मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था धड़ाम, 14 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंचा निवेश, नई परियोजनाओं में भी गिरावट
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में खत्म हुई तिमाही में नया निवेश 14 सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया। इतना ही नहीं नई परियोजनाओं में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के प्रॉजेक्ट-ट्रैकिंग डेटाबेस के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में खत्म हुई तिमाही में नया निवेश 14 सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया। सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 2018-19) में निवेश से लेकर नई परियोजनाओं में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कंपनियों ने दिसंबर तिमाही में एक लाख करोड़ रुपये के प्रॉजेक्ट की घोषणा की है, जो सितंबर तिमाही की तुलना में 53 फीसदी कम और पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 55 फीसदी कम है। सितंबर तिमाही की तुलना में दिसंबर तिमाही में निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में 62 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि वित्त वर्ष 2017-18 की तुलना में इसमें 64 फीसदी की गिरावट आई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही की तुलना में दिसंबर तिमाही में नई सरकारी परियोजनाओं में भी गिरावट देखने को मिली है। दिसंबर तिमाही में ताजा निवेश में पिछली तिमाही की तुलना में 37 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 41 फीसदी की गिरावट देखी गई है, जो दिसंबर 2004 के बाद अपने निचले स्तर पर है।
सीएमआईई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में लटकी परियोजनाओं की लागत में लगातार बढ़ोतरी हुई है। सीएमआईई के रिपोर्ट में परियोजनाओं के बीच में ही लटकने का जिक्र किया गया है। इससे सबसे ज्यादा पावर और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर प्रभावित हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, इसकी सबसे बड़ी वजह फंड की कमी बतायी गयी है।
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