अर्थजगतः सेबी ने गैर-पेशेवर कार्य संस्कृति पर प्रेस रिलीज वापस ली और LIC ने इंफोसिस से किया अहम करार

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को गैर-पेशेवर कार्य संस्कृति पर अपनी प्रेस विज्ञप्ति वापस ले ली। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अगली पीढ़ी के डिजिटल मंच को अपनाकर अपने डिजिटल रूपांतरण को आगे बढ़ाने के लिए इंफोसिस को चुना है।

सेबी ने गैर-पेशेवर कार्य संस्कृति पर प्रेस रिलीज वापस ली
सेबी ने गैर-पेशेवर कार्य संस्कृति पर प्रेस रिलीज वापस ली
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नवजीवन डेस्क

सेबी ने गैर-पेशेवर कार्य संस्कृति पर प्रेस विज्ञप्ति वापस ली

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को गैर-पेशेवर कार्य संस्कृति पर अपनी प्रेस विज्ञप्ति वापस ले ली। चार सितंबर को जारी इस प्रेस विज्ञप्ति को यह कहते हुए वापस लिया गया कि ये चिंताएं ‘गलत’ हैं और कर्मचारी संबंधी मुद्दों को आंतरिक रूप से संभाला जाएगा। प्रेस विज्ञप्ति जारी होने के एक दिन बाद पांच सितंबर को नियामक के मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में सेबी कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन के कुछ दिनों बाद यह कदम उठाया गया है। इन कर्मचारियों ने बयान को वापस लेने और सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग की थी।

सेबी ने सोमवार को बयान में कहा कि पिछले 36 वर्षों में भारतीय प्रतिभूति बाजार को वैश्विक रूप से सबसे गतिशील और अच्छी तरह से विनियमित बाजारों में से एक बनाने में उसके कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सेबी ने कहा कि वह उचित आंतरिक तंत्र के जरिये कर्मचारी संबंधी मामलों को संभालेगी। नियामक ने कहा, ‘‘सभी ग्रेड के अधिकारियों के प्रतिनिधियों के साथ रचनात्मक चर्चा के बाद सेबी और उसके कर्मचारियों ने पुष्टि की है कि ऐसे मुद्दे पूरी तरह से आंतरिक हैं और संगठन के शासन के उच्च मानकों के अनुसार और समयबद्ध ढांचे के भीतर उनका समाधान किया जाएगा।’’

ऐसे में चार सितंबर को जारी प्रेस विज्ञप्ति वापस ले ली गई है। प्रेस विज्ञप्ति वापस लेने का फैसला कर्मचारियों के आंतरिक संचार को अनधिकृत तरीके से प्रसारित करने की कड़ी निंदा करने के बाद आया।

LIC ने अगली पीढ़ी के डिजिटल मंच के लिए इंफोसिस को चुना

जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अगली पीढ़ी के डिजिटल मंच को अपनाकर अपने डिजिटल रूपांतरण को आगे बढ़ाने के लिए इंफोसिस को चुना है। आईटी सेवा कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस पहल के तहत ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर अनुभवों और डेटा आधारित वैयक्तिकरण पर ध्यान दिया जाएगा। कंपनी ने इस सौदे की राशि के बारे में नहीं बताया।

एक बयान के अनुसार, ''इंफोसिस ने आज भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ अपने सहयोग की घोषणा की, ताकि एलआईसी डीआईवीई (डिजिटल नवाचार एवं मूल्य संवर्धन) नामक अपनी डिजिटल रूपांतरण पहल को आगे बढ़ा सके।'' सौदे के तहत इंफोसिस अगली पीढ़ी का डिजिटल मंच तैयार करेगी, जो एलआईसी के ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर जुड़ाव और डेटा आधारित वैयक्तिकृत अनुभव देने पर ध्यान केंद्रित करेगा। बयान में कहा गया कि एलआईसी ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्रों में इंफोसिस की गहन विशेषज्ञता और अनुभव को देखते हुए उसे चुना।


बजाज हाउसिंग फाइनेंस बनी देश की सबसे मूल्यवान आवास वित्त कंपनी

बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड सोमवार को शेयर बाजार में सूचीबद्धता के दिन ही करीब देश की सबसे मूल्यवान आवास वित्त कंपनी बन गई। बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के शेयर की बाजार में शुरुआत काफी अच्छी रही। कंपनी का शेयर पहले दिन के कारोबार में 70 रुपये के निर्गम मूल्य से करीब 136 प्रतिशत चढ़कर 165 रुपये के भाव पर बंद हुए। शेयर भाव में जोरदार तेजी आने से कारोबार के अंत में बजाज हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) 1,37,406.09 करोड़ रुपये रहा। इसके साथ ही बजाज हाउसिंग फाइनेंस देश की सबसे मूल्यवान आवास वित्त कंपनी बन गई।

हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (हुडको) 49,476.96 करोड़ रुपये के बाजार मूल्यांकन के साथ दूसरे स्थान पर है। इसके बाद एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस 37,434.54 करोड़ रुपये के मूल्यांकन के साथ तीसरे और पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस 27,581.41 करोड़ रुपये मूल्यांकन के साथ चौथे स्थान पर है। बजाज हाउसिंग फाइनेंस के 6,560 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को बोली के अंतिम दिन 11 सितंबर को 63.60 गुना अभिदान मिला था। निर्गम के लिए मूल्य दायरा 66-70 रुपये प्रति शेयर रखा गया था।

शेयर बिक्री भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुपालन में की गई थी। इसके मुताबिक, अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के लिए सितंबर, 2025 तक शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होना आवश्यक है। यह फर्म आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों की खरीद और नवीनीकरण के लिए वित्त मुहैया कराती है।

मर्सिडीज ने भारत में बनी इलेक्ट्रिक एसयूवी को घरेलू बाजार में उतारा

लग्जरी कार विनिर्माता मर्सिडीज-बेंज ने भारत में अपने बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन शृंखला का विस्तार करते हुए सोमवार को स्थानीय स्तर पर निर्मित ईक्यूएस 580 मॉडल को पेश किया।अमेरिका के बाहर पहली बार भारत में सात सीटों वाले इस इलेक्ट्रिक एसयूवी मॉडल का उत्पादन शुरू हुआ है। ईक्यूएस 580 4मेटिक मॉडल कंपनी का ईक्यूएस सेडान कार के बाद दूसरा वाहन है जिसे मर्सिडीज के पुणे संयंत्र में स्थानीय रूप से बनाया गया है।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह भारत में हमारी छठी ईवी होगी और भारत में स्थानीय रूप से निर्मित होने वाली दूसरी कार होगी। हमें इस बात पर भी गर्व है कि भारत ईक्यूएस का स्थानीय रूप से निर्माण करने वाला अमेरिका के बाहर पहला बाजार बन गया है।‘‘

अय्यर ने कहा कि स्थानीय उत्पादन ने इस इलेक्ट्रिक एसयूवी की कीमत को कम रखने में मदद मिली है। ईक्यूएस एसयूवी 580 4मैटिक की शोरूम कीमत 1.41 करोड़ रुपये से शुरू होती है। कार विनिर्माता ने भारत में करीब 18 महीने पहले ईक्यूएस सेडान पेश की थी जिसकी वह अब तक 500 से अधिक इकाइयां बेच चुकी है।


मील किट ब्रांड कूक का राजस्व 12 महीने में 10 गुना बढ़ा

रेडी-टू-कुक मील किट उद्योग में अग्रणी ब्रांड कूक का मासिक राजस्व एक साल पहले की तुलना में 10 गुणा हो गया। इस दौरान यह पांच लाख रुपये से बढ़कर 50 लाख रुपये हो गया है। यह वृद्धि एक संपन्न बाजार और भारतीय उपभोक्ताओं के बीच सुविधाजनक, उच्च गुणवत्ता वाले होम डाइनिंग समाधानों के प्रति उनकी पसंद में उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाती है। कूक की सफलता का एक मुख्य कारण पिछले साल प्लक द्वारा इसका अधिग्रहण रहा है, जिसकी कीमत 13 लाख डॉलर थी।]

इस रणनीतिक कदम ने कूक को प्लक के व्यापक फार्म-टू-फोर्क नेटवर्क का लाभ उठाने में सक्षम बनाया है, जिसमें इसकी अच्छी तरह से स्थापित रसोई और व्यापक डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी), क्विक कॉमर्स (क्यूकाम) और ऑफ़लाइन वितरण चैनल शामिल हैं। एकीकरण ने कूक के ग्राहक आधार का बहुत विस्तार किया है, महानगरीय क्षेत्रों में इसकी उपस्थिति को मजबूत किया है और इसकी आपूर्ति श्रृंखला संचालन को सुव्यवस्थित किया है। कूक ने स्विगी इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो और ब्लिंकिट जैसे प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म के साथ आवश्यक साझेदारी भी की है। इन सहयोगों के परिणामस्वरूप बाजार हिस्सेदारी में 300 प्रतिशत की वृद्धि के साध ब्रांड की पहुंच और पहुंच में वृद्धि हुई है।

अपने राजस्व में वृद्धि के अलावा, कूक ने अपनी उत्पाद श्रृंखला को काफी हद तक व्यापक बनाया है, जो 10 से बढ़कर 50 से अधिक एसकेयू हो गई है। विविध पेशकशों में अब रेडी-टू-कुक सूप, स्मूदी, ओट्स और बहुत कुछ शामिल है, जिससे मासिक बिक्री में 15 गुना वृद्धि हुई है। रेमन, सुशी और ओवरनाइट ओट्स और स्मूदी जैसे ब्रेकफास्ट किट जैसे नए उत्पाद व्यस्त, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं को गुणवत्ता से समझौता किए बिना सुविधा की तलाश में हैं।

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