अर्थजगतः विदेशी मुद्रा भंडार 6.48 अरब डॉलर घटा और सेबी से रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट को 26 करोड़ रुपये का नोटिस
भारत का अपने मुक्त व्यापार समझौता साझेदार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आयात अक्टूबर में सालाना आधार पर 70.37 प्रतिशत बढ़कर 7.2 अरब डॉलर हो गया। दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में मकान की कीमतों में 2019 से 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
विदेशी मुद्रा भंडार 6.48 अरब डॉलर घटकर 675.65 अरब डॉलर पर
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 6.48 अरब डॉलर घटकर 675.65 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इससे पिछले सप्ताह, देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.67 अरब डॉलर घटकर 682.13 अरब डॉलर रहा था। सितंबर के अंत में विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंचा था जो पिछले कई हफ्ते से घट रहा है।
रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, आठ नवंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 4.47 अरब डॉलर घटकर 585.38 अरब अमेरिकी डॉलर रह गईं। डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है। समीक्षाधीन सप्ताह में स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.94 अरब डॉलर घटकर 67.81 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 6 करोड़ डॉलर घटकर 18.16 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास भारत का आरक्षित भंडार 1.4 करोड़ डॉलर घटकर 4.30 अरब डॉलर पर आ गया।
सेबी ने रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट को 26 करोड़ रुपये का मांग नोटिस भेजा
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) धन हेराफेरी मामले में रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट को 26 करोड़ रुपये का मांग नोटिस भेजा है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इससे पहले इस मामले में रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट पर जुर्माना लगाया था, जिसे चुकाने में विफल रहने पर यह मांग नोटिस भेजा गया है।
नियामक ने यह चेतावनी भी दी कि अगर रिलायंस बिग एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड (जिसे अब आरबीईपी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता है) ने बृहस्पतिवार को जारी नोटिस के 15 दिन के भीतर भुगतान नहीं किया तो बैंक खातों सहित उनकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी।
सेबी ने मांग नोटिस में 15 दिन के भीतर ब्याज और वसूली लागत सहित 26 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया। इस साल अगस्त में, बाजार नियामक ने आरएचएफएल धन हेराफेरी मामले में उद्योगपति अनिल अंबानी और 24 अन्य को पांच साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था।
UAE से भारत का आयात अक्टूबर में 70 प्रतिशत बढ़कर 7.2 अरब डॉलर हुआ
भारत का अपने मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) साझेदार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से आयात अक्टूबर में सालाना आधार पर 70.37 प्रतिशत बढ़कर 7.2 अरब डॉलर हो गया। माह के दौरान व्यापार घाटा करीब 3.5 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आयात और निर्यात के बीच का अंतर यानी व्यापार घाटा सितंबर में 2.47 अरब अमेरिकी डॉलर था।
यूएई से कुल मिलाकर अप्रैल-अक्टूबर में आयात सालाना आधार पर 24.91 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 55.12 प्रतिशत बढ़कर 38.64 अरब डॉलर हो गया। वहीं निर्यात सालाना आधार पर 15.86 प्रतिशत बढ़कर 20.93 अरब डॉलर हो गया। पिछले साल समान अवधि में यह 18 अरब डॉलर था। व्यापार घाटा अप्रैल-अक्टूबर में बढ़कर 17.71 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 6.85 अरब अमेरिकी डॉलर था।
भारत और यूएई के बीच एफटीए मई, 2022 में प्रभावी हुआ था। आंकड़ों के अनुसार, यूएई से भारत का आयात सितंबर में 49.22 प्रतिशत बढ़कर 5.38 अरब अमेरिकी डॉलर और अगस्त में 72.7 प्रतिशत बढ़कर 6.38 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। दूसरी ओर, सितंबर में निर्यात 23.75 प्रतिशत बढ़कर 2.91 अरब अमेरिकी डॉलर और अगस्त में 3.16 प्रतिशत बढ़कर 2.84 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष 2023-24 में 83.65 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।
एनसीआर में मकान कीमतों में 2019 से 137 प्रतिशत की वृद्धि
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) यानी दिल्ली और उसके आसपास के शहरों में मकान की कीमतों में 2019 से 137 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। निवेशकों में भरोसा, घर खरीदने को लेकर मजबूत धारणा, बड़े पैमाने पर ढांचागत सुविधाओं का विकास और जमीन तथा निर्माण की लागत बढ़ने से आवास कीमतों में इजाफा हुआ है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
ऑनलाइन रियल एस्टेट आंकड़ों तथा विश्लेषण से जुड़े मंच प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट के अनुसार, 2019 और सितंबर, 2024 के बीच नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में घरों की कीमतें दोगुनी से अधिक हो गईं हैं। आंकड़ों के अनुसार, नोएडा में सबसे अधिक 152 प्रतिशत की (5,910 रुपये प्रति वर्ग फुट से 14,946 रुपये प्रति वर्ग फुट) की वृद्धि देखी गई।
इसके बाद गाजियाबाद का स्थान रहा जहां 139 प्रतिशत (3,691 रुपये प्रति वर्ग फुट से 8,823 रुपये प्रति वर्ग फुट), गुरुग्राम में 135 प्रतिशत (2019 में 8,299 रुपये प्रति वर्ग फुट से 2024 में 19,535 रुपये प्रति वर्ग फुट) और ग्रेटर नोएडा में 121 प्रतिशत (3,900 रुपये प्रति वर्ग फुट से 8,601 रुपये प्रति वर्ग फुट) की वृद्धि हुई।
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) समीर जसूजा ने आंकड़ों पर कहा, ‘‘ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बुनियादी ढांचे में इतना बदलाव आया है, जो पिछले दशकों में कभी नहीं देखा गया। नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, मेट्रो विस्तार इसके बेहतरीन उदाहरण हैं। इनके कारण रियल एस्टेट के सभी खंडों को बढ़ावा मिला है।’’
कोई सकारात्मक संकेत न होने से गोल्ड में जारी रहेगी गिरावट
गोल्ड की कीमतों में आने वाले समय में गिरावट जारी रहेगी। इसकी वजह तेजी का कोई सकारात्मक संकेत न होना है। यह जानकारी एक्सपर्ट्स द्वारा दी गई। एक्सपर्ट्स की ओर से कहा गया कि अमेरिका में महंगाई कम होने के कारण फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में लगातार कटौती जा रही है, लेकिन हाल ही महंगाई दर 2.4 प्रतिशत के अनुमान के मुकाबले बढ़कर 2.6 प्रतिशत पर रही है। इसने भविष्य में ब्याज दरों में कटौती को लेकर चिंताएं पैदा कर दी है। एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी एवं करेंसी के रिसर्च एनालिस्ट उपाध्यक्ष, जतीन त्रिवेदी ने कहा, "इस घटनाक्रम से गोल्ड की कीमतों पर दबाव बढ़ा है और इसने मजबूत डॉलर और फेड नीति में संभावित बदलाव के प्रति नकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की है।"
पिछले कुछ दिनों में भारत में गोल्ड की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए) के मुताबिक, डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतने के दिन 6 नवंबर को 24 कैरेट के 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 78,866 रुपये थी, जो कि 14 नवंबर तक गिरकर 73,740 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई है। पीएल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन के सीईओ संदीप रायचुरा ने कहा कि टैरिफ वार का होना लगभग तय हो चुका है और इसलिए अमेरिकी डॉलर में भी काफी तेजी आई है, जो गोल्ड के लिए नकारात्मक कारक है। उन्होंने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड ने 2,602 डॉलर प्रति औंस के स्तर को तोड़ दिया है और 2,590 डॉलर प्रति औंस के नीचे फिसल गया है। ऐसे में छोटी अवधि का ट्रेंड बिकवाली का है। गोल्ड के लिए 2,534 डॉलर प्रति औंस और 2,470 डॉलर प्रति औंस एक अहम सपोर्ट लेवल है।