अर्थजगतः अब SBI से कर्ज लेना हुआ महंगा और जोमैटो ने चुनिंदा शहरों में प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ाया

साइबर ठगों ने लगातार ठगी कर नोएडा में आतंक मचा रखा है और इस बार ठगों ने नोएडा में नैनीताल बैंक के सर्वर को हैक कर 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम 89 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर ली।

अब SBI से कर्ज लेना हुआ महंगा
अब SBI से कर्ज लेना हुआ महंगा
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नवजीवन डेस्क

अब SBI से कर्ज लेना हुआ महंगा

देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने सोमवार से अपनी बेंचमार्क सीमांत लागत ऋण दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत से 0.10 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी। बैंक के इस कदम से एमसीएलआर आधारित ऋणों की ब्याज दरों में भी इजाफा होगा। एक महीने के ऋण पर एमसीएलआर 0.05 प्रतिशत बढ़कर 8.35 प्रतिशत हो गई है। तीन महीने की अवधि के ऋण पर यह 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 8.40 फीसदी पर है। छह महीने, एक साल और दो साल के ऋण के लिए एमसीएलआर 0.10 प्रतिशत बढ़ाकर क्रमशः 8.75 प्रतिशत, 8.85 प्रतिशत और 8.95 प्रतिशत कर दी गई है। तीन साल के ऋण के लिए एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की वृद्धि हुई है और यह अब 9 प्रतिशत होगी।

इससे पहले जून में भी एसबीआई ने एमसीएलआर में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। एमसीएलआर न्यूनतम ब्याज दर है जिससे कम पर बैंक ऋण नहीं दे सकता। ज्यादातर कॉर्पोरेट ऋण एमसीएलआर आधारित होते हैं जबकि खुदरा ऋण रेपो दर पर आधारित होते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने इस साल फरवरी से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। आम तौर पर ब्याज दरों के मामले में दूसरे बैंक एसबीआई का अनुसरण करते हैं। इस कारण अब दूसरे बैंकों के कर्ज भी महंगे होने की संभावना है।

जोमैटो ने चुनिंदा शहरों में प्लेटफॉर्म शुल्क बढ़ाया

खानपान उत्पादों की ऑनलाइन आपूर्ति करने वाले मंच जोमैटो ने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु में प्रत्येक ऑर्डर पर लिए जाने वाले शुल्क को 5 रुपये से बढ़ाकर 6 रुपये कर दिया है। हालांकि, जोमैटो के प्रतिद्वंद्वी मंच स्विगी ने एक दिन पहले अपने शुल्क में की गई बढ़ोतरी सोमवार को वापस ले ली। इसके ऐप पर उपलब्ध सूचना के मुताबिक, अब स्विगी एक ऑर्डर पर पहले की ही तरह पांच रुपये का शुल्क ले रही है।

इस बढ़ोतरी की वजह के बारे में संपर्क किए जाने पर जोमैटो और स्विगी दोनों ने ही कोई प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। दोनों ही ऑनलाइन फूड डिलिवरी कंपनियों ने पिछले साल पहली बार अपने मंच के जरिये दिए जाने वाले ऑर्डर पर शुल्क लगाया था। शुरुआत में यह शुल्क दो रुपये प्रति ऑर्डर था जिसे धीरे-धीरे बढ़ाया गया। जानकारों का कहना है कि जोमैटो और स्विगी जैसी कंपनियां प्लेटफॉर्म शुल्क लगाकर लाभ कमाने की अपनी क्षमता बढ़ाना चाहती हैं। इस खंड में इन दोनों कंपनियों का ही दबदबा है।


नोए़़डा में बैंक का सर्वर हैक कर निकाली गई 16.50 करोड़ की रकम

साइबर ठगों ने लगातार ठगी कर नोएडा में आतंक मचा रखा है और इस बार ठगों ने नोएडा में नैनीताल बैंक के सर्वर को हैक कर 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम 89 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर ली। इनके खिलाफ बैंक के आईटी विभाग के मैनेजर ने मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि साइबर ठगों ने 89 अलग-अलग खातों में सर्वर को हैक कर रकम ट्रांसफर की है। इसके लिए पुलिस ने टीमों का गठन किया है और उन्हें पकड़ने की कोशिश की जा रही है। साइबर सेल के एसीपी विवेक रंजन ने बताया कि नोएडा के सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक मैनेजर द्वारा थाना साइबर में सूचना दी गयी कि बैंक का सर्वर हैक कर किसी अज्ञात व्यक्ति ने 16.50 करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर किए हैं। इसको संज्ञान में लेते हुए मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा, मामले के खुलासे के लिए टीमों का गठन भी किया गया है। साक्ष्य संकलन करते हुए आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।

एसीपी विवेक रंजन ने बताया कि अभी तक की जांच में 89 खातों में पैसों को ट्रांसफर करने की बात सामने आई है। इसकी जांच अभी जारी है। दरअसल सेक्टर-62 स्थित नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि 17 जून को आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस शीट में करीब 3.61 करोड़ रुपए का अंतर पाया गया था। इसके बाद आरटीजीएस टीम ने स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम सर्वर के साथ कोर बैंकिंग सिस्टम में लेनदेन की जांच की। 18 जून को जब फिर से जांच की गई तो इसमें भी बैलेंस शीट में अंतर मिला। बैंक की अभी तक जांच में 16 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई है। गौरतलब है कि अभी तक साइबर ठग लोगों को अलग-अलग माध्यम से अपना निशाना बनाते आए थे। लेकिन अब बैंक के सर्वर को हैक कर 16 करोड़ से ज्यादा की रकम उड़ा लेना अपने आप में एक बड़ा मामला है। पुलिस टीम के लिए भी यह काफी बड़ी चुनौती मानी जा रही है।

सेंसेक्स सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा, निफ्टी ने भी नया रिकॉर्ड बनाया

भारतीय शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी का सिलसिला जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 145 अंक से अधिक की तेजी के साथ नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुआ। निफ्टी भी नये शिखर पर पहुंच गया। कारोबारियों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के पूंजी प्रवाह और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी रही। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 145.52 अंक यानी 0.18 प्रतिशत की बढ़त के साथ नये रिकॉर्ड स्तर 80,664.86 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 343.2 अंक तक चढ़कर 80,862.54 अंक के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 84.55 अंक यानी 0.35 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,586.70 अंक के नये शिखर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 132.9 अंक की बढ़त के 24,635.05 अंक के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। सेंसेक्स के शेयरों में भारतीय स्टेट बैंक सबसे ज्यादा 2.55 प्रतिशत चढ़ा। कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में वृद्धि की घोषणा के बाद बैंक का शेयर चढ़ा। इसके अलावा एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, मारुति और आईटीसी प्रमुख रूप से लाभ में रहे। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में एशियन पेंट्स, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, टेक महिंद्रा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज शामिल हैं।


वाहनों की खुदरा बिक्री जून तिमाही में 9 प्रतिशत बढ़ी

वाहनों की खुदरा बिक्री चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में नौ प्रतिशत बढ़कर 61,91,225 इकाई रही। ट्रैक्टर को छोड़कर सभी वाहन खंडों की बिक्री में वृद्धि हुई। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने सोमवार को यह जानकारी दी। कुल खुदरा बिक्री जून में बढ़कर 61,91,225 इकाई हो गई, जो बीते वित्त वर्ष 2023-24 की इसी तिमाही में 56,59,060 इकाई थी। यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 2.53 प्रतिशत बढ़कर 9,20,047 इकाई रही, जो एक साल पहले 8,97,361 इकाई थी।

फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने बयान में कहा, ‘‘मजबूत बुकिंग और ग्राहक संख्या में वृद्धि के बावजूद, उच्च प्रतिस्पर्धा, अतिरिक्त आपूर्ति और छूट ने यात्री वाहन खंड में लगातार विकास के लिए चुनौतियां पेश कीं।’’ उन्होंने कहा कि चुनाव, अत्यधिक गर्मी और बाजार में नकदी के मुद्दों से बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ा। सिंघानिया ने कहा कि अत्यधिक गर्मी के कारण मई में शोरूम में आने वालों की संख्या में 18 प्रतिशत की कमी आई। जून के अंत तक माल भंडार का स्तर 62-67 दिन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

उन्होंने कहा, ‘‘उत्पाद की उपलब्धता में सुधार और मांग बढ़ाने के उद्देश्य से पर्याप्त छूट के बावजूद, अत्यधिक गर्मी तथा मानसून में देरी के कारण बाजार धारणा प्रभावित हुई। इससे शोरूम में कम लोग आएं।’’ अप्रैल-जून में दोपहिया वाहनों की खुदरा बिक्री 12.56 प्रतिशत बढ़कर 45,54,255 इकाई रही, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 40,46,169 इकाई थी।

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