अर्थजगतः शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला थमा, सेंसेक्स चढ़ा और ओला इलेक्ट्रिक ने निवेशकों का कराया नुकसान
सोशल मीडिया कंपनी मेटा ने कहा कि वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले से सहमत नहीं है और इसके खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है।
शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला थमा, सेंसेक्स 239 अंक चढ़ा
मिले-जुले वैश्विक रुख के बीच बैंकिंग, सूचना प्रौद्योगिकी और वाहन शेयरों में खरीदारी के चलते मंगलवार को शेयर बाजार में पिछले कई दिन से जारी गिरावट का सिलसिला थम गया। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स करीब 240 अंक या 0.31 प्रतिशत और एनएसई निफ्टी करीब 65 अंक या 0.28 प्रतिशत चढ़कर बंद हुए। कारोबारियों ने कहा कि घरेलू संस्थागत निवेशकों की लगातार खरीदारी से भी बाजार धारणा को समर्थन मिला। चार दिन की गिरावट के बाद सेंसेक्स 239.37 अंक या 0.31 प्रतिशत चढ़कर 77,578.38 अंक पर बंद हुआ।
कारोबार के अंत में रिलायंस इंडस्ट्रीज में आई गिरावट ने बाजार की तेजी को सीमित कर दिया। दिन के कारोबार में सेंसेक्स 1,112.64 अंक या 1.43 प्रतिशत बढ़कर 78,451.65 अंक पर पहुंच गया था। एनएसई निफ्टी भी 64.70 अंक या 0.28 प्रतिशत बढ़कर 23,518.50 अंक पर बंद हुआ। दिन में सूचकांक 300 अंक से अधिक उछलकर 23,780 अंक के स्तर पर पहुंच गया था। पिछले सात कारोबारी सत्रों में निफ्टी 1,030 अंक या 4.3 प्रतिशत से अधिक टूटा था।बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, एफआईआई की बिकवाली, कंपनियों के उम्मीद से कमजोर तिमाही नतीजों और मजबूत अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल के कारण बाजार पर दबाव बना हुआ है।
ओला इलेक्ट्रिक ने निवेशकों का कराया नुकसान
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में बीते कुछ महीनों में भारी गिरावट देखने को मिली है और इस कारण निवेशकों को तकड़ा नुकसान हुआ है। मंगलवार को शेयर 70.20 रुपये पर था, जो कि उसके ऑल-टाइम हाई 157.40 प्रति शेयर से 55 प्रतिशत या 87.20 रुपये प्रति शेयर कम है। शेयर में गिरावट के साथ ही कंपनी का मार्केट कैप भी 38,000 करोड़ रुपये कम हो गया है। कंपनी का मार्केट कैप ऑल टाइम हाई पर करीब 69,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया था, जो कम होकर 31,000 करोड़ रुपये पर ही रह गया है। कंपनी के शेयर में गिरावट की वजह खराब सर्विस और प्रोडक्ट क्वालिटी को लेकर लगातार ग्राहकों की ओर से आने वाली शिकायतों को माना जा रहा है।
ओला इलेक्ट्रिक के एक ग्राहक ने बताया कि मुझे गाड़ी खरीदे हुए करीब चार महीने का समय हो गया है। बीते दो महीने गाड़ी में समस्याएं आ रही हैं। एक महीने में तीन बार ब्रेक शू खराब हो चुके हैं। सर्विस काफी खराब है। कभी पहले दिन नंबर नहीं आता है। अन्य ग्राहकों ने बताया कि गाड़ी में सॉफ्टवेयर, बैटरी और टायर जाम जैसी कई अन्य समस्याएं भी हैं। वाराणसी में वकील विशाल ने कहा कि ओला इलेक्ट्रिक की एस1 एयर मेरे पास है। गाड़ी को खरीदे एक साल भी नहीं हुआ है, लेकिन इसकी बैटरी तीन बार खराब हो चुकी है। इसमें सॉफ्टवेयर को लेकर काफी समस्याएं हैं। ये क्रैश हो जाते हैं, जिसके कारण गाड़ी हैग हो जाती है। लोकल मैकेनिक इसे ठीक नहीं कर सकते हैं। इस कारण बार-बार सर्विस सेंटर पर ले जाना बोता है। आगे कहा कि सर्विस सेंटर पर एक बार गाड़ी ले जाने के बाद कम से कम एक हफ्ते से लेकर महीने तक स्कूटर वहां खड़ा रहता है।
इसके अलावा ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में गिरावट की एक वजह कंपनी का लगातार नुकसान में होना है। वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 495 करोड़ रुपये का नुकसान दर्ज किया था। इस दौरान कंपनी का आय 1,214 करोड़ रुपये रही थी। इससे पहले की तिमाही यानी वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल से जून की अवधि में ओला इलेक्ट्रिक की आय 1,644 करोड़ रुपये रही थी। इस दौरान कंपनी को 347 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
मेटा ने CCI के जुर्माना लगाने के फैसले से असहमति जतायी, आगे अपील की योजना
सोशल मीडिया कंपनी मेटा ने कहा कि वह भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के फैसले से सहमत नहीं है और इसके खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सोमवार को सोशल मीडिया कंपनी मेटा पर 213.14 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना 2021 में व्हॉट्सएप की निजता नीति अद्यतन के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों को अपनाने के लिए लगाया गया। इसके अलावा, सीसीआई ने मेटा को प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार को बंद करने और उनसे दूर रहने का निर्देश दिया है।
सीसीआई के आदेश के अनुसार, मेटा और व्हाट्सएप को प्रतिस्पर्धा रोधी मुद्दों के समाधान के लिए एक निश्चित समय-सीमा के भीतर कुछ व्यावहारिक उपायों को लागू करने के लिए भी कहा गया है। मेटा के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सीसीआई के निर्णय से असहमत है और उसके खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘गौरतलब है कि 2021 के ‘अपडेट’ ने लोगों के व्यक्तिगत संदेशों की गोपनीयता में कोई बदलाव नहीं किया और इसे उस समय उपयोगकर्ताओं के लिए एक विकल्प के तौर पर पेश किया गया था। हमने यह भी सुनिश्चित किया कि इस ‘अपडेट’ से कोई भी खाता न हटे (डिलीट न हो) या न व्हाट्सएप सेवा बाधित हो।’’ मेटा ने कहा कि यह ‘अपडेट’ व्हाट्सएप पर वैकल्पिक व्यावसायिक सुविधाओं को शुरू करने के बारे में है। साथ ही यह डेटा संग्रह तथा उपयोग के बारे में और अधिक पारदर्शिता प्रदान करता है।
फोनपे भारत में एप्पल ऐप स्टोर पर टॉप रेटेड ऐप बना
फोनपे ने मंगलवार को घोषणा की कि उसने भारत में एप्पल ऐप स्टोर पर 6.4 मिलियन रेटिंग्स हासिल की है, जिसकी औसत रेटिंग 4.7 स्टार है। यह उपलब्धि फोनपे को यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े ऐप्स को पीछे छोड़ते हुए आईओएस ऐप स्टोर पर सबसे ज्यादा रेटिंग वाला भारतीय ऐप बना देती है। इस कामयाबी के पीछे फोनपे का बेहतरीन यूजर इंटरफेस और अनुभव, सबसे तेज और सफल ट्रांजैक्शन दर, और लाखों यूजर्स का इस प्लेटफॉर्म के प्रति भरोसा है।
इस अवसर पर फोनपे के को-फाउंडर और सीटीओ राहुल चारी ने कहा, "हमें खुशी है कि हमने ऐप स्टोर पर यह खास मुकाम हासिल किया। हम इस बात से गर्व महसूस करते हैं कि हमारे 575 मिलियन से ज्यादा यूजर्स को फोनपे की सरलता और विश्वसनीयता पसंद आती है।" उन्होंने यह भी बताया कि फोनपे आईओएस और एंड्रॉयड दोनों पर एक जैसा अनुभव देने के लिए हमेशा नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी को अपनाता है। जैसे आईओएस के लिए स्विफ्टयूआई जैसी नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल, ताकि यूजर्स को सबसे बेहतर अनुभव मिले। उन्होंने कहा कि यह मील का पत्थर बड़े पैमाने पर इनोवेशन पर हमारे निरंतर फोकस को भी दर्शाता है।
फोनपे ने अगस्त 2016 में भारत का पहला नॉन-बैंकिंग यूपीआई ऐप लॉन्च किया था। फोनपे अगस्त 2016 में लॉन्च होने वाला पहला गैर-बैंकिंग UPI ऐप था। बहुत कम समय में, कंपनी ने खुद को डिजिटल पेमेंट स्पेस में लीडर के रूप में स्थापित किया है और पेमेंट्स में क्रांति ला दी है, जिससे देश के 99 प्रतिशत पिन कोड वाले इलाकों में लाखों भारतीयों के लिए फाइनेंशियल इंक्लूजन संभव हो पाया है। हाल ही में कंपनी ने अपनी पहली वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें उनके विजन, स्ट्रैटेजी, गवर्नेंस और फाइनेंशियल परफॉर्मेंस का विवरण दिया गया। यह रिपोर्ट एक अरब से अधिक भारतीयों के लिए नए और इनोवेटिव फाइनेंशियल सॉल्यूशंस देने की उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।
टाटा मोटर्स ने सऊदी अरब में अपना पहला एएमटी ट्रक किया लॉन्च
टाटा मोटर्स ने मंगलवार को सऊदी अरब में अपना पहला ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन (एएमटी) ट्रक, टाटा प्राइमा 4440.S एएमटी लॉन्च करने की घोषणा की। टाटा मोटर्स ने दम्माम में हैवी इक्विपमेंट एंड ट्रक्स (एचईएटी) शो में अपने पांच हाई-परफॉरमेंस प्रोडक्ट भी प्रदर्शित किए, जिन्हें देश की जरूरत के अनुरूप डिजाइन और इंजीनियर किया गया है और जो अलग-अलग तरह के एप्लीकेशन को पूरा करते हैं। टाटा मोटर्स के एचईएटी शो पवेलियन के दौरान टाटा मोटर्स कमर्शियल व्हीकल्स के हेड, इंटरनेशनल बिजनेस, अनुराग मेहरोत्रा ने कहा, "सऊदी अरब टाटा मोटर्स के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। सऊदी अरब तेजी से बदलाव के दौर से गुजर रहा है, इसलिए हम अपने एडवांस सॉल्यूशन के साथ इसकी उभरती गतिशीलता आवश्यकताओं को सपोर्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" मेहरोत्रा ने कहा, "लेटेस्ट टेक्नोलॉजी, विश्वसनीयता और ग्राहक लाभप्रदता पर मजबूत फोकस के साथ, हमें सऊदी अरब में अपना पहला ऑटोमेटेड मैनुअल ट्रांसमिशन ट्रक लॉन्च करने पर गर्व है।"
टाटा मोटर्स के ट्रकों की रेंज व्यापक सेवाओं से पूरी की जाती है, जो इसके ऑफिशियल डिस्ट्रीब्यूटर मोहम्मद यूसुफ नागी मोटर्स कंपनी के साथ साझेदारी में प्रदान की जाती है। प्राइमा 4440.एस एएमटी कैरियर, हेवी इक्विप्मेंट ट्रांसपोर्टेशन के लिए उपयुक्त है। कंपनी के एक बयान के अनुसार, फ्यूल सेविंग और ड्यूरेबल ऑटोमेटेड ट्रांसमिशन के साथ यह ट्रक बहुत से स्मार्ट फीचर्स जैसे लोड-बेस्ड स्पीड कंट्रोल सिस्टम, सिस्टम डाउन प्रोटेक्शन सिस्टम और बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी के लिए ऑटो स्टार्ट-स्टॉप सिस्टम से लैस है। इसमें यूरो-वी कम्प्लाइंट 8.9-लीटर कमिंस इंजन है जो 400 बीएचपी और 1,700 एनएम का टॉर्क उत्पन्न करता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सबसे भारी लोड, सबसे कठिन इलाकों और सबसे खड़ी ढलानों को संभालने के लिए पर्याप्त शक्ति उपलब्ध हो।
बयान में कहा गया कि न्यूमेटिकली सस्पेंडेड सीट और टिल्ट-एंड-टेलीस्कोपिक स्टीयरिंग व्हील वाला आधुनिक केबिन, ड्राइवर के आराम और सुविधा को बढ़ाता है, जिससे उत्पादकता में वृद्धि होती है। टाटा मोटर्स 40 से अधिक देशों में एक वाइड कमर्शियल व्हीकल पोर्टफोलियो प्रदान करता है, जिसमें 1 टन से लेकर 60 टन तक के कार्गो वाहन और 9-सीटर से लेकर 71-सीटर मास मोबिलिटी सॉल्यूशन शामिल हैं। टाटा मोटर्स की एडवांस आरएंडडी क्षमताओं द्वारा समर्थित, इन वाहनों को स्थानीय बाजार की आवश्यकताओं के अनुरूप मजबूती से इंजीनियर किया गया है।
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