आर्थिक मंदी पर मोदी सरकार के झूठ से उठा पर्दा! IMF प्रमुख बोलीं- भारत में साफ नजर आ रहा वैश्विक मंदी का असर
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंधन निदेशक के रूप में क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने कहा कि दो साल पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था बढ़ रही थी, और विश्व का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा बढ़ रहा था। लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था ‘समकालिक मंदी’ की चपेट में है।
केंद्र की मोदी सरकार अब तक इस बात से इनकार करती रही है कि भारत की अर्थव्यवस्था पर मंदी का कोई असर नहीं है। लेकिन अब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंधन निदेशक ने इस बात पर मुहर लगा दी है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर मंदी का असर दिखाई दे रहा है। आईएमएफ की नई प्रबंधन निदेशक क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं ‘समकालिक मंदी’ की चपेट में हैं, लेकिन भारत जैसी बड़ी और उभती अर्थव्यवस्था पर मंदी का असर स्पष्ट नजर आ रहा है।
आईएमएफ की प्रबंधन निदेशक ने कहा, “चारों तरफ फैली मंदी का मतलब यह है कि साल 2019-20 के दौरान बढ़ोतरी दर इस दशक की शुरूआत से अब तक सबसे निचले स्तर पर पहुंच जाएगी। उनके मुताबिक, विश्व का 90 प्रतिशत हिस्सा कम वृद्धि का सामना करेगा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंधन निदेशक के रूप में क्रिस्टालिना जियॉरजीवा मंगलवार को अपना पहला भाषण दे रही थीं। इस दौरान उन्होंने कहा, “दो साल पहले दुनिया की अर्थव्यवस्था बढ़ रही थी, और विश्व का करीब 75 प्रतिशत हिस्सा बढ़ रहा था। लेकिन अब वैश्विक अर्थव्यवस्था ‘समकालिक मंदी’ की चपेट में है।”
क्रिस्टालिना जियॉरजीवा ने आगे कहा, “अमेरिका और जर्मनी में बेरोजगारी ऐतिहासिक निचले स्तर पर है। बावजूद इसके अमेरिका, जापान और खास तौर पर यूरो क्षेत्र की विकसित अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक गतिविधियों में नर्मी देखी गई है।”
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंधन निदेशक ने कहा कि वैश्विक व्यापारिक वृद्धि करीब-करीब थम गई है। इसके साथ ही आईएमएफ ने घरेलू मांग बढ़ने की उम्मीद से कम संभावना की वजह से भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान में वित्तवर्ष 2019-20 के लिए 0.3 फीसदी की कमी कर उसे 7 प्रतिशत कर दिया है।
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Published: 09 Oct 2019, 11:27 AM