अर्थजगतः सितंबर में खुदरा के साथ थोक महंगाई भी बढ़ी और श्रीलंका सरकार अडानी बिजली प्रोजेक्ट पर करेगी पुनर्विचार
फ्रेश फूड ब्रांड प्लक ने स्पेंसर रिटेल के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी का ऐलान कर दिया है।चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत का कोयला आयात 11.4 प्रतिशत बढ़कर 12.11 करोड़ टन हो गया।
सितंबर में फिर बढ़ी खुदरा महंगाई, 5.49 प्रतिशत पर पहुंची
लगातार दो महीने राहत के बाद देश में खुदरा महंगाई में एक बार फिर तेजी देखी गई है। सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाने-पीने की चीजों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी के कारण सितंबर में उपभोक्ता मूल्य आधारित खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 5.49 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह पिछले साल दिसंबर के बाद का उच्चतम स्तर है। वहीं भारत की थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति सितंबर माह में 1.84 प्रतिशत हो गई। सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत की थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति के सितंबर माह में बढ़ने का कारण खाद्य वस्तुओं और कुछ विनिर्माण क्षेत्रों की कीमतों में उछाल रहा। अगस्त में थोक महंगाई दर 1.31 प्रतिशत और जुलाई में 2.04 प्रतिशत थी। सितंबर महीने में थोक महंगाई दर में मासिक आधार पर अगस्त के मुकाबले 0.06 प्रतिशत का बदलाव रहा।
वहीं, खाद्य पदार्थों की महंगाई दर 9.24 प्रतिशत दर्ज की गई। इससे पहले जुलाई में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.60 प्रतिशत और अगस्त में 3.65 प्रतिशत पर रही थी। दोनों महीने में खाद्य महंगाई दर भी छह फीसदी से नीचे रही थी। रिजर्व बैंक ने पिछले सप्ताह महंगाई फिर बढ़ने की आशंका जाहिर करते हुए रेपो दर तथा दूसरी नीतिगत दरें न घटाने का फैसला किया था। आंकड़ों के अनुसार, सितंबर में सब्जियों के दाम एक साल पहले की तुलना में 36 फीसदी बढ़े। दालों और उनके उत्पादों के दाम भी 9.81 प्रतिशत बढ़े। इस दौरान, फल 7.65 प्रतिशत और अनाज 6.84 फीसदी महंगे हुए। अंडों के दाम भी 6.31 फीसदी बढ़े। हालांकि, मसालों में 6.13 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
सरकार ने बताया कि सितंबर में स्वास्थ्य सेवाएं भी 4.09 फीसदी महंगी हो गईं। सौंदर्य प्रसाधन की महंगाई दर नौ फीसदी रही। हालांकि, ईंधन एवं बिजली वर्ग की महंगाई दर शून्य से 1.39 प्रतिशत कम रही। रिजर्व बैंक ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि जब तक खुदरा महंगाई स्थायी रूप से कम नहीं हो जाती नीतिगत दरों में कटौती नहीं की जाएगी। इससे पहले थोक महंगाई के आंकड़े भी जारी किए गए थे। सितंबर में थोक महंगाई दर बढ़कर 1.84 प्रतिशत पर पहुंच गई है। हालांकि, खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर भी 9.47 प्रतिशत के उच्च स्तर पर पहुंच गई।
श्रीलंका सरकार अडानी बिजली प्रोजेक्ट पर करेगी पुनर्विचार
श्रीलंका की नई सरकार भारत के अडानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना के लिए पिछली सरकार द्वारा दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार करेगी। अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली श्रीलंका की नई सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को यह जानकारी दी। अटॉर्नी जनरल की ओर से न्यायालय की पांच सदस्यीय पीठ को बताया गया कि परियोजना की समीक्षा करने का निर्णय सात अक्टूबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया था। अदालत को बताया गया कि नयी सरकार का अंतिम निर्णय 14 नवंबर के संसदीय चुनाव के बाद नये मंत्रिमंडल का गठन होने पर घोषित किया जाएगा।
राष्ट्रपति दिसानायके ने 21 सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव से पहले वादा किया था कि उनका नेशनल पीपल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन इस परियोजना को रद्द कर देगा। एनपीपी ने दावा किया कि यह परियोजना श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र की संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी समूह मन्नार और पूनरी के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 484 मेगावाट पवन ऊर्जा के विकास के लिए 20 साल के समझौते के साथ 44 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक निवेश करने वाला था। इस परियोजना को श्रीलंका के उच्चतम न्यायालय में मौलिक अधिकारों के मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है।
सेंसेक्स 592 अंक चढ़ा, निफ्टी 25,000 अंक के पार
वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख के बीच सूचना प्रौद्योगिकी और बैंक शेयरों में तेजी से बीएसई सेंसेक्स में सोमवार को करीब 592 अंक की तेजी आई। एनएसई निफ्टी बढ़त के साथ 25,000 अंक के पार निकल गया। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 591.69 अंक यानी 0.73 प्रतिशत उछलकर 81,973.05 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, एक समय यह 690.81 अंक तक चढ़ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 163.70 अंक यानी 0.66 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,127.95 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 195.5 अंक तक चढ़ गया था।
सेंसेक्स के शेयरों में टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, लार्सन एंड टुब्रो, आईटीसी, इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टाइटन और एचसीएल टेक्नोलॉजीज लाभ में रहे। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में मारुति सुजुकी इंडिया, टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले इंडिया, एक्सिस बैंक और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) शामिल हैं।
स्पेंसर रिटेल के साथ हुआ ‘प्लक’ का समझौता
फ्रेश फूड ब्रांड प्लक ने स्पेंसर रिटेल के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी का ऐलान कर दिया है। इस सहयोग के तहत स्पेंसर रिटेल लखनऊ, वाराणसी और गोरखपुर के स्टोर में अपने फ्रेश सेक्शन में प्लक के प्रीमियम प्रोडक्ट को पेश करेगा। दरअसल, ‘प्लक’ फलों और सब्जियों के क्षेत्र में अपनी तरह का पहला डिजिटल लाइफस्टाइल-ओरिएंटेड फ्रेश फूड ब्रांड है। इस साझेदारी के तहत ‘प्लक’ स्पेंसर रिटेल को प्रमाणित गैर-जीएमओ उत्पाद और एचएसीसीपी-प्रमाणित गुणवत्ता का आश्वासन तो देगा ही, साथ ही वह ओजोन से धुले हुए फल और सब्जियां भी मुहैया कराएगा। कंपनी की उत्पाद रेंज दैनिक आवश्यक वस्तुओं, विदेशी सेलेक्शन, कट्स, मिक्स और जूस समेत लगभग 90 आइटम को कवर करती है।
स्पेंसर रिटेल के चीफ मर्चेंडाइजिंग ऑफिसर सौरभ बंसल ने इस साझेदारी पर कहा, "प्लक के साथ हमारी साझेदारी हमारे ग्राहकों के लिए ताजा भोजन के अनुभव को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्लक की विशेषज्ञता और गुणवत्ता के प्रति प्रतिबद्धता हमारे ग्राहकों को सर्वश्रेष्ठ उत्पाद मुहैया कराने में स्पेंसर के मिशन के साथ पूरी तरह से मेल खाती है।"
वहीं, प्लक के सीईओ प्रतीक गुप्ता ने कहा, "हम अपने हाई क्वालिटी वाले प्रोडक्ट को उनके ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए स्पेंसर रिटेल के साथ साझेदारी करने के लिए उत्साहित हैं। इस सहयोग से हम हर दिन ताजा, स्वस्थ और सुरक्षित भोजन को उपभोक्ताओं के लिए सुनिश्चित कर सकते हैं। हमें अगले 12 महीनों में अपनी उपस्थिति दोगुनी करने का अनुमान है।" ‘प्लक’ दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में काम करता है। कंपनी किसानों को सीधे उपभोक्ताओं से जोड़ती है और हर महीने 20 लाख से अधिक उत्पादों को 5 लाख घरों तक पहुंचाती है।
भारत का कोयला आयात अप्रैल-अगस्त में 11 प्रतिशत बढ़ा
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान भारत का कोयला आयात 11.4 प्रतिशत बढ़कर 12.11 करोड़ टन हो गया। देश ने पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में 10.87 करोड़ टन कोयले का आयात किया था। ई-कॉमर्स मंच ‘एमजंक्शन’ के आंकड़ों के मुताबिक, ‘‘अप्रैल-अगस्त, 2024 के दौरान कुल कोयला और कोक आयात 12.11 करोड़ टन रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान आयात किए गए 10.87 करोड़ टन से लगभग 11.4 प्रतिशत अधिक है।''
अगस्त में कोयले का आयात एक साल पहले के 1.96 करोड़ टन से 5.4 प्रतिशत बढ़कर 2.07 करोड़ टन हो गया। अगस्त, 2024 में कुल आयात में गैर-कोकिंग कोयले का आयात सालाना आधार पर 1.18 करोड़ टन से बढ़कर 1.30 करोड़ टन रहा। कोकिंग कोयले का आयात 46.2 लाख टन से घटकर 45.3 लाख टन रह गया। इस साल अप्रैल-अगस्त के दौरान, गैर-कोकिंग कोयले का आयात 7.86 करोड़ टन था। कोकिंग कोयले का आयात 2.47 करोड़ टन रहा।
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