अर्थजगतः शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 581 अंक फिसला और पेत्रपोल बंदरगाह से भारत-बांग्लादेश व्यापार फिर से शुरू

आरबीआई ने आज चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार नीतिगत रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया। आरबीआई की ओर से यूपीआई के जरिए टैक्स भुगतान करने की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है।

शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 581 अंक फिसला
शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 581 अंक फिसला
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नवजीवन डेस्क

शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 581 अंक फिसला

भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को लाल निशान में बंद हुआ। बैंक निफ्टी को छोड़कर बाकी सभी मुख्य सूचकांकों में गिरावट रही। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 581 अंक या 0.73 प्रतिशत गिरकर 78,886 और निफ्टी 180 अंक या 0.74 प्रतिशत फिसलकर 24,117 पर बंद हुआ। बाजार में गिरने वाले शेयरों की संख्या अधिक थी। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर 1,768 शेयर हरे निशान में और 2,137 शेयर लाल निशान में और 105 शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए हैं। गुरुवार को आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति कमेटी के फैसले का ऐलान किया गया, जिसमें ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा गया। मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी गिरावट देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 192 अंक या 0.34 प्रतिशत गिरकर 56,681 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 76 अंक या 0.41 प्रतिशत गिरकर 18,307 पर बंद हुआ। निफ्टी बैंक 37.70 अंक या 0.08 प्रतिशत बढ़कर 50,156 पर बंद हुआ। आईटी, पीएसयू बैंक, एफएमसीजी, मेटल, रियल्टी, एनर्जी और इन्फ्रा सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे। वहीं, फिन सर्विस, फार्मा, मीडिया और प्राइवेट बैंक में तेजी थी। सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईटीसी, इंडसइंड बैंक और एक्सिस बैंक टॉप गेनर्स रहे। एशियन पेंट्स, इन्फोसिस, जेएसडब्ल्यू स्टील, अल्ट्राटेक सीमेंट, पावर ग्रिड, एलएंडटी और एचसीएल टेक टॉप लूजर्स थे। आनंद राठी शेयर्स और स्टॉक ब्रोकर्स में मुख्य अर्थशास्त्री और कार्यकारी निदेशक सुजान हाजरा का कहना है कि आरबीआई ने मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि, खाद्य महंगाई अभी भी एक चिंता का विषय बनी हुई है। वहीं, मौद्रिक नीति की अच्छी बात यह है कि चालू वित्त वर्ष के जीडीपी विकास दर अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। बाजार के हिसाब से यह एक न्यूट्रल मौद्रिक नीति है।

पेत्रपोल बंदरगाह से भारत-बांग्लादेश व्यापार फिर से शुरू

पश्चिम बंगाल में पेत्रपोल भूमि बंदरगाह के जरिये भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार बृहस्पतिवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच फिर से शुरू हो गया। बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफा देने के बाद पांच अगस्त को दोनों दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापार रुक गया था। पेत्रपोल को छोड़कर पश्चिम बंगाल के कई स्थल बंदरगाहों के जरिये बुधवार को आंशिक रूप से इसे फिर शुरू किया गया। पेत्रपोल के जरिये द्विपक्षीय व्यापार बांग्लादेश के साथ साझा सभी स्थलीय बंदरगाहों में सबसे अधिक है।

एक अधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया, ‘‘ पेत्रपोल से सुबह से व्यापार शुरू हो गया है। गतिरोध दूर करने के लिए कल दोनों देशों के हितधारकों ने बैठक की थी।’’ बेनापोल सीएंडएफ स्टाफ एसोसिएशन के महासचिव साजिदुर रहमान ने बुधवार शाम की बैठक के बाद कहा था कि बृहस्पतिवार सुबह व्यापार फिर से शुरू होने की उम्मीद है। बेनापोल पश्चिम बंगाल में पेत्रपोल सीमा के बांग्लादेश की ओर स्थित है। हिली, चंगराबांधा, महादीपुर, फुलबारी और घोजादंगा जैसे स्थल बंदरगाहों पर व्यापार बुधवार को मुख्यतः शीघ्र खराब होने वाले सामानों का आंशिक रूप से पुनः शुरू हो गया।

बांग्लादेश को भारत का निर्यात 2022-23 में 12.21 अरब अमेरिकी डॉलर से घटकर 2023-24 में 11 अरब डॉलर रह गया। आयात भी पिछले वित्त वर्ष में घटकर 1.84 अरब डॉलर रह गया, जो 2022-23 में दो अरब डॉलर था। बांग्लादेश को भारत के मुख्य निर्यात में सब्जियां, कॉफी, चाय, मसाले, चीनी, रिफाइंड पेट्रोलियम तेल, रसायन, कपास, लोहा और इस्पात तथा वाहन आदि शामिल हैं। वहीं भारत को बांग्लादेश का निर्यात कुछ श्रेणियों जैसे वस्त्र तथा परिधानों तक ही सीमित है, जो उनके निर्यात का 56 प्रतिशत है।


RBI ने लगातार नौवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार नौवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मंगलवार को शुरू हुई तीन दिन की बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के छह सदस्यों में से चार ने नीतिगत दर को यथावत रखने के निर्णय के पक्ष में मत दिया। इसके साथ ही एमपीसी ने उदार रुख को वापस लेने का रुख बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि महंगाई को टिकाऊ स्तर यानी चार प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया है।

रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (ईएमआई) में बदलाव की संभावना कम है। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.5 प्रतिशत रहने के अनुमान को भी बरकरार रखा गया है।

LIC का शुद्ध लाभ जून तिमाही में 10 प्रतिशत बढ़ा

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 10,461 करोड़ रुपये हो गया। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 9,544 करोड़ रुपये रहा था। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि जून तिमाही में उसकी कुल आमदनी 2,10,910 करोड़ रुपये रही है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,88,749 करोड़ रुपये थी।

कंपनी ने कहा कि समीक्षाधीन तिमाही में पॉलिसी के पहले साल का प्रीमियम बढ़कर 7,470 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले साल समान अवधि में 6,811 करोड़ रुपये था। एलआईसी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में पुरानी पॉलिसी के नवीकरण प्रीमियम से 56,429 करोड़ रुपये कमाए, जो एक साल पहले समान अवधि में 53,638 करोड़ रुपये था। जून तिमाही में एलआईसी की निवेश से शुद्ध आय बढ़कर 96,183 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल समान तिमाही में 90,309 करोड़ रुपये थी। पिछली तिमाही में एलआईसी का सॉल्वेंसी मार्जिन (दावे के भुगतान की क्षमता) अनुपात बढ़कर 1.99 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1.89 प्रतिशत था।


RBI ने UPI से टैक्स भुगतान की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये की

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से यूपीआई के जरिए टैक्स भुगतान करने की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दिया गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दास ने आगे कहा कि भुगतान प्रक्रिया आसान होने के चलते लोग बड़ी संख्या में टैक्स चुकाने के लिए यूपीआई को चुन रहे हैं। मौजूदा समय में यूपीआई से एक लाख रुपये तक का टैक्स भुगतान किया जा सकता है। आरबीआई की ओर से समय-समय पर कैपिटल मार्केट, आईपीओ सब्सक्रिप्शन, लोन कलेक्शन, इंश्योरेंस, मेडिकल और शैक्षणिक सेवाओं से जुड़ी लिमिट की समीक्षा की जाती है। उन्होंने आगे कहा कि अप्रत्यक्ष और प्रत्यक्ष करों का भुगतान रेगुलर तौर पर किया जाता है और इनकी वैल्यू हाई होती है। इस कारण से हमने यूपीआई से टैक्स भुगतान की सीमा को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का फैसला किया है।

आरबीआई की ओर से यूपीआई में 'डेलीगेटिड पेमेंट्स' लाने का भी प्रावधान किया जा रहा है। इसकी मदद से कोई सेकेंडरी यूजर प्राइमरी यूजर के बैंक खाते का इस्तेमाल कर यूपीआई पेमेंट कर सकता है। इससे यूपीआई की पहुंच बढ़ेगी। दास ने कहा कि यूपीआई के देश भर में 42.4 करोड़ यूजर्स हैं। इसमें आने वाले समय में और बढ़ोतरी होने की संभावना है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) ने डिजिटल पेमेंट में बड़ी क्रांति लाई है। आरबीआई की करेंसी और फाइनेंस 2023-24 रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई के कारण पिछले चार वर्षों में डिजिटल लेनदेन में 10 गुना की बढ़ोतरी देखने को मिली है। 2023-24 में 131 अरब यूपीआई लेनदेन हुए थे, जिनकी संख्या 2019-20 में 12.5 अरब पर थी। देश में होने वाले सभी डिजिटल पेमेंट में से 80 प्रतिशत यूपीआई के जरिए होते हैं।

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