अभिजीत बनर्जी को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार, जानें कौन हैं भारतीय मूल के अर्थशास्त्री
अभिजीत बनर्जी पुअर इकनॉमिक्स समेत चार किताबों के लेखक हैं। उन्होंने दो डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्देशन भी किया है। अभिजीत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2015 के बाद के विकास एजेंडा के लिए बनाए गए अग्रणी लोगों केक हाई-लेवल पैनल के सचिव भी रह चुके हैं।
भारतीय मूल के अभिजीत विनायक बनर्जी को अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। उनके साथ एस्थर डुफलो और माइकल क्रेमर को भी अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। एस्थर डुफलो अभिजीत बनर्जी की पत्नी हैं। भारतीय मूल के 58 साल के अभिजीत एक अमेरिकन अर्थशास्त्री हैं। फिलहाल वे मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में अर्थशास्त्र के फोर्ड फाउंडेशन इंटरनेशनल प्रेाफेसर हैं। तीनों अर्थशास्त्रियों को वैश्विक गरीबी खत्म करने के प्रयोग के उनके शोध के लिए इस पुरस्कार से नवाजा गया है।
कौन हैं अभिजीत विनायक बनर्जी:
अभिजीत बनर्जी का जन्म 21 फरवरी, 1961 को मुंबई में हुआ था। उनकी मां का नाम निर्मला बनर्जी और पिता का नाम दीपक बनर्जी हैं। उनकी मां सेंटर फॉर स्टडीज इन सोशल साइंसेज में अर्थशास्त्र की प्रोफेसर रह चुकी हैं। पिता दीपक कलकत्ता के प्रसिडेंट कॉलेज में अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। अभिजीत बनर्जी ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की हैं। 1988 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल की।
अभिजीत बनर्जी का एमआईटी की लेक्चरार डॉक्टर अरुणधति तुली बनर्जी से विवाह हुआ था। हालांकि बाद में उनका तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने 2015 में अर्थशास्त्री एस्थर डफलो के साथ विवाह किया। अभिजीत ने 2003 में एस्थर डुफ्लो और सेंधिल मुलाइनाथन के साथ मिलकर अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्टशन लैब की स्थापना की।
अभिजीत ब्यूरो फॉर द रिसर्च इन द इकनॉमिक एनालिसिस ऑफ डेवलेपमेंट के पूर्व अध्यक्ष, अमेरिकी अकेडमी ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेस और द इकनॉमेट्रिक सोसाइटी के रिसर्च एसोसिएट रह चुके हैं। वे काइल इंस्टीट्यूट के इंटरनेशनल, गुगेनहियम और अल्फ्रेड पी सोलान के फेलो भी रहे हैं। वे इंफोसिस प्राइज भी जीत चुके हैं। अभिजीत पुअर इकनॉमिक्स समेत चार किताबों के लेखक हैं। उन्होंने दो डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्देशन भी किया है। अभिजीत संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2015 के बाद के विकास एजेंडा के लिए बनाए गए अग्रणी लोगों केक हाई-लेवल पैनल के सचिव भी रह चुके हैं।
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