कोरोना की दूसरी लहर में अर्थव्यवस्था धड़ाम, GDP में 7.3 फीसदी गिरावट, संकेत चिंताजनक
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संकट के कारण साल 2020-21 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 7.3 फीसदी का संकुचन हुआ है, जिसमें पिछले वित्त वर्ष में चार फीसदी की दर से वृद्धि दर्ज हुई थी।
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में भी अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। भारत सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले साल यह 4 फीसदी रही थी। हालांकि, साल की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी दर्ज हुई है।
हालांकि, फरवरी में खुद केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था। हालांकि, ताजा आंकड़े उस अनुमान से .70 बेहतर आए हैं। वहीं जनवरी-मार्च 2021 के दौरान वृद्धि दर, उसकी पिछली तिमाही अक्तूबर-दिसंबर 2020 के 0.5 फीसदी वृद्धि के मुकाबले बेहतर रही।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने इस साल जनवरी में जारी अपने पहले अग्रिम अनुमानों के आधार पर कहा था कि 2020-21 के दौरान जीडीपी में 7.7 फीसदी गिरावट रहेगी। एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संकट के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 2020-21 के दौरान 7.3 फीसदी का संकुचन हुआ है, जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष में चार फीसदी की दर से बढ़ी थी।
गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में जब कोरोना महामारी की पहली लहर आई थी तो उसने देश की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया था। देश मंदी के दौर में चला गया था। लगातार दो तिमाही- अप्रैल से जून और जुलाई से सितंबर में भारत की जीडीपी में नेगेटिव ग्रोथ दर्ज हुई थी। जून की तिमाही में तो जीडीपी करीब 24 फीसदी के ऐतिहासिक गिरावट बिंदु तक पहुंच गई।
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