अर्थजगतः देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10.75 अरब डॉलर घटा और भारत बना विश्व का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार
शेयर बाजार तीन दिनों की गिरावट के बाद शुक्रवार को उबरने में सफल रहा। सेंसेक्स में 218 अंकों की बढ़त रही जबकि निफ्टी भी 104 अंक उछाल के साथ बंद हुआ। त्योहारी सीजन में वाहनों की मांग में उछाल देखने को मिल रहा है। दोपहिया वाहनों की मांग सबसे ज्यादा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 10.75 अरब डॉलर घटा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 10.75 अरब डॉलर घटकर 690.43 अरब डॉलर रहा। यह हाल के दिनों में मुद्रा भंडार में सबसे बड़ी गिरावट है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पिछले सप्ताह देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.71 अरब डॉलर घटकर 701.18 अरब डॉलर रहा था। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब अमेरिकी डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 11 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 10.54 अरब डॉलर घटकर 602.10 अरब डॉलर रह गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है।
समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 9.8 करोड़ डॉलर घटकर 65.66 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 8.6 करोड़ डॉलर घटकर 18.34 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 2 करोड़ डॉलर घटकर 4.33 अरब डॉलर रहा।
भारत बना विश्व का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार
भारत चीन को पछाड़ दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया वाहन बाजार बन गया है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग, अनुकूल मानसून की स्थिति और ग्रामीण विकास के लिए सरकार की पहल जैसे कारकों की वजह से भारत सबसे बड़ा दोपहिया बाजार बन कर उभरा है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2024 की पहली छमाही में दोपहिया वाहनों की बिक्री में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। दोपहिया वाहनों की बिक्री में भारत ही नहीं, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व और अफ्रीका में भी वृद्धि देखी गई। हालांकि, चीन और दक्षिण पूर्व एशिया (एसईए) में दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट दर्ज हुई।
वरिष्ठ विश्लेषक सौमेन मंडल ने कहा कि भारत के दोपहिया वाहन बाजार में इस वर्ष की पहली छमाही में 22 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल देखा गया है। उन्होंने कहा, "इस मजबूत प्रदर्शन से भारत चीन से आगे निकल गया और दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया बाजार बन गया।" भारत में इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर दोपहिया वाहनों में मजबूत दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज हुई। वहीं, चीन में 125 सीसी से कम क्षमता वाले दोपहिया वाहन लोकप्रिय बने हुए हैं, लेकिन ग्राहक रोजाना इस्तेमाल के लिए मोटरसाइकिल और स्कूटर की जगह ई-साइकिल का विकल्प चुन रहे हैं। इस बदलाव के कारण चीनी दोपहिया वाहन बाजार में, खास तौर पर इलेक्ट्रिक सेगमेंट में अस्थायी मंदी आई हुई है। दक्षिण पूर्व एशिया में, इंडोनेशिया, वियतनाम, फिलीपींस, थाईलैंड और मलेशिया जैसे प्रमुख बाजारों में भू-राजनीतिक व्यापार तनाव और कठोर ऋण मानदंड दोपहिया वाहनों की बिक्री में गिरावट की वजह बने हैं। इसके अलावा, आर्थिक अनिश्चितता के बीच ग्राहकों के सतर्क रवैये ने दोपहिया वाहनों की बिक्री को प्रभावित किया है।
टॉप 10 वैश्विक दोपहिया वाहन निर्माताओं ने 2024 की पहली छमाही के दौरान 75 प्रतिशत से अधिक बिक्री की। होंडा ने वैश्विक दोपहिया वाहन बाजार का अगुवा बना हुआ है, जिसके बाद हीरो मोटोकॉर्प, यामाहा, टीवीएस मोटर और याडिया का स्थान रहा। टॉप 10 ब्रांड में टीवीएस मोटर सालाना आधार पर 25 प्रतिशत वृद्धि के साथ सबसे तेजी से बढ़ने वाला ब्रांड रहा । वहीं, याडिया में सालाना आधार पर 29 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे अधिक गिरावट आई और कंपनी पांचवें स्थान पर खिसक गई। रिसर्च के उपाध्यक्ष नील शाह ने कहा कि विद्युतीकरण बढ़ रहा है और हमारा अनुमान है कि 2030 तक बिकने वाले 10 में से 4 दोपहिया वाहन इलेक्ट्रिक होंगे। उन्होंने कहा, "दोपहिया वाहन सेगमेंट में एम्बेडेड सेलुलर कनेक्टिविटी को अपनाने में भी तेजी दिख रही है। जैसे-जैसे ऑटोमोटिव इंडस्ट्री सी-वी2एक्स टेक्नोलॉजी की ओर आगे बढ़ेगी, दोपहिया वाहन सेगमेंट भी उसी राह पर आगे बढ़ेगा।"
शेयर बाजार में तीन दिनों से जारी गिरावट थमी, सेंसेक्स 218 अंक चढ़ा
मजबूत वैश्विक संकेतों और घरेलू स्तर पर बैंकों एवं वित्तीय शेयरों में तगड़ी लिवाली आने से शुक्रवार को शेयर बाजार तीन दिनों की गिरावट से उबरने में सफल रहे। सेंसेक्स में 218 अंकों की बढ़त रही जबकि निफ्टी 104 अंक उछल गया। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स अपने शुरुआती निचले स्तरों से उबरकर 218.14 अंक यानी 0.27 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,224.75 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 384.54 अंक बढ़कर 81,391.15 तक पहुंच गया था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का मानक सूचकांक निफ्टी भी उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में 104.20 अंक यानी 0.42 प्रतिशत बढ़कर 24,854.05 पर बंद हुआ। इसके साथ ही घरेलू शेयर बाजार तीन दिनों से जारी गिरावट से उबरने में सफल रहे। इसमें घरेलू संस्थागत निवेशकों की खरीदारी ने अहम भूमिका निभाई। सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से एक्सिस बैंक के शेयर ने सितंबर तिमाही के बढ़िया नतीजों के दम पर लगभग छह प्रतिशत की छलांग लगाई। इसके अलावा आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, एनटीपीसी, जेएसडब्ल्यू स्टील, भारतीय स्टेट बैंक और अदाणी पोर्ट्स भी बढ़त के साथ बंद हुए।
त्योहारी सीजन में रिटेल ऑटो बिक्री ने पकड़ी रफ्तार
त्योहारी सीजन में वाहनों की मांग में उछाल देखने को मिल रहा है। दूसरे हफ्ते (10 अक्टूबर से लेकर 16 अक्टूबर) के बीच सभी ऑटो सेगमेंट में मांग में पहले हफ्ते के मुकाबले सुधार देखा गया है। शुक्रवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। बीएनपी परिबास इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया कि दोपहिया वाहनों की मांग में पिछले साल के त्योहारी सीजन के दूसरे हफ्ते (22 से लेकर 28 अक्टूबर) के मुकाबले एकल अंक में वृद्धि देखने को मिली है। त्योहारी सीजन के दूसरे हफ्ते में यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट देखी गई। तिपहिया वाहनों के पंजीकरण में एकल अंक में गिरावट देखी गई है। ट्रैक्टर की बिक्री में दोहरे अंक में गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि नया डेटा आने के साथ दूसरे हफ्ते के आंकड़ों को रिवाइज किया जा सकता है।
दूसरे हफ्ते में हुई साप्ताहिक आधार पर वृद्धि ऐतिहासिक साप्ताहिक आधार पर हुई वृद्धि से अधिक है और इससे रिकवरी के संकेत मिलते हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि अगर मौजूदा ट्रेंड जारी रहता है तो इस वर्ष सालाना आधार पर दोपहिया वाहनों की वृद्धि दर 13 प्रतिशत, मोपेड्स की 19 प्रतिशत, यात्री वाहनों की 6 प्रतिशत, तिपहिया वाहनों की 15 प्रतिशत और ट्रैक्टर में -6 प्रतिशत रह सकती है। एसआईएएम के ताजा डेटा के मुताबिक, इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही में दोपहिया वाहनों में सालाना आधार पर मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि देखी गई, जबकि तिपहिया वाहनों में उच्च एकल अंकों की वृद्धि हुई। मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) ने जुलाई-सितंबर की अवधि में मिले-जुले राजस्व वृद्धि और मार्जिन की जानकारी दी। सितंबर में यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री 3,15,689 रही, जबकि पिछले साल सितंबर में यह 3,16,908 इकाई थी।
फुलर्टन ने 252 करोड़ रुपए में लेंडिंगकार्ट में नियंत्रण हिस्सेदारी खरीदी
फिनटेक कंपनी लेंडिंगकार्ट की ओर से शुक्रवार को ऐलान किया गया कि फुलर्टन फाइनेंशियल होल्डिंग्स (एफएफएच), कंपनी में मौजूदा निवशक, कंपनी में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल करने जा रहा है। एफएफएच, सिंगापुर के मुख्यालय वाली एक कंपनी टेमासेक की सहयोगी कंपनी है। कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, एफएफएच ने लेंडिंगकार्ट में 252 करोड़ रुपए निवेश करने का वादा किया है। फिनटेक कंपनी ने आगे कहा कि इस निवेश के बाद एफएफएच की लेंडिंगकार्ट में बहुलांश हिस्सेदारी हो जाएगी। साथ ही बताया कि ये मामला अभी नियामक अनुमति के आधीन है। हालांकि, इस निवेश के बाद लेंडिंगकार्ट में एफएफएच की कितनी हिस्सेदारी हो जाएगी, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है।
मार्च 2024 तक एफएफएच के पास लेंडिंगकार्ट टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (एलटीपीएल) में लगभग 38.16 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। एफएफएच के सीईओ हांग पिंग येओ ने लेंडिंगकार्ट में निवेश पर कहा कि भारत में एमएसएमई के अवसरों में हमारा निरंतर विश्वास बना हुआ है। हम मानते हैं कि अच्छी तरह से शासित, स्केलेबल फ्रेंचाइजी छोटे व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण वैल्यू ला सकती हैं। अहमदाबाद आधारित फिनटेक लेंडिंगकार्ट ने कहा कि इस पूंजीगत निवेश से उन्हें अनछूए बाजार में पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही वे अपनी टेक्नोलॉजी को अपग्रेड कर सकते हैं। इससे भारत में छोटे बिजनेस के लिए वित्तीय समावेशन में मदद मिलेगी।
लेंडिंगकार्ट के संस्थापक और प्रबंध निदेशक हर्षवर्द्धन लूनिया ने कहा कि यह निवेश एमएसएमई ऋण परिदृश्य को बदलने की लेंडिंगकार्ट की क्षमता का प्रतिनिधित्व करता है। हमारा लक्ष्य भारतीय वित्तीय बाजार में एफएफएच की पिछली सफलताओं को दोहराना है। लेंडिंगकार्ट को फुलर्टन फाइनेंशियल होल्डिंग (एफएफएच), बर्टेल्समैन, मेफील्ड इंडिया, सामा कैपिटल, सिस्टेमा एशिया, इंडिया कोशिएंट और अन्य जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से फंड मिल चुका है और इसने अब तक लगभग 1,050 करोड़ रुपये की इक्विटी जुटाई है।
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