ साल भर में 420 शाखाओं के साथ 768 एटीएम बंद कर दिए। प्रमुख शहरों में बैंकों को अपने खर्च में कमी लाने के लिए ऐसा इसलिए करना पड़ा, क्योंकि शहरी ग्राहक (बैंक खाताधारक) धीमे-धीमे बैंकिंग जरूरतों, ट्रांजैक्शंस और अन्य जरूरी कामों के लिए डिजिटल चैनलों की ओर रुख कर रहे हैं।
इन बैंकों की ताजा तिमाही रिपोर्ट्स के विश्लेषण के बाद ‘ईटी’ की रिपोर्ट में बताया गया कि देश के शीर्ष-10 सरकारी बैंकों (सबसे बड़े ब्रांच नेटवर्क के साथ) ने पिछले एक साल में 5500 एटीएम और 600 शाखाएं बंद कर दी थीं। ये बंदी तब की गई थी, जब बैंक अपनी बैलेंस शीट में खर्चे कम करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, एसबीआई ने जून 2018 से 2019 के बीच में 420 ब्रांच और 768 एटीएम बंद कर दिए थे, जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक ने करीब 40 शाखाएं और 274 एटीएम उसी समयकाल में बंद कर दिए थे। ब्रांच और एटीएम में कमी लाने वाले अन्य बैंकों में पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, यूनियन बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल है।
इकॉनोमिक्स टाइम्स के मुताबिक केवल इंडियन बैंक ही ऐसा बैंक था, जिसने अपने एटीएम और ब्रांच के नेटवर्क में उस दौरान बढ़ोतरी की थी, जबकि 10 में से शेष नौ बैंकों ने एटीएम की संख्या में कटौती कर दी थी और उनमें छह ने शाखाओं में गिरावट लाई थी।
बैंकर्स का कहना है कि एटीएम और बैंक शाखाएं वहां बंद हुईं, जहां पर भारी संख्या में लोग डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़े। सीबीआई के एमडी और सीईओ पल्लव महापात्रा के हवाले से कहा गया- सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों ने ज्यादातर मेट्रो शहरों में अपनी शाखाओं और एटीएम में कमी की, पर ग्रामीण और सेमी-अर्बन इलाकों में ऐसा नहीं किया।
वहीं, अधिकतर निजी बैकों मसलन एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक ने इसी दौरान अपने बैंकिंग नेटवर्क बढ़ोतरी की थी। आरबीआई का डेटा बताता है कि ये बैंक प्रमुख शहरों में ज्यादातर अपने एटीएम पर निर्भर रहते हैं।
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