अर्थजगतः फोर्ड भारत में करेगी वापसी, 3000 लोगों को देगी नौकरी और सरकार ने प्याज से न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाया
भारतीय शेयर बाजारों के एक दिन पहले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद शुक्रवार को मुनाफावसूली का असर दिखा और दोनों सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 689.235 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
निर्यात बढ़ाने के लिए फोर्ड भारत में करेगी वापसी, 3000 लोगों को देगी नौकरी
अमेरिकी वाहन निर्माता फोर्ड मोटर भारत में वापसी कर रही है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कंपनी चेन्नई में अपने विनिर्माण संयंत्र को फिर से चालू करेगी। साथ ही 2,500-3,000 अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती भी करेगी। शुक्रवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की गई। फोर्ड इंटरनेशनल मार्केट्स ग्रुप की अध्यक्ष के हार्ट ने बताया कि इस कदम का उद्देश्य "भारत के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करना है क्योंकि हम नये वैश्विक बाजारों के लिए तमिलनाडु में उपलब्ध विनिर्माण विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहते हैं"। उन्होंने लिंक्डइन पर एक पोस्ट में कहा कि कंपनी ने "निर्यात के उद्देश्य से विनिर्माण के लिए हमारे चेन्नई संयंत्र के उपयोग को रेखांकित करते हुए भारत में तमिलनाडु सरकार को" लेटर ऑफ इंटेंट सौंपा है। तमिलनाडु सरकार के साथ कंपनी के शीर्ष अधिकारियों की कई दौर की बैठक के बाद यह घोषणा की गई है। फोर्ड मोटर ने बेहद प्रतिस्पर्धात्मक घरेलू वाहन बाजार में कम बिक्री और नुकसान के कारण साल 2021 में अपना परिचालन बंद कर दिया था। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा था कि उन्होंने फोर्ड मोटर की टीम के साथ बहुत ही दिलचस्प चर्चा की। उन्होंने कहा, ''तमिलनाडु के साथ फोर्ड की तीन दशक पुरानी साझेदारी को पुनर्जीवित करने की व्यवहार्यता का पता लगाया, ताकि दुनिया के लिए तमिलनाडु में फिर से निर्माण किया जा सके।'' मुख्यमंत्री ने गूगल, एप्पल और माइक्रोसॉफ्ट के मुख्यालयों का भी दौरा किया और तमिलनाडु में निवेश के लिए इन तकनीकी दिग्गजों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। हार्ट के अनुसार, इस निर्णय से चेन्नई में फोर्ड के बढ़ते कर्मचारी आधार में वृद्धि होगी। हार्ट ने कहा, "वहां स्थित हमारी वैश्विक फोर्ड बिजनेस सॉल्यूशन टीम में पहले से ही 12 हजार से अधिक सदस्य हैं और हम अगले कुछ वर्षों में इसमें 2,500 से 3,000 अतिरिक्त सदस्यों को जोड़ने की योजना बना रहे हैं।" बता दें कि फोर्ड की इंजन निर्माण टीम भी गुजरात के साणंद में स्थित है। अमेरिका के बाद कंपनी के सबसे ज्यादा कर्मचारी भारत में हैं।
सरकार ने प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटाया
केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात के लिए पहले तय की गई न्यूनतम मूल्य सीमा (एमईपी) शुक्रवार को हटा दी। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की अधिकता के बीच भारतीय किसानों को स्थितियों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी। सरकार ने पहले न्यूनतम निर्यात मूल्य के तौर पर 550 डॉलर प्रति टन की सीमा तय की थी। इसका मतलब यह था कि किसान इस दर से कम कीमत पर अपनी उपज विदेश में नहीं बेच सकते थे।
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से न्यूनतम निर्यात मूल्य को हटा दिया। यह कदम महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले उठाया गया है, जो प्याज का प्रमुख उत्पादक राज्य है। इस कदम से प्याज के निर्यात को बढ़ावा मिलने की संभावना है। डीजीएफटी ने अपनी अधिसूचना में कहा, ‘‘प्याज के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात मूल्य की शर्त तत्काल प्रभाव से और अगले आदेश तक हटा दी गई है।’’
मुनाफावसूली हावी होने से सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर से फिसले
स्थानीय शेयर बाजारों के एक दिन पहले रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बाद शुक्रवार को मुनाफावसूली का असर दिखा और दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स एवं निफ्टी हल्की गिरावट के साथ बंद हुए। उतार-चढ़ाव से भरे कारोबार में बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक सेंसेक्स 71.77 अंक यानी 0.09 प्रतिशत गिरकर 82,890.94 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 309.49 अंक टूटकर 82,653.22 पर आ गया था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का सूचकांक निफ्टी 32.40 अंक यानी 0.13 प्रतिशत गिरकर 25,356.50 पर आ गया।
इस तरह कारोबारी सप्ताह का समापन गिरावट के साथ हुआ। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 1,707.01 अंक यानी 2.01 प्रतिशत और निफ्टी में 504.35 अंक यानी 2.02 प्रतिशत का उछाल रहा। सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से अदाणी पोर्ट्स को सर्वाधिक 1.37 प्रतिशत का नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद आईटीसी, भारती एयरटेल, एनटीपीसी, मारुति, एशियन पेंट्स, सन फार्मा, पावर ग्रिड, हिंदुस्तान यूनिलीवर और लार्सन एंड टुब्रो के शेयर भी गिरकर बंद हुए। इसके उलट बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, इंडसइंड बैंक, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक और टेक महिंद्रा के शेयरों में तेजी का रुख देखने को मिला। छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मालकैप सूचकांक 0.95 प्रतिशत उछला जबकि मझोली कंपनियों का मिडकैप सूचकांक में 0.48 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई।
विदेशी मुद्रा भंडार 5.25 अरब डॉलर बढ़कर 689 अरब डॉलर के पार
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार चौथे सप्ताह बढ़ता हुआ 689.235 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। खास बात यह है कि विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक फॉरेन करेंसी एसेट्स भी पहली बार 600 अरब डॉलर को पार कर गया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, 6 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 5.248 अरब डॉलर बढ़कर 689.235 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह अब तक का ऐतिहासिक उच्चतम स्तर है। इससे पहले 16 अगस्त को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.546 अरब डॉलर, 23 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 7.023 अरब डॉलर और 30 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 2.299 अरब डॉलर बढ़ा था। इस प्रकार चार सप्ताह में इसमें 19.116 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हो चुकी है।
आरबीआई ने बताया कि 6 सितंबर को समाप्त सप्ताह में फॉरेन करेंसी एसेट्स 5.107 अरब डॉलर बढ़कर 604.144 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान, स्वर्ण भंडार में 12.9 करोड़ डॉलर की वृद्धि हुई और यह 61.988 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 40 लाख डॉलर और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 90 लाख डॉलर बढ़ा। विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत का चौथा स्थान है। मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार होने से रुपये में आने वाली किसी भी तेज गिरावट को नियंत्रित करने के लिए आरबीआई के पास बाजार में हस्तक्षेप के ज्यादा विकल्प होते हैं।
हिंडनबर्ग के नए आरोप तर्कहीन, बेतुके और आधारहीन हैंः अडानी ग्रुप
अडानी ग्रुप ने शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग के नए आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा गया कि ये तर्कहीन, बेतुके और आधारहीन हैं। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म द्वारा कहा गया था कि स्विट्जरलैंड प्रशासन द्वारा अडानी ग्रुप के फंड्स को फ्रीज कर दिया गया है। इन आरोपों को खारिज करते हुए अडानी ग्रुप के प्रवक्ता ने कहा, "ये बिल्कुल बेतुके और आधारहीन हैं। अडानी ग्रुप की स्विट्जरलैंड की किसी कोर्ट कार्यवाही में भाग नहीं लिया है और हमारा कोई भी खाता किसी भी प्रशासनिक संस्था द्वारा जब्त नहीं किया गया है।" प्रवक्ता ने आगे कहा, "आरोपों में जिस आदेश की बात की जा रही है। उसमें कही भी अडानी ग्रुप की कंपनियों का नाम नहीं है और किसी भी एजेंसी से हमें स्पष्टीकरण देने के लिए कोई पत्र नहीं प्राप्त हुआ है।"
उन्होंने आगे कहा कि हमारी ओवरसीज होल्डिंग पूरी पारदर्शी है और कंपनी सभी जरूरी कानूनों का पालन करती है। शॉर्टसेलर फर्म द्वारा लगाए गए सभी आरोप आधारहीन, बेतुके और तर्कहीन हैं। प्रवक्ता ने कहा, "हमें यह कहने में कोई झिझक नहीं है कि यह हमारे ग्रुप की प्रतिष्ठा और बाजार मूल्य को अपरिवर्तनीय क्षति पहुंचाने के लिए एक ही समूह द्वारा एकजुट होकर किया गया एक और सुनियोजित और घृणित प्रयास है।" अडानी ग्रुप की ओर से कहा गया कि समूह हमेशा से ही सभी कानूनों और रेगुलेटरी नियमों का पालन के लिए प्रतिबद्ध है। बीते महीने शॉर्ट सेलर फर्म द्वारा लगाए गए आरोपों की इंडस्ट्री एक्सपर्ट निंदा करते हुए कहा कि हिंडनबर्ग के पास 18 महीने बाद बोलने के लिए कुछ नहीं है वह बाजार में उथल-पुथल पैदा करके केवल पैसा कमाना चाहता है।
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