अर्थजगतः केंद्र ने कीमतों पर लगाम के लिए गेहूं की भंडारण सीमा तय की और निवेशक ने ग्रो पर फ्रॉड का दावा किया

निवेश कंपनी प्रोसस ने शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न में निवेश किए गए 57.8 करोड़ डॉलर को बट्टा खाते में डाल दिया है। मेटा ने आज भारत में व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर और इंस्टा पर अपने एआई असिस्टेंस की सुविधा शुरू की।

केंद्र ने कीमतों पर लगाम के लिए गेहूं की भंडारण सीमा तय की
केंद्र ने कीमतों पर लगाम के लिए गेहूं की भंडारण सीमा तय की
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नवजीवन डेस्क

केंद्र ने कीमतों पर लगाम के लिए गेहूं की भंडारण सीमा तय की

केंद्र ने सोमवार को थोक और खुदरा विक्रेताओं के साथ प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं भंडार रखने की सीमा को तय कर दिया। इस पहल का मकसद जमाखोरी को रोकना और कीमतों को काबू में रखना है। गेहूं पर स्टॉक सीमा 31 मार्च, 2025 तक वैध रहेगी। केंद्र ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध हटाने के किसी भी प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया और कहा कि खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए जरूरत पड़ने पर खाद्यान्न पर आयात शुल्क में कमी सहित अन्य नीतिगत विकल्पों पर विचार किया जा सकता है। पिछले हफ्ते केंद्र ने कीमतों पर लगाम लगाने के लिए तुअर और चना दालों पर स्टॉक सीमा लगा दी थी।

वर्तमान में गेहूं पर 40 प्रतिशत आयात शुल्क है। निर्णय की घोषणा करते हुए केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि देश में गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता है और बाजार में सट्टेबाजी और खाद्यान्न की जमाखोरी को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है। चोपड़ा ने कहा, ‘‘मैं देश में गेहूं की कमी को दूर करना चाहता हूं...हम चाहते हैं कि गेहूं की कीमतें स्थिर रहें।’’ चोपड़ा ने कहा कि स्टॉक सीमा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं पर लागू होगी। उन्हें हर शुक्रवार को एक पोर्टल पर गेहूं के स्टॉक की घोषणा करनी होगी। यदि उनके पास मौजूद स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है तो उन्हें इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिनों के भीतर इसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।

स्टॉक सीमा प्रत्येक इकाई पर व्यक्तिगत रूप से लागू होगी। जैसे व्यापारी/थोक व्यापारी- 3000 टन, बड़े खुदरा श्रृंखला विक्रेता- प्रत्येक बिक्री केन्द्र के लिए 10 टन और उनके सभी डिपो और प्रोसेसर के लिए 3000 टन है।

निवेशक ने ग्रो प्लेटफॉर्म पर फ्रॉड का दावा किया

पॉपुलर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ग्रो के एक निवेशक ने सोशल मीडिया पर कंपनी पर फ्रॉड का आरोप लगाया है। हनेंद्र प्रताप सिंह के नाम के एक यूजर ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि उसकी बहन फाइनेंसियल सर्विसेज प्लेटफॉर्म के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करती है और ग्रो द्वारा फोलियो नंबर भी जनरेट कर दिया है। आगे कहा कि जैसे ही उनकी बहन ने राशि निकालने की कोशिश तो उन्हें पता चला कि उनका फोलियो नंबर मौजूद ही नहीं है और सारी जानकारी डैशबोर्ड से गायब हो गई। ग्रो यूजर ने आरोप लगाया कि ऐप की ओर से राशि ले ली गई, लेकिन कभी म्यूचुअल फंड में निवेश नहीं की गई। सोशल मीडिया पर आलोचना होने के बाद ग्रो ने इसका जवाब देते हुए कहा कि नैतिकता के आधार पर निवेशक द्वारा क्लेम की जा रही राशि क्रेडिट कर दी गई है।

कंपनी ने अपनी पोस्ट में कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि निवेशक दावा की गई राशि के बारे में चिंतित न हो, हमने इसे नैतिकता के आधार पर निवेशक के खाते में जमा कर दिया है।" आगे ग्रो ने कहा कि हमने निवेशक से निवेशित राशि के डेबिट के सबूत के रूप में बैंक स्टेटमेंट की मांग की है, जिससे हमें और नियामकों को निवेशक को लेकर उठे सवाल के बारे में जांच करने में आसानी हो। कंपनी ने आगे कहा कि ग्राहक के डैशबोर्ड पर गलती से वह फोलियो आ गया। हम इसके लिए खेद प्रकट करते हैं। समस्या सुलझा ली गई है। एक अन्य ग्रो यूजर ने सोशल मीडिया एक्स पर इस घटना को काफी चिंताजनक बताया। यूजर्स की ओर से पोस्ट में कहा गया कि वह कई वर्षों से ग्रो के माध्यम से पैसे निवेश कर रहा है और कभी चेक नहीं किया कि उसे अलॉटमेंट मिला है या नहीं। अब से वह एक शीट में पूरी जानकारी दर्ज करेगा।


प्रोसस ने बायजू में 57.8 करोड़ डॉलर के समूचे निवेश को बट्टा खाते में डाला

निवेश कंपनी प्रोसस ने शिक्षा-प्रौद्योगिकी मंच बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न में निवेश किए गए 57.8 करोड़ डॉलर (करीब 4,800 करोड़ रुपये) को बट्टे खाते में डाल दिया है। नीदरलैंड की कंपनी ने सोमवार को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। प्रोसस की सितंबर 2022 में थिंक एंड लर्न में हिस्सेदारी घटकर 9.6 प्रतिशत रह गई थी जिससे उसका महत्वपूर्ण प्रभाव कम हो गया था।

प्रोसस ने 2024 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, "समूह की अन्य समग्र आय के माध्यम से उचित मूल्य पर बायजू में 9.60 प्रतिशत प्रभावी हित रखता है। महत्वपूर्ण प्रभाव गंवाने के बाद बायजू में हमारे निवेश का उचित मूल्य 57.8 करोड़ डॉलर है।" प्रोसस उन चार निवेशक कंपनियों में शामिल है जिन्होंने बायजू के प्रबंधन और इसके 20 करोड़ डॉलर के राइट इश्यू के खिलाफ एनसीएलटी का दरवाजा खटखटाया हुआ है।

बायजू मंच के संस्थापक बायजू रवींद्रन ने आर्थिक संकट में फंसने के बाद कोष जुटाने के इरादे से बेहद कम मूल्यांकन पर राइट इश्यू जारी करने का फैसला किया था। यह मामला राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के विचाराधीन है।

मेटा एआई अब भारत में व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर पर भी उपलब्ध

टेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी मेटा ने सोमवार को भारत में व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर, इंस्टाग्राम और मेटा डॉट एआई पर अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) असिस्टेंस की उपलब्धता की घोषणा की। इसे लेटेस्ट 'लामा 3' लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) के साथ बनाया गया है। कंपनी ने एक बयान में कहा कि देश में लाखों यूजर्स अपने काम को पूरा करने, कंटेंट क्रिएट करने और टॉपिक पर जानकारी प्राप्त करने के लिए फीड, चैट और अन्य ऐप्स में मेटा एआई का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अपने द्वारा उपयोग किए जा रहे ऐप को छोड़ने की जरूरत नहीं है। मेटा ने कहा, "भारत में इसे अंग्रेजी में शुरू किया जा रहा है। आप व्हाट्सएप, फेसबुक, मैसेंजर और इंस्टाग्राम पर मेटा एआई का इस्तेमाल करके काम कर सकते हैं, सीख सकते हैं, क्रिएट कर सकते हैं और उन चीजों से जुड़ सकते हैं जो आपके लिए बेहद जरूरी हैं।"

कंपनी ने पिछले साल के 'कनेक्ट' इवेंट में पहली बार मेटा एआई की घोषणा की थी। भारत में यूजर्स व्हाट्सएप ग्रुप चैट में मेटा एआई से आपके और आपके दोस्तों के लिए शानदार व्यूज वाले और वेगन रेस्तरां रिकमेंड करने के लिए कह सकते हैं। कंपनी ने कहा, "मेटा एआई से पूछें कि रोड ट्रिप पर रुकने के लिए कौन सी जगह अच्छी है? यदि आप किसी टेस्ट की तैयारी कर रहे हैं तो मेटा एआई से वेब पर मल्टीपल चॉइस टेस्ट के बारे में पूछें।" फेसबुक फीड पर स्क्रॉल करते समय भी मेटा एआई तक पहुंचा जा सकता है। कंपनी के अनुसार, "क्या आपको कोई ऐसा पोस्ट मिला है जिसमें आपकी दिलचस्पी है? आप मेटा एआई से सीधे पोस्ट से ही ज्यादा जानकारी ले सकते हैं।


उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 131 अंक मजबूत, निफ्टी भी लाभ में

उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 131 अंक की बढ़त में रहा। वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच बिजली, वाहन और पूंजीगत सामान बनाने वाली कंपनियों शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आयी। कारोबारियों के मुताबिक, इस सप्ताह वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के मासिक निपटान से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। धातु तथा तेल एवं गैस शेयरों में बिकवाली दबाव देखा गया।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 131.18 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,341.08 अंक पर बंद हुआ। शुरुआती कारोबार में मानक सूचकांक 463.96 अंक तक लुढ़क गया था। बाद में इसमें तेजी आयी और यह 213.12 अंक चढ़ गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 36.75 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 23,537.85 अंक पर बंद हुआ।

मेहता इक्विटीज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, ‘‘इस सप्ताह वायदा एवं विकल्प खंड में सौदों के मासिक निपटान से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव रहा और प्रमुख सूचकांक शुरूआती कारोबार में तेजी से गिरने के बाद हल्की मजबूती के साथ बंद हुए। वाहन, बिजली और पूंजीगत सामान से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में लिवाली से बाजार को समर्थन मिला। वहीं आईटी, धातु तथा तेल एवं गैस शेयरों में बिकवाली से दबाव देखा गया।’’

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