Dollar vs Rupee: मोदी राज में रुपये का ये हाल! डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 81 के पार

डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपया 39 पैसे टूटकर 81.18 के निम्न स्तर पर पहुंच गया।

फोटोः सोशल मीडिया
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नवजीवन डेस्क

डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरवाट का सिलसिला जारी है। रुपया, डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। एक डॉलर की कीमत 81 रुपये के पार पहुंच गई है। आज (शुक्रवार) रुपये में कारोबार 81 के स्तर के पार शुरू हुआ। शुरुआती कारोबार में ही डॉलर के मुकाबले रुपया 39 पैसे टूटकर 81.18 के निम्न स्तर पर पहुंच गया।

इस साल अब तक रुपये में करीब 8.48% की गिरावट दर्ज

इससे पहले गुरुवार को रुपया 83 पैसे की बड़ी गिरावट के साथ 80.79 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर बंद हुआ था। रुपये में यह 7 महीने की सबसे बड़ी एकदिनी गिरावट थी। रुपया पहली बार 20 जुलाई को डॉलर के मुकाबले फिसलकर 80 के पार 80.05 के स्तर पर बंद हुआ था। इस साल अब तक रुपये में करीब 8.48 फीसदी की गिरावट आई है।

रुपये की गिरावट का आम आदमी पर पड़ेगा असर

  • रुपये की गिरावट का अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा असर

  • कच्चा तेल महंगा मिलेगा, देश में बढ़ेगी महंगाई

  • विदेश में यात्रा से लेकर इलाज होगा महंगा

  • विदेश में पढ़ाई होगी महंगी

  • मोबाइल फोन महंगे हो सकते हैं

फेड ने लगातार तीसरी बार बढ़ाया ब्‍याज

अमेरिकी सेंट्रल बैंक यूएस फेडरल रिजर्व ने महंगाई पर नियंत्रण पाने की अपनी कोशिशों के बीच बुधवार को लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी की। अब ब्याज दरें बढ़ाकर 3-3.2 फीसदी कर दी गई हैं। वहीं, यूएस फेड ने संकेत दिए हैं कि वह आने वाली बैठक में भी ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी कर सकता है। इसके बाद से डॉलर इंडेक्‍स 111 के स्‍तर के ऊपर चल गया।


डॉलर के मुकाबले क्यों गिर रही है रुपये की कीमत?

  • रुपये के गिरने के सबसे बड़े कारणों में से विदेशी निवेशकों के भारत से अपने निवेश को निकाल लेना बताया गया है। एक अनुमान के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारत से करीब 2,320 अरब रुपये से ज्यादा निकाल लिए हैं। विदेशी निवेशकों का पैसे निकाल लेना इस बात का संकेत है कि वो भारत को इस समय निवेश करने के लिए सुरक्षित नहीं समझ रहे हैं।

  • विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में जमकर बिकवाली की है। इस साल विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अब तक 46 हजार 197 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की है।

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