अर्थजगतः एक ही दिन में निवेशकों के 9.78 लाख करोड़ रुपये डूबे और अशोक लेलैंड ने निडेक के साथ की साझेदारी

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों की भागीदारी और निवेश साधनों की तरलता बढ़ाने के लिए निजी तौर पर रखे गए ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट) के लेनदेन आकार में बड़ी कटौती करते हुए इसे 25 लाख रुपये कर दिया है।

एक ही दिन में निवेशकों के 9.78 लाख करोड़ रुपये डूबे
एक ही दिन में निवेशकों के 9.78 लाख करोड़ रुपये डूबे
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नवजीवन डेस्क

एक ही दिन में निवेशकों को लगी 9.78 लाख करोड़ रुपये की चपत

चौतरफा बिकवाली के बीच भारतीय शेयर बाजार के दो प्रतिशत से अधिक टूट जाने से गुरुवार को निवेशकों के 9.78 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का संयुक्त बाजार मूल्यांकन बड़ी गिरावट के बीच 4.65 लाख करोड़ रुपये पर आ गया।

बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से पैदा हुई चिंता के बीच 1,769.19 अंक यानी 2.10 प्रतिशत गिरकर 82,497.10 अंक पर बंद हुआ। यह शेयर बाजार में गिरावट का लगातार चौथा दिन रहा। इस बड़ी गिरावट के बीच निवेशकों की संपत्ति एक ही दिन में 9,78,778.57 लाख करोड़ रुपये घटकर 4,65,07,685.08 करोड़ रुपये (5.54 लाख करोड़ डॉलर) रह गई।

अशोक लेलैंड ने निडेक के साथ की साझेदारी

वाणिज्यिक वाहन विनिर्माता कंपनी अशोक लेलैंड ने वाणिज्यिक वाहनों के लिए ई-ड्राइव मोटर विकसित करने के वास्ते जापान की कंपनी निडेक के साथ साझेदारी की है। अशोक लेलैंड ने गुरुवार को बयान में कहा, बहुआयामी सहयोग के तहत दोनों साझेदार इलेक्ट्रिक ड्राइव यूनिट्स (ईडीयू) के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) स्थापित करने के लिए काम करेंगे। यह ‘गियर-शिफ्टिंग’ तंत्र में नवाचारों के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए मोटर प्रौद्योगिकियों और पावर इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।

अशोक लेलैंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शेनु अग्रवाल ने कहा, ‘‘ इस सहयोग से हमें भारत के वाणिज्यिक वाहन बाजार की विशिष्ट मांगों के लिए खासकर डिजाइन किए गए अभिनव ई-ड्राइव मोटर का सह-विकास करने का अवसर मिलेगा, साथ ही हमारी इलेक्ट्रिक परिवहन क्षमताओं में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी।’’ निडेक मोशन एंड एनर्जी के अध्यक्ष माइकल ब्रिग्स ने कहा, ‘‘ हमारी निवेश रणनीति और मोटर प्रौद्योगिकी को अशोक लेलैंड का अच्छा समर्थन प्राप्त है, जो वाणिज्यिक वाहन बाजार की सटीक तथा विशिष्ट मांगों को समझता है।’’

यह घोषणा सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने, चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना और देश में ईवी विनिर्माण परिवेश के विकास के लिए 10,900 करोड़ रुपये के कुल खर्च के साथ पीएम ई-ड्राइव योजना शुरू करने के कुछ दिन बाद की गई है। यह योजना एक अक्टूबर से लागू हो गई है।


बैंक ऑफ बड़ौदा अपने ओमान कारोबार को बैंक जोफार को बेचने की तैयारी में

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने विदेशी परिचालन को युक्तिसंगत बनाने की पहल के तहत अपने ओमान कारोबार को बैंक जोफार को बेचने का प्रस्ताव रखा है। बीओबी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि बैंक ने ओमान क्षेत्र के अपने बैंकिंग कारोबार का अधिग्रहण बैंक जोफार द्वारा किए जाने के प्रस्ताव को स्वीकार करने की मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह प्रस्ताव संबंधित नियामकीय प्राधिकरणों से मंजूरी के अधीन है।

ओमान में बैंक ऑफ बड़ौदा के परिचालन का कुल कारोबार 11.33 करोड़ ओमानी रियाल था, जबकि इसकी शुद्ध संपत्ति 2.55 करोड़ ओमानी रियाल थी। दरअसल, बैंक ऑफ बड़ौदा एक विस्तृत मूल्यांकन ढांचे के आधार पर अपने विदेशी परिचालन को युक्तिसंगत बनाने की कोशिश में लगा हुआ है।

इस पहल के तहत बैंक ने चीन में अपनी थोक शाखा को 2020-21 के दौरान बंद कर दिया था। इसके अलावा त्रिनिदाद और टोबैगो में पूर्ण स्वामित्व वाली विदेशी अनुषंगी बैंक ऑफ बड़ौदा (त्रिनिदाद और टोबैगो) लिमिटेड में अपनी पूरी हिस्सेदारी को अनसा मर्चेंट बैंक लिमिटेड को बेच दिया था। बैंक ऑफ बड़ौदा का 31 मार्च, 2024 तक अंतरराष्ट्रीय शाखाओं से कुल कारोबार (शुद्ध) 3,83,409 करोड़ रुपये था और यह वैश्विक कारोबार का 16.02 प्रतिशत था।

सेबी ने इनविट के लेनदेन लॉट का आकार घटाकर 25 लाख रुपये किया

पूंजी बाजार नियामक सेबी ने निवेशकों की भागीदारी और निवेश साधनों की तरलता बढ़ाने के लिए निजी तौर पर रखे गए ढांचागत निवेश ट्रस्ट (इनविट) के लेनदेन आकार में बड़ी कटौती करते हुए इसे 25 लाख रुपये कर दिया है। निजी तौर पर रखे गए इनविट्स के लिए शेयर बाजार में लेनदेन के लिए मौजूदा लॉट एक करोड़ रुपये निर्धारित है। अगर इनविट अपनी संपत्ति के मूल्य का कम-से-कम 80 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण और राजस्व अर्जित करने वाली संपत्तियों में निवेश करता है, तो फिर लेनदेन का लॉट दो करोड़ रुपये है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 26 सितंबर की अपनी अधिसूचना में कहा है कि निर्दिष्ट शेयर बाजार पर इकाइयों के व्यापार के उद्देश्य से ट्रेडिंग लॉट 25 लाख रुपये होगा। यह निर्णय उसी दिन से प्रभावी हो गया है। इस कदम से निजी तौर पर रखी गई इनविट इकाइयों की तरलता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे निवेशकों के व्यापक आधार को बाजार में भाग लेने और निवेश पोर्टफोलियो के विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

सेबी ने अपनी अलग-अलग अधिसूचनाओं में अनुपालन बोझ कम करने और कारोबारी सुगमता बढ़ाने के लिए इनविट्स और रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट्स) से संबंधित अपने नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत, सेबी ने घोषणा की तारीख से पांच कार्य दिवसों के भीतर रीट्स और इनविट्स से यूनिटधारकों को वितरण की समयसीमा तय की है। इसके अलावा लिखित या इलेक्ट्रॉनिक मोड में सहमति दिए जाने पर 21 दिन से कम का नोटिस देने पर यूनिटधारकों की बैठक बुलाने की अनुमति दी है।


देश के शीर्ष 8 शहरों में जुलाई-सितंबर में घरों की बिक्री पांच प्रतिशत बढ़ी

भारत में मकानों और कार्यालय स्थलों की ऊंची मांग के दम पर आठ प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर में घरों की बिक्री सालाना आधार पर पांच प्रतिशत और कार्यालय स्थल की कुल मांग 18 प्रतिशत बढ़ी है। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया ने गुरुवार को एक वेबिनार के जरिये 2024 कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही के लिए अपनी रिपोर्ट ‘इंडिया रियल एस्टेट’ जारी की।

आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर में आठ शहरों में मकानों की बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 87,108 इकाई हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 82,612 इकाई थी। कार्यालय स्थल की मांग 1.61 करोड़ वर्ग फुट से 18 प्रतिशत बढ़कर 1.9 करोड़ वर्ग फुट हो गई। यह वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) स्थापित करने की इच्छुक बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उच्च मांग से प्रेरित रही।

नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट एनारॉक और प्रॉपइक्विटी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के विपरीत है। उनकी रिपोर्ट में देश के प्रमुख शहरों में जुलाई-सितंबर में कुल बिक्री में गिरावट की बात सामने आई थी। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ आवासीय बाजार में 2024 में गति अच्छी रही। 2024 की तीसरी तिमाही में इस साल की सर्वाधिक 87,108 इकाइयों की बिक्री दर्ज की गई है।’’

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) शिशिर बैजल ने कहा कि घरों की बिक्री में वृद्धि एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले प्रीमियम मकानों की मांग की वजह से दर्ज हुई है। बैजल ने कहा, ‘‘ हालांकि, किफायती आवास खंड को लेकर चिंताएं हैं।’’

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