अर्थजगतः RBI ने लंदन से भारत वापस मंगाया 100 टन सोना और DGCA ने उड़ानों में देरी पर एयर इंडिया को भेजा नोटिस
भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार का कारोबारी सत्र काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा। सेंसेक्स 75 अंक की मामूली तेजी के साथ 73,961 अंक और निफ्टी 42 अंक की मामूली तेजी के साथ 22,530 अंक पर बंद हुआ।
RBI ने लंदन से भारत वापस मंगाया 100 टन सोना
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से 100 टन सोना यूके के वॉल्ट से भारत वापस मंगाया गया है। इसका उद्देश्य सोना जमा करने की लागत कम करना था। मीडिया रिपोर्ट्स में ये जानकारी दी गई है। 1991 के बाद यह पहली बार है जब भारत की ओर से इतनी बड़ी मात्रा में विदेश से सोना वापस मंगाया गया है। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के सदस्य और अर्थशास्त्री संजीव सान्याल ने कहा, "आरबीआई ने 100 टन सोना यूके से भारत में शिफ्ट किया है।" उन्होंने आगे कहा कि कई देशों की ओर से बैंक ऑफ इंग्लैंड के वॉल्ट में गोल्ड रखा जाता है। इसके लिए एक फीस भी अदा की जाती है। भारत अब अपना ज्यादातर सोना अपने पास रखता है। 1991 में संकट के दौरान हमें अपने सोने के विदेश में गिरवी रखना पड़ा था, लेकिन अब हम वहां से काफी आगे आ गए हैं। 1991 में जब देश संकट में था और आयात करने के पैसे नहीं थे। तब की चंद्रशेखर सरकार ने बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ जापान में 46.91 टन सोना गिरवी रखकर 400 मिलियन डॉलर उधार लेने का फैसला किया था।
आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च, 2024 तक केंद्रीय बैंक के पास 822.10 टन सोना है। पिछले साल समान अवधि में ये आंकड़ा 794.63 टन पर था। सोने में निवेश सुरक्षित होने के कारण अन्य केंद्रीय बैंकों की तरह आरबीआई भी इसमें निवेश करता है। देश की मुद्रा को स्थिर रखने में भी सोने का काफी महत्व होता है। वैश्विक अस्थिरता और बढ़ती हुई महंगाई की स्थिति में सोना एक हेज के रूप में कार्य करता है। अप्रैल 2024 तक भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 8.7 प्रतिशत हो गई है जो कि दिसंबर 2023 में 7.75 प्रतिशत पर थी।
DGCA ने उड़ानों में देरी पर एयर इंडिया को भेजा नोटिस
विमानन क्षेत्र के नियामक डीजीसीए ने दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अत्यधिक देरी और यात्रियों की समुचित देखभाल में नाकाम रहने के लिए शुक्रवार को एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस नोटिस में 30 मई को दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को की उड़ान एआई 183 और 24 मई को मुंबई से सैन फ्रांसिस्को की उड़ान एआई 179 के परिचालन में हुए अनावश्यक विलंब का जिक्र करते हुए जवाब मांगा है। एयर इंडिया की दोनों उड़ानें केबिन के भीतर तापमान नियंत्रित न होने की वजह से काफी देरी से संचालित हुई थीं और यात्रियों को बहुत असुविधा का सामना करना पड़ा था।
एक अधिकारी ने कहा कि नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उड़ानों में देरी और यात्रियों को हुई असुविधा के इस मामले का संज्ञान लिया है। उसी के बाद एयर इंडिया को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। डीजीसीए ने नोटिस में कहा कि एयर इंडिया के खिलाफ कई बार यात्री सुविधा से जुड़े मानकों का ध्यान न रखे जाने के मामले उसके संज्ञान में आ चुके हैं।डीजीसीए ने कहा, "एयर इंडिया बार-बार यात्रियों का ध्यान रख पाने में नाकाम हो रही है। वह यात्रियों को एयरलाइंस की तरफ से दी जाने वाली सुविधाओं के प्रावधानों का भी पालन नहीं कर रही है। एयर इंडिया को यह बताना होगा कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।"
शेयर बाजार हरे निशान में बंद, बैंकिंग और मेटल स्टॉक्स में हुई खरीदारी
भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार का कारोबारी सत्र काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा। बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई थी। लेकिन, कारोबारी दिन के अंत तक तेजी थम गई और सेंसेक्स 75 अंक की मामूली तेजी के साथ 73,961 अंक और निफ्टी 42 अंक की मामूली तेजी के साथ 22,530 अंक पर बंद हुआ। बीएसई के मुख्य बेंचमार्क ने 74,478 के उच्चतम स्तर और 73,765 के न्यूनतम स्तर को छुआ। इस दौरान निफ्टी ने 22,653 के उच्चतम स्तर और 22,465 के न्यूनतम स्तर को छुआ। लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अधिक तेजी थी। निफ्टी मिडकैप 278 अंक या 0.54 प्रतिशत बढ़कर 51,705 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 83 अंक या 0.50 प्रतिशत बढ़कर 16,696 अंक पर बंद हुआ है।
सेक्टर के हिसाब से देखें तो बैंक, मेटल, रियल्टी, कमोडिटी, एनर्जी, पीएसयू बैंक और इन्फ्रा इंडेक्स बढ़कर बंद हुए हैं। वहीं, आईटी, फार्मा, एफएमसीजी और मीडिया इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए हैं। सेंसेक्स में 15 शेयर तेजी के साथ और 15 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं। टाटा स्टील, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, पावर ग्रिड, इंडसइंड बैंक, एलएंडटी और आईटीसी टॉप गेनर्स थे। नेस्ले, टीसीएस, मारुति सुजुकी, इन्फोसिस, एक्सिस बैंक टॉप लूजर्स थे। बाजार के जानकारों का कहना है कि आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होना है। बाजार को एग्जिट पोल का इंतजार है। निवेशक भी मजबूत कंपनियों की तरफ रुख कर रहे हैं, जिससे अपेक्षा के उल्टे परिणाम आने पर नुकसान की स्थिति कम हो। अमेरिका में महंगाई का डेटा आना है, जिसके कारण बाजार एक दायरे में कारोबार कर सकता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो अरब डॉलर घटकर 646.67 अरब डॉलर पहुंचा
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 मई को समाप्त सप्ताह में 2.03 अरब डॉलर घटकर 646.67 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पूर्व के सप्ताह में विदेशीमुद्रा भंडार 4.55 अरब डॉलर की तेजी के साथ 648.7 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, 24 मई को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 1.51 अरब डॉलर घटकर 567.49 अरब डॉलर रह गयी।
डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। रिजर्व बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार का मूल्य 48.2 करोड़ डॉलर घटकर 56.71 अरब डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 3.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.13 अरब डॉलर रहा। रिजर्व बैंक के मुताबिक समीक्षाधीन सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत की आरक्षित जमा भी 10 लाख डॉलर घटकर 4.33 अरब डॉलर रहा।
जेफरीज ने अदाणी ग्रुप के चार शेयरों में दी खरीदारी की राय
अमेरिकी निवेश फर्म जेफरीज की ओर से अदाणी ग्रुप की चार कंपनियों पर खरीदारी की राय दी गई है। इनमें अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस और अंबुजा सीमेंट का नाम शामिल है। जेफरीज द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024 में अदाणी ग्रुप के ईबीआईटीडीए में सालाना आधार पर 40 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है। अमेरिकी फर्म ने कहा कि 2023 की शुरुआत में शॉर्ट सेलर फर्म की रिपोर्ट के बाद भी ग्रुप का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है और यह 'सेटबैक' को एक कमबैक के रूप में बदलने में सफलतापूर्वक कामयाब रहा है। रिपोर्ट में बताया गया कि ग्रुप का ईबीआईटीडीए (इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में कंपनियों के मुनाफे को मापने वाला मापदंड) वित्त वर्ष 2024 में सालाना आधार पर 40 प्रतिशत बढ़ा है।
वहीं, ग्रुप लेवल पर लीवरेज रेश्यो भी सुधरकर कई वर्षों के निचले स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट में कहा गया, "वित्त वर्ष 2024 में ग्रुप का फोकस कर्ज और संस्थापकों के गिरवी शेयर कम करने पर रहा है। सालाना आधार पर ग्रुप के कुल ईबीआईटीडीए में 40 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। ग्रुप ने इक्विटी के जरिए, रणनीतिक निवेशकों और डेट के माध्यम से फंड भी जुटाया है। वहीं, प्रवर्तकों ने भी हिस्सेदारी बढ़ाई है। वहीं, ग्रुप का मार्केट कैप भी फिर से पुराने स्तर पर आ गया है।" आगे कहा गया कि ग्रुप दोबारा से कारोबार विस्तार के पथ पर आ गया है। अगले एक दशक में 90 अरब डॉलर के पूंजीगत व्यय की योजना बनाई गई है। अदाणी एंटरप्राइजेज वित्त वर्ष 2027 तक ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन का उत्पादन शुरू करने के लिए अपनी कैप्टिव मैन्युफैक्चरिंग क्षमता को बढ़ा रहा है।
वहीं, नवी मुंबई एयरपोर्ट का कार्य वित्त वर्ष 2025 में पूरा हो सकता है। डेटा सेंटर प्रोजेक्ट्स भी रफ्तार पकड़ रहे हैं। अदाणी पोर्ट की ओर से पांच वर्षों का बिजनेस रोड-मैप दिया गया है। इसमें वित्त वर्ष 2024 से लेकर 2029 के लिए ईबीआईटीडीए में 18 प्रतिशत सीएजीआर का लक्ष्य रखा गया है। अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस के ईबीआईटीडीए में सालाना आधार पर 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अदाणी टोटल गैस के ईबीआईटीडीए में सालाना आधार पर 27 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। ऐसा लागत कम होने के कारण मार्जिन बढ़ने और 15 प्रतिशत वॉल्यूम में वृद्धि होने के कारण हुआ है। जेफरीज का कहना है कि अंबुजा सीमेंट की ओर से सीमेंट कैपेसिटी को दोगुना किया जा रहा है।
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