अर्थजगत की खबरें: RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, महंगाई और बढ़ने के दिए संकेत, लगातार चौथे दिन गिरा घरेलू शेयर बाजार

विश्व बैंक का कहना है कि कोरोना के प्रभावों से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर रूस-यूक्रेन युद्ध की दोहरी मार पड़ी है, जिससे कई देशों में आर्थिक मंदी की आशंका है। आरबीआई ने सहकारी बैंकों से मिलने वाले व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा में बढ़ोतरी कर दी है।

फोटोः IANS
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नवजीवन डेस्क

RBI ने बढ़ाया रेपो रेट, और महंगाई बढ़ने के दिए संकेत

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है और महंगाई बढ़ने में 75 प्रतिशत योगदान खाद्य पदार्थो का रहेगा। साथ ही कहा कि मुद्रास्फीति इस वित्तीय वर्ष की तीन तिमाहियों के लिए अपर टोलरेंस लेवल से ऊपर रहने की संभावना है। वह सोमवार को शुरू हुई तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के समापन के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।

मई की शुरुआत में, आरबीआई ने एक आश्चर्यजनक ऑफ-साइकिल बैठक में, अर्थव्यवस्था में बढ़ती मुद्रास्फीति की चिंताओं के बीच रेपो रेट को 40 आधार अंकों (बीपीएस) से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया था। रेपो रेट वह रेट है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है। उसी ऑफ-साइकिल बैठक में, केस रिजर्व रेशियो को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया गया था।

लगातार चौथे दिन लाल निशान में बंद हुए घरेलू शेयर बाजार

घरेलू शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन बुधवार को गिरावट बनी रही। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 215 अंक यानी 0.4 प्रतिशत की गिरावट में 54,892 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 60 अंक यानी 0.4 प्रतिशत फिसलकर 16,356 अंक पर बंद हुआ।

एलकेपी सिक्योरिटीज के सीनियर टेकि्न कल एंड डेरिएटिव एनालिस्ट कुणाल शाह ने कहा कि निवेशकों के लिए आरबीआई की घोषणायें अप्रभावी रहीं। गौरतलब है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने रेपो दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। रिजर्व बैंक जिस दर पर बैंकों को अल्पकालिक ऋण प्रदान करता है, उसे रेपो दर कहते हैं।

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विश्व बैंक ने दी वैश्विक आर्थिक मंदी की चेतावनी

विश्व बैंक का कहना है कि कोविड-19 महामारी के प्रभावों से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था पर रूस-यूक्रेन युद्ध की दोहरी मार पड़ गई, जिससे कई देशों में आर्थिक मंदी आने की आशंका तेज हो गई हैं। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि यूरोप और पूर्वी एशिया के कई कम विकसित देश गंभीर आर्थिक मंदी का सामना कर सकते हैं। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविस मैल्पस ने कहा कि 'स्टैगफ्लेशन' की संभावना और भी बढ़ गई है।

'स्टैगफ्लेशन' उस आर्थिक स्थिति को कहते हैं, जब आर्थिक विकास दर स्थिर रहती है और मुद्रास्फीति दर तथा बेरोजगारी दर में तेजी बढ़ोतरी दर्ज की जाती है। 'स्टैगफ्लेशन' की स्थिति से निपटना किसी भी देश के लिए चुनौतीपूर्ण कहा जाता है। आमतौर पर मुद्रास्फीति दर पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक प्रमुख नीतिगत दरों में बढ़ोतरी करते हैं लेकिन इससे बेरोजगारी और बढ़ जाती है तथा आर्थिक विकास दर भी प्रभावित होती है।

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RBI ने सहकारी बैंकों के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण सीमा दोगुनी की

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ग्राहकों की जरूरतों का ध्यान रखते हुए सहकारी बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिये जाने वाले व्यक्तिगत आवास ऋण की सीमा में बढ़ोतरी करने की बुधवार को घोषणा की। आरबीआई ने प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) और ग्रामीण सहकारी बैंकों (आरसीबी) की आवास ऋण सीमा में संशोधन किया है। आरसीबी में राज्य सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक आते हैं।

संशोधित सीमा के अनुसार, टियर एक शहर में शहरी सहकारी बैंकों की व्यक्तिगत आवास ऋण सीमा 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 60 लाख रुपये तथा टियर दो शहरों में 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.40 करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा, 100 करोड़ रुपये कम नेटवर्थ वाले आरसीबी के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये तथा अन्य आरसीबी के लिए 30 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये की गई है। आरबीआई ऋण सीमा विस्तार के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बाद में एक सुर्कलर जारी करेगा।

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विश्व बैंक ने 2022-23 में भारत की विकास दर घटाकर 7.5 फीसदी की

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के परिणाम से वैश्विक आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में विश्व बैंक ने चालू वित्तवर्ष के लिए भारत की विकास संभावनाओं को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है, लेकिन राष्ट्र अभी भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति बनाए हुआ है। बैंक की वैश्विक संभावना रिपोर्ट ने अप्रैल में किए गए 8 प्रतिशत पूवार्नुमान से भारत की वृद्धि 0.5 प्रतिशत कम कर दी, जब यूक्रेन संघर्ष का प्रभाव महसूस होना शुरू हुआ था और जनवरी में वृद्धि 8.7 प्रतिशत रही, पूवार्नुमान से 1.2 प्रतिशत अधिक।

इसने पिछले वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। समग्र रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए रिपोर्ट ने विकास दर में 1.2 प्रतिशत की कटौती की - जनवरी में 4.1 प्रतिशत के पूवार्नुमान से 2.9 प्रतिशत तक। विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास ने एक कड़ी चेतावनी जारी की कि दुनिया मुद्रास्फीति की दर के जोखिम का सामना कर रही है - उच्च मुद्रास्फीति के साथ आर्थिक गतिरोध की स्थिति है।

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