अर्थजगतः शेयर बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद, सेंसेक्स 1359 अंक चढ़ा और निवेशकों की संपत्ति 6.24 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
सरकार ने शुक्रवार को खाद्य तेल कंपनियों से खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के लिए स्पष्टीकरण मांगा।भारत में इस साल नवंबर से मध्य दिसंबर के बीच 35 लाख से ज्यादा शादियां होने का अनुमान है। इसमें करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
शेयर बाजार ऑल-टाइम हाई पर बंद, सेंसेक्स 1359 अंक चढ़ा
भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार का कारोबारी सत्र ऐतिहासिक रहा। कारोबारी सत्र में तीनों मुख्य सूचकांक सेंसेक्स, निफ्टी और निफ्टी बैंक ने क्रमश: 84,694, 25,849 और 54,066 का नया ऑल टाइम हाई बनाया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 1,359.51 अंक या 1.63 प्रतिशत की तेजी के साथ 84,544 और निफ्टी 375 अंक या 1.48 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,790 पर था। निफ्टी बैंक 755 अंक या 1.42 प्रतिशत की तेजी के साथ रिकॉर्ड हाई 53,793 पर बंद हुआ।
लार्जकैप के साथ छोटे और मझोले शेयरों में भी खरीदारी देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 856 अंक या 1.44 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,208 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 187 अंक या 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,332 पर बंद हुआ। पीएसयू बैंक को छोड़कर करीब सभी सूचकांक हरे निशान में बंद हुए हैं। ऑटो, आईटी, फिन सर्विस, फार्मा, मेटल, रियल्टी, एफएमसीजी और एनर्जी सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे।
सेंसेक्स पैक में 30 में से 26 शेयर हरे निशान में बंद हुए। एमएंडएम, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, भारती एयरटेल, नेस्ले, एचयूएल, एचडीएफसी बैंक, टेक महिंद्रा, मारुति सुजुकी और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप गेनर्स थे। एसबीआई, इंडसइंड बैंक, टीसीएस और बजाज फाइनेंस टॉप लूजर्स थे। कैपिटलमाइंड रिसर्च के वरिष्ठ अनुसंधान विश्लेषक कृष्णा अप्पाला ने कहा कि फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती के बाद अमेरिकी बाजार के ऑल-टाइम हाई छूने का असर भारतीय बाजारों पर देखने को मिल रहा है। इससे आरबीआई के लिए भी ब्याज दरों में कटौती का रास्ता खुल गया है। लंबी अवधि के नजरिए से यहां से आईटी, फाइनेंशियल और फार्मा शेयर अच्छे नजर आ रहे हैं।
शेयर बाजार में उछाल से निवेशकों की संपत्ति 6.24 लाख करोड़ रुपये बढ़ी
शेयर बाजार में निवेशकों की संपत्ति शुक्रवार को 6.24 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई। निवेशकों की मजबूत धारणा के बीच बीएसई सेंसेक्स 1,359.51 अंक की बढ़त के साथ पहली बार ऐतिहासिक 84,000 अंक के स्तर को पार कर गया। इससे निवेशकों की संपत्ति बढ़ी है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,359.51 अंक उछलकर 84,544.31 अंक के सर्वकालिक उच्च स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 1,509.66 अंक चढ़कर 84,694.46 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। शेयर बाजार में तेजी के बाद, बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 6,24,468.11 करोड़ रुपये बढ़कर 4,71,71,745.83 करोड़ रुपये (5.65 हजार अरब डॉलर) हो गया।
सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों से बढ़ती कीमतों पर मांगा स्पष्टीकरण
सरकार ने शुक्रवार को खाद्य तेल कंपनियों से खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के लिए स्पष्टीकरण मांगा। इन तेल कंपनियों को कम आयात शुल्क पर आयातित खाद्यतेलों की पर्याप्त स्टॉक की उपलब्धता के बीच मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने की सलाह दी गयी थी। इसके बावजूद कीमतों में वृद्धि का रुख है। केंद्र ने 14 सितंबर को, घरेलू तिलहन कीमतों का समर्थन करने के लिए विभिन्न खाद्य तेलों के मूल सीमा शुल्क में वृद्धि की और इसके बाद 17 सितंबर को खाद्य मंत्रालय ने यह सुनिश्चित करने के लिए खाद्य तेल उद्योग निकायों के साथ एक बैठक बुलाई कि खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि न हो।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘उद्योग से स्पष्टीकरण देने और कारण बताने के लिए कहा गया है कि आने वाले त्योहारों के दौरान खुदरा कीमतों को नरम बनाए रखने के सरकार के निर्देशों के बावजूद आयात शुल्क वृद्धि की घोषणा के बाद से कीमतों में बढ़ोतरी का रुख क्यों दिख रहा है।’’ मंत्रालय का कहना है कि कम शुल्क पर आयातित स्टॉक आसानी से 45-50 दिनों तक चल सकता है और इसलिए प्रसंस्करणकर्ताओं को अधिकतम खुदरा कीमतों में वृद्धि से बचना चाहिए। साथ ही, कीमतों में वृद्धि ऐसे समय में हुई है जब त्योहार नजदीक है और मांग बढ़ेगी।
कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे कच्चे तेलों पर प्रभावी शुल्क 27.5 प्रतिशत हो गया है। नया शुल्क 14 सितंबर, 2024 से प्रभावी है। इसके अतिरिक्त, रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सूरजमुखी तेल और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर मूल सीमा शुल्क 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 32.5 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क 35.75 प्रतिशत हो गया है।
भारत में नवंबर से दिसंबर के बीच होंगी 35 लाख शादियां
भारत में इस साल नवंबर से मध्य दिसंबर के बीच 35 लाख से ज्यादा शादियां होने का अनुमान है। इसमें करीब 4.25 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। भारत में हर साल करीब एक करोड़ शादियां होती हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सेक्टर भारत में चौथी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है। इस साल शादियों में 130 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है और करोड़ों रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) की ओर से जारी सर्वे में बताया गया कि 2024 में 15 जनवरी से लेकर 15 जुलाई तक इंडस्ट्री में 42 लाख से ज्यादा शादियां देखने को मिली। इसमें करीब 66.4 अरब डॉलर (5.5 लाख करोड़ रुपये) खर्च हुए थे।
प्रभुदास लीलाधर की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि सरकार की ओर से आम बजट 2024-25 में सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत किए जाने के कारण राष्ट्रीय स्तर पर सोने की मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है। आने वाले शादी सीजन में इसके और बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में बताया गया कि सोना की धार्मिक और सामाजिक मान्यता होने के साथ इसे एक अच्छे निवेश के विकल्प के तौर पर देखा जाता है। आयात शुल्क घटने से मांग को काफी सहारा मिलेगा। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि कंज्यूमर डिमांड बढ़ने के कारण त्योहारी और शादियों के सीजन में शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलती है। डिमांड बढ़ने का फायदा रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, ज्वेलरी और ऑटोमोबाइल सेक्टर को मिलता है। मांग बढ़ने से कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में भी इजाफा होगा। इससे कंज्यूमर कंपनियों के शेयरों की कीमत बढ़ेगी और इसका असर पूरे देश की आर्थिक वृद्धि पर सकारात्मक होगा।
टीसीएस ने पोलैंड में परिचालन का किया विस्तार
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने वारसॉ में एक नया डिलीवरी केंद्र खोलकर पोलैंड में परिचालन का विस्तार करने की शुक्रवार को घोषणा की। कंपनी को उम्मीद है कि एक साल के भीतर इस क्षेत्र में उसके कर्मचारियों की संख्या दोगुनी होकर 1,200 से अधिक हो जाएगी।टीसीएस ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया, नया डिलीवरी केंद्र विभिन्न उद्योगों तथा प्रौद्योगिकियों में टीसीएस की क्षमताओं को प्रदर्शित करता है। कंपनी सूचना के अनुसार, ‘‘इस नए डिलीवरी केंद्र के साथ टीसीएस को उम्मीद है कि एक साल में उसका कार्यबल दोगुना होकर 1,200 से अधिक हो जाएगा। इससे क्षेत्र में उसके विकास को बढ़ावा मिलेगा।’’
पोलैंड में भारतीय राजदूत नगमा मलिक, टीसीएस के यूरोप प्रमुख सप्तगिरि चपालपल्ली और पूर्वी यूरोप में टीसीएस के महाप्रबंधक प्रबल दत्ता ने केंद्र का उद्घाटन किया। मलिक ने कहा, ‘‘ यह कदम पोलैंड में भारत की आईटी क्षमता के विस्तार में एक नया अध्याय जोड़ता है। साथ ही दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करता है।’’ टीसीएस ने 2006 में पोलैंड में परिचालन शुरू किया था।
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