अर्थजगतः ब्रिटेन जल्द ही भारत के साथ एफटीए वार्ता फिर शुरू करेगा और 2 अगस्त को खुलेगा ओला इलेक्ट्रिक का IPO
ब्रिटेन में लेबर पार्टी की नवनिर्वाचित सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ एफटीए के लिए वार्ता दल जल्द ही फिर से बातचीत की मेज पर बैठेंगे। घरेलू इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी ओला का 6,145.96 करोड़ रुपए का आईपीओ 2 अगस्त को आम निवेशकों के लिए खुलने जा रहा है।
ब्रिटेन जल्द ही भारत के साथ एफटीए वार्ता फिर शुरू करेगा
ब्रिटेन में लेबर पार्टी की नवनिर्वाचित सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने के लिए वार्ता दल जल्द ही फिर से बातचीत की मेज पर बैठेंगे। ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार सौदों के लिए अपने मंत्रालय के नजरिये को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले समझौतों को लागू करने के लिए बातचीत के केंद्र में आर्थिक वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि ये समझौते ब्रिटेन के कारोबार क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच और नौकरियों को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।
ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह एक व्यापार रणनीति प्रकाशित करने की योजना भी बना रहा है जो सरकार की औद्योगिक रणनीति के साथ जुड़ी होगी। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए विदेश व्यापार को बढ़ावा देना जरूरी है और इसलिए अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने में कोई देरी नहीं की जाएगी।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘खाड़ी से लेकर भारत तक, हमारा व्यापार कार्यक्रम महत्वाकांक्षी है और अपने व्यवसायों को दुनिया की कुछ सबसे रोमांचक अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंच देने के लिए ब्रिटेन की ताकत का इस्तेमाल करता है।’’ रेनॉल्ड्स ने कहा कि उनके वार्ता दल जल्द से जल्द बातचीत शुरू करेंगे। भारत और ब्रिटेन ने जनवरी, 2022 में एफटीए पर बातचीत शुरू की थी।
2 अगस्त को खुलेगा ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ
घरेलू इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी ओला का 6,145.96 करोड़ रुपए का आईपीओ 2 अगस्त को आम निवेशकों के लिए खुलने जा रहा है। इस आईपीओ के लिए बोलियां 6 अगस्त तक लगाई जा सकती हैं। इसका प्राइस बैंड 72 रुपए से लेकर 76 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है। इस आईपीओ का 10 प्रतिशत हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए रिजर्व रखा गया है। ओला के पब्लिक इश्यू का साइज 6,145.96 रुपए होगा। इसके मुताबिक, कंपनी की मार्केट कैप करीब 33,500 करोड़ रुपए होगी। आईपीओ में 84.94 मिलियन शेयरों का ऑफर फॉर सेल भी होगा, जिसकी वैल्यू करीब 646 करोड़ रुपए (उच्च बैंड प्राइस के मुताबिक) होगी। वहीं, फ्रैश इश्यू का साइज 5,500 करोड़ रुपए का होगा।
ओएफएस में ओला इलेक्ट्रिक के प्रमोटर भावेश अग्रवाल और इंसड ट्रस्ट की ओर से क्रमश: 3.79 करोड़ और 41.79 लाख शेयर बेचे जाएंगे। इसके अलावा एसवीएफ II ऑस्ट्रिच (डीई) एलएलसी, अल्फा वेव वेंचर्स II एलपी, अल्पाइन अपॉर्चुनिटी फंड VI एलपी, इंटरनेट फंड III पीटीई, मैट्रिक्स पार्टनर्स इंडिया इन्वेस्टमेंट्स III एलएलसी और आशना एडवाइजर्स एलएलपी भी ओएफएस में भाग लेंगे। ओला इलेक्ट्रिक की ओर से आईपीओ से जुटाई गई राशि में से 1,227 करोड़ रुपए का उपयोग सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट को बढ़ाने के लिए करेगी। इसके अलावा प्रोडक्ट डेवलपमेंट और बिजनेस बढ़ाने एवं रिसर्च के लिए भी आईपीओ से जुटाई गई राशि का उपयोग किया जाएगा। ओला इलेक्ट्रिक ने वित्त वर्ष 24 में 1,584 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया था, जो कि वित्त वर्ष 23 में 1,472 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 24 में कंपनी की आय में 90 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया था और यह बढ़कर 5,009.9 करोड़ रुपए हो गया है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 2,630.0 करोड़ रुपए था।
सरकार ने कॉनकॉर के निजीकरण को ठंडे बस्ते में डाला
केंद्र सरकार ने कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (कॉनकॉर) के निजीकरण को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कॉनकॉर में प्रबंधन नियंत्रण के साथ ही 30.8 प्रतिशत हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री को मंजूरी दी थी। कॉनकॉर रेलवे मंत्रालय के तहत एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) है। सरकार के पास वर्तमान में कॉनकॉर की 54.80 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा कॉनकॉर की रणनीतिक बिक्री को आगे बढ़ाने की संभावना नहीं है। रेलवे मंत्रालय और निवेशकों की ओर से कुछ चिंताएं हैं।’’ अधिकारी ने आगे कहा कि कंपनी में सरकार की हिस्सेदारी 54.80 प्रतिशत होने के कारण, कॉनकॉर में बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाने की बहुत कम गुंजाइश है। कॉनकॉर की बिक्री के लिए मंत्रिमंडल ने 2019 में मंजूरी दी थी, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई सार्थक प्रगति नहीं हुई है और रणनीतिक बिक्री के लिए रुचि पत्र (ईओआई) भी आमंत्रित नहीं किए गए हैं।
डिजिटल अर्थव्यवस्था 2026 तक GDP का 20 प्रतिशत होगीः RBI रिपोर्ट
भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था वर्ष 2026 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का पांचवां हिस्सा (20 प्रतिशत) बनने की ओर अग्रसर है। अभी डिजिटल अर्थव्यवस्था की जीडीपी में हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ‘मुद्रा और वित्त पर रिपोर्ट’ (आरसीएफ) की प्रस्तावना में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने कहा है कि वित्तीय क्षेत्र में डिजिटलीकरण अगली पीढ़ी की बैंकिंग गतिविधियों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है और इससे किफायती लागत पर वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में सुधार आ रहा है।
रिपोर्ट में भारत को डिजिटल क्रांति में सबसे आगे बताते हुए कहा गया है कि देश ने डिजिटल भुगतान में तेजी लाकर न केवल वित्तीय-प्रौद्योगिकी (फिनटेक) को अपनाया है बल्कि बायोमीट्रिक पहचान, एकीकृत भुगतान प्रणाली (यूपीआई), मोबाइल संपर्क, डिजिटल लॉकर और सहमति से डेटा साझा करने से ‘इंडिया स्टैक’ का आधार भी तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल क्रांति बैंकिंग बुनियादी ढांचे और सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणालियों को बढ़ावा दे रही है, जिसमें प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और कर संग्रह दोनों शामिल हैं। जीवंत ऑनलाइन बाजार उभर रहे हैं और उनकी पहुंच बढ़ रही है। रिपोर्ट कहती है, ‘‘अनुमान है कि फिलहाल जीडीपी के दसवें हिस्से वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था पिछले दशक में दर्ज वृद्धि दरों के अनुरूप 2026 तक जीडीपी का पांचवां हिस्सा बनने की राह पर है।’’
शेयर बाजार सपाट बंद, मिडकैप और स्मॉलकैप में हुई खरीदारी
भारतीय शेयर बाजार के लिए सोमवार का कारोबारी सत्र काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा। कारोबारी सत्र के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने क्रमश: 81,908 और 24,999 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया। हालांकि, सत्र के अंत में सेंसेक्स 23 अंक की मामूली तेजी के साथ 81,355 और निफ्टी 1.25 की मजबूती के साथ 24,836 पर बंद हुआ। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने लार्जकैप के मुकाबले काफी अच्छा प्रदर्शन किया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 593 अंक या 1.03 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,362 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 189 अंक या एक प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,043 पर बंद हुआ। सेक्टर के हिसाब से देखें तो ऑटो, पीएसयू बैंक, फार्मा, मेटल, रियल्टी, एनर्जी और इन्फ्रा बढ़त के साथ बंद हुए हैं।
वहीं, आईटी, फिन सर्विस और फार्मा में गिरावट हुई है। सेंसेक्स पैक में एलएंडटी, बजाज फिनसर्व, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, एसबीआई, रिलायंस, इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, मारुति सुजुकी और बजाज फाइनेंस टॉप गेनर्स थे। टाइटन, भारती एयरटेल, आईटीसी, टेक महिंद्रा और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स थे। बाजार के जानकारों का कहना है कि उच्च स्तरों पर होने के चलते घरेलू शेयर बाजार में मुनाफा वसूली देखने को मिली है। अमेरिका में ब्याज दरों को कम करने को लेकर सकारात्मक माहौल बना हुआ है, जिसके कारण वैश्विक बाजारों में रैली है। कारोबारी सत्र की शुरुआत में भारतीय शेयर बाजार ऑल-टाइम हाई पर खुला था और निफ्टी ने इस दौरान 24,980 का नया ऑल-टाइम हाई बनाया था, जिसे दिन के दौरान निफ्टी ने तोड़ दिया था।
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