अर्थजगतः आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जुलाई में सुस्त पड़ी और पेटीएम के शेयर में लगातार दूसरे दिन तेजी

भारतीय शेयर बाजार के लिए शुक्रवार का कारोबारी सत्र मुनाफे वाला रहा और इस कारण बाजार रिकॉर्ड हाई पर बंद होने में कामयाब रहे। सेबी) ने गैर-पंजीकृत ‘फिनफ्लूएंसर’ को विनियमित करने के लिए मानदंडों में संशोधन किया है।

आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जुलाई में सुस्त पड़ी
आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जुलाई में सुस्त पड़ी
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नवजीवन डेस्क

आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जुलाई में सुस्त पड़ी

कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में गिरावट के कारण जुलाई में देश के आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर घटकर 6.1 प्रतिशत रह गई। हालांकि, यह मासिक आधार पर जून के 5.1 प्रतिशत से ज्यादा रही है। शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। जुलाई, 2023 में आठ बुनियादी उद्योगों- कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली क्षेत्र का उत्पादन 8.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा था।

चालू वित्त वर्ष के पहले चार माह (अप्रैल-जुलाई) में बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 6.1 प्रतिशत बढ़ा है, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। आठ बुनियादी उद्योगों का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में भारांश 40.27 प्रतिशत का है। आईआईपी समग्र औद्योगिक वृद्धि का मापक है। जुलाई में कच्चे तेल का उत्पादन 2.9 प्रतिशत और प्राकृतिक गैस का उत्पादन 1.3 प्रतिशत घटा।

पेटीएम के शेयर में लगातार दूसरे दिन तेजी, 13 प्रतिशत और चढ़ा

पेटीएम ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस के शेयर में लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी तेजी जारी रही। कंपनी का शेयर 13 प्रतिशत और चढ़ गया। पिछले दिन की तेजी को जारी रखते हुए बीएसई पर कंपनी का शेयर 12.15 प्रतिशत उछलकर 621.80 रुपये पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह 13.86 प्रतिशत बढ़कर 631.30 रुपये पर पहुंच गया।

एनएसई पर कंपनी का शेयर 12.69 प्रतिशत बढ़कर 624.90 रुपये पर पहुंच गया। फिनटेक कंपनी के शेयर बृहस्पतिवार को तीन प्रतिशत से अधिक बढ़कर बंद हुए थे, जब कंपनी को पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी पेटीएम पेमेंट्स सर्विसेज लिमिटेड (पीपीसीएल) में निवेश के लिए सरकार की मंजूरी मिली थी। बुधवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा गया कि कंपनी भुगतान एग्रीगेटर (पीए) लाइसेंस के लिए पुनः आवेदन करेगी।


जीडीपी डाटा जारी होने से पहले ऑल-टाइम हाई पर बंद हुआ शेयर बाजार

भारतीय शेयर बाजारों के लिए शुक्रवार का कारोबारी सत्र मुनाफे वाला रहा। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। इस कारण बाजार रिकॉर्ड हाई पर बंद होने में कामयाब रहे। सत्र के दौरान, सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने क्रमश: 82,637 अंक और 25,268 अंक का नया ऑल-टाइम हाई बनाया। कारोबार के अंत में, सेंसेक्स 231 अंक या 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ 82,365 अंक और निफ्टी 83 अंक या 0.33 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,235 अंक पर था। बीएसई में 2,239 कंपनियों के शेयर हरे निशान में और 1,687 के लाल निशान में रहे जबकि 119 कंपनियों के शेयर बिना किसी बदलाव के बंद हुए। लार्ज कैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप में अधिक खरीदारी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 सूचकांक 402 अंक या 0.68 प्रतिशत की बढ़त के साथ 59,286 अंक और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांक 92 अंक या 0.48 प्रतिशत की तेजी के साथ 19,307 अंक पर बंद हुआ।

शुक्रवार शाम देश की जीडीपी विकास दर के अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े जारी किए जाएंगे। ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फिन सर्विस, फार्मा, रियल्टी और धातु सूचकांक सबसे ज्यादा बढ़ने वाले इंडेक्स थे। एफएमसीजी और मीडिया सूचकांक ही गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एनटीपीसी, बजाज फिनसर्व, भारती एयरटेल, पावर ग्रिड, सनफार्मा और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। टाटा मोटर्स, रिलायंस, आईटीसी, टेक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, नेस्ले और मारुति सुजुकी टॉप लूजर्स थे। बाजार के जानकारों का कहना है कि अमेरिका में नीतिगत ब्याज दरों में कटौती की संभावना के कारण अमेरिका के साथ वैश्विक बाजारों में भी तेजी का माहौल है। भारत की जीडीपी के पहली तिमाही का डाटा सकारात्मक रहने की उम्मीद है।

मूडीज ने बढ़ाया भारत की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान

अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज की ओर से 2024 के लिए भारत की जीडीपी विकास दर अनुमान को बढ़ाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया गया है, जो कि पहले 6.8 प्रतिशत था। विकास दर अनुमान में बढ़ोतरी की वजह देश में निजी खपत का तेजी से बढ़ना है। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने कहा, "देश में महंगाई में कमी आने के चलते पारिवारिक खपत में बढ़ोतरी हो रही है। सामान्य से अच्छा मानसून रहने के कारण अच्छी फसल होने की उम्मीद है, जिसके कारण ग्रामीण मांग वापस लौट रही है।" एजेंसी ने आगे कहा कि इस अनुमान में हमने माना है कि आगे मजबूत वृद्धि दर देखने को मिलेगी। मूडीज का यह अनुमान आरबीआई के अनुमान के बराबर है। केंद्रीय बैंक के अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है। इसकी वजह देश में ग्रामीण और शहरी मांग में बढ़ोतरी होना है।

आरबीआई की ओर से वृद्धि दर अनुमान के दौरान बताया गया था कि देश में मानसून तेजी से आगे बढ़ रहा है। इससे कृषि क्षेत्र में मजबूत ग्रोथ देखने को मिल सकती है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय बढ़ेगी और इसका असर विकास दर पर होगा। मूडीज द्वारा 2025 के लिए विकास दर अनुमान को भी 6.4 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया गया है। मूडीज ने आगे कहा कि भारत की मध्यम से लंबी अवधि की वृद्धि दर देश में श्रम के पर्याप्त पूल पर निर्भर करती है। मौजूदा माहौल में देश आराम से 6 से 7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर हासिल कर सकता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति पिछले कुछ वर्षों में काफी मजबूत हुई है। इसकी वजह चालू खाते घाटे को कम करना है। मूडीज का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति आने वाले समय में धीमी हो सकती है। 2024 में यह 2.7 प्रतिशत और 2025 में 2.5 प्रतिशत रह सकती है, जो कि 2023 में 3 प्रतिशत थी। भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज अर्थव्यवस्था है। 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी थी।


सेबी ने ‘फिनफ्लूएंसर’ के नियमन के लिए नियमों में संशोधन किया

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने गैर-पंजीकृत ‘फिनफ्लूएंसर’ को विनियमित करने के लिए मानदंडों में संशोधन किया है। ऐसे व्यक्तियों से जुड़े संभावित जोखिम के बारे में बढ़ती चिंताओं के देखते हुए ऐसा किया गया है। इंटरनेट मीडिया पर वित्तीय जानकारी देने वालों को फिनफ्लूएंसर कहा जाता है। नियामक ने तीन अलग-अलग अधिसूचनाओं में अपनी विनियमित इकाइयों और गैर-पंजीकृत व्यक्तियों के बीच संबंधों पर ‘अंकुश’ लगाया है। सेबी के निदेशक मंडल ने पिछले महीने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

अधिसूचनाओं के अनुसार, सेबी द्वारा विनियमित व्यक्ति और ऐसे व्यक्तियों के एजेंट का ऐसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ संपर्क नहीं होगा, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सलाह देता है या प्रतिफल का स्पष्ट दावा करता है। नियामक ने कहा, ‘‘बोर्ड (सेबी) द्वारा विनियमित कोई भी व्यक्ति या ऐसे व्यक्ति का एजेंट किसी ऐसे व्यक्ति के साथ कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं रखेगा जो किसी प्रतिभूति या प्रतिभूतियों के संबंध में या उससे संबंधित प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सलाह या कोई सिफारिश देता हो और वह व्यक्ति बोर्ड के साथ पंजीकृत न हो या उसे बोर्ड ने ऐसी सलाह या सिफारिश देने की अनुमति न दी गई हो।’’

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