अर्थजगतः ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी झूमा और निवेशकों की पूंजी 6.59 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

अमेरिका की शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की ‘अनुचित व्यवहार, हितों के टकराव और बाजार नियामक के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए कंपनियों से भुगतान स्वीकार करने’ के नए आरोपों को लेकर ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया है।

ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी झूमा
ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ शेयर बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी झूमा
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नवजीवन डेस्क

शेयर बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद, सेंसेक्स 1,439 अंक उछला

भारतीय शेयर बाजार के लिए गुरुवार का कारोबारी सत्र ऐतिहासिक रहा। मेटल, ऑटो और बैंकिंग शेयरों में खरीदारी के कारण सभी सूचकांक हरे निशान में बंद हुए। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,439 अंक या 1.77 प्रतिशत बढ़कर 82,962 और निफ्टी 470 अंक या 1.89 प्रतिशत बढ़कर 25,388 पर बंद हुआ। दिन के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने क्रमश: 83,116 और 25,433 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया। लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी का ट्रेंड था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 702 अंक या 1.19 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,640 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 192 अंक या 1.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,354 पर था।

सेंसेक्स पैक में एनटीपीसी, भारती एयरटेल, एमएंडएम, विप्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील, टेक महिंद्रा, एसबीआई, एलएंडटी, टाटा स्टील, कोटक महिंद्रा बैंक, इन्फोसिस, अल्ट्राटेक सीमेंट और एचयूएल टॉप गेनर्स थे। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के बेंचमार्क में केवल नेस्ले ही लाल निशान में बंद हुआ। गुरुवार को करीब सभी इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए। ऑटो, आईटी, पीएसयू, फिन सर्विस, फार्मा, मेटल और एनर्जी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। निफ्टी बैंक 762 अंक या 1.49 प्रतिशत की तेजी के साथ 51,772 पर बंद हुआ।

शेयर बाजार में उछाल से निवेशकों की पूंजी 6.59 लाख करोड़ रुपये बढ़ी

स्थानीय शेयर बाजार में जोरदार उछाल से बृहस्पतिवार को निवेशकों की पूंजी 6.59 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के दौरान पहली बार 83,000 अंक के स्तर को पार कर गया। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 1,593.03 अंक यानी 1.95 प्रतिशत बढ़कर 83,116.19 अंक के अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया।

बाद में यह 1,439.55 अंक यानी 1.77 प्रतिशत बढ़कर 82,962.71 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर बंद हुआ। शेयर बाजार में इस जोरदार तेजी के बीच बीएसई की सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 6,59,895.19 करोड़ रुपये बढ़कर 4,67,36,045.21 करोड़ रुपये (5,570 अरब डॉलर) पर पहुंच गया।


हिंडनबर्ग ने नए आरोपों पर सेबी प्रमुख की चुप्पी पर उठाए सवाल

अमेरिका की शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की ‘अनुचित व्यवहार, हितों के टकराव और बाजार नियामक के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए कंपनियों से भुगतान स्वीकार करने’ के नए आरोपों को लेकर ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया है।

हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “नए आरोप सामने आए हैं कि निजी परामर्श कंपनी, जिसका 99 प्रतिशत स्वामित्व सेबी प्रमुख माधबी बुच के पास है, ने सेबी द्वारा विनियमित कई सूचीबद्ध कंपनियों से सेबी पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान भुगतान स्वीकार किया। इन कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक, डॉ. रेड्डीज और पिडिलाइट शामिल हैं।”

हिंडनबर्ग ने कहा कि इसमें कहा गया है कि ये आरोप ‘बुच की भारतीय परामर्शदाता इकाई पर लागू होते हैं, जबकि बुच की सिंगापुर स्थित इकाई के बारे में अभी तक कोई विवरण नहीं दिया गया है।’ हिंडनबर्ग ने कहा कि ‘बुच ने सभी उभरते मुद्दों पर हफ्तों तक पूरी तरह से चुप्पी बनाए रखी है।’ हिंडनबर्ग ने 11 अगस्त को आरोप लगाया था कि बुच ने पहले भी एक विदेशी कोष में निवेश किया था, जिसका इस्तेमाल अदाणी समूह द्वारा भी किया गया था। बुच और उनके पति ने इन आरोपों से इनकार किया था। इसके बाद से कांग्रेस और जी समूह के चेयरमैन सुभाष चंद्रा ने उन पर आरोप लगाए हैं, लेकिन उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।

खुदरा महंगाई में मामूली बढ़ोतरी, अगस्त में 3.65 प्रतिशत पर रही

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खुदरा महंगाई की दर इस साल अगस्त में मामूली वृद्धि के साथ 3.65 प्रतिशत पर रही, जो पांच साल का दूसरा निचला स्तर है। इससे पहले जुलाई में यह 3.6 प्रतिशत और पिछले साल अगस्त में 6.83 प्रतिशत पर रही थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त में खाद्य वस्तुओं की खुदरा महंगाई दर भी जुलाई के 5.42 प्रतिशत से बढ़कर 5.66 प्रतिशत हो गई, जो जून 2023 के बाद का दूसरा निचला स्तर है।

खाद्य पदार्थों की बात करें तो अगस्त 2023 की तुलना में इस साल अगस्त में दालों एवं उनके उत्पादों के दाम 13.60 प्रतिशत और सब्जियों के दाम 10.71 प्रतिशत बढ़े हैं। अनाजों की महंगाई दर 7.31 प्रतिशत और अंडों की 7.14 प्रतिशत रही। फलों के दाम एक साल पहले की तुलना में 6.45 प्रतिशत बढ़े। अन्य उत्पादों में मांस एवं मछली के उपसमूह की महंगाई दर 4.30 प्रतिशत, दूध एवं डेयरी उत्पादों की 2.98 प्रतिशत और चीनी एवं कंफेक्शनरी उत्पादों की 4.70 प्रतिशत रही। मसालों के दाम में 4.40 फीसदी की गिरावट देखी गई। ईंधन एवं बिजली वर्ग में कीमतों में 5.31 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।

लगातार कई महीने तक ऊंची महंगाई दर से परेशान आम लोगों को इस साल जुलाई के बाद अगस्त में लगातार दूसरे महीने राहत मिली है। इससे पहले खुदरा महंगाई दर लगातार पांच प्रतिशत के आसपास या उससे ऊपर बनी हुई थी। वहीं, खाद्य महंगाई दर अक्टूबर 2023 के बाद पहली बार जुलाई में आठ फीसदी से नीचे आई थी। केंद्र सरकार ने रिजर्व बैंक को मध्यम अवधि में औसत खुदरा महंगाई को चार प्रतिशत के आसपास रखने का लक्ष्य दिया है ताकि विकास और महंगाई दर में संतुलन कायम रखा जा सके और आर्थिक विकास का लाभ आम लोगों को भी मिल सके।


गोवा में समुद्री विकास परिषद की बैठक शुरू, सागरमाला जैसी पहल पर होगी चर्चा

गोवा में बृहस्पतिवार को शुरू हुई समुद्री विकास परिषद की 20वीं बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रमुख कार्यक्रमों पर चर्चा होगी। इसमें प्रमुख सागरमाला सहित विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने यह जानकारी दी। सोनोवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समाधान खोजने और इस क्षेत्र में भविष्य की कार्रवाई का रास्ता तय करने के लिए तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों के साथ 'समुद्री भारत दृष्टिकोण 2030' और 'समुद्री अमृतकाल दृष्टिकोण 2047' जैसी पहल पर चर्चा की जाएगी।

सोनोवाल ने कहा, ‘‘बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में प्राप्त उपलब्धियों पर चर्चा की जाएगी। पिछले 10 वर्षों में समुद्री क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हमारे बंदरगाह संचालन का मानक बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कार्गो संचालन क्षमता में वृद्धि हुई है। हमारा सपना भारत को अग्रणी समुद्री देशों में से एक बनाना है। सोनोवाल ने कहा, ‘‘सागरमाला कार्यक्रम के तहत मंत्रालय ने अंशधारकों के परामर्श से 5.6 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली 805 परियोजनाओं की पहचान की है। इनमें से 1.6 लाख करोड़ रुपये की लागत से 250 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। करीब 200 परियोजनाएं क्रियान्वयन के स्तर पर हैं, जबकि 160 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। यह सब राज्य सरकारों और निजी कारोबारियों की सक्रिय भागीदारी के कारण संभव हुआ है।’’

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