अर्थ जगत की 5 बड़ी खबरेंः निजी कंपनियों में हो सकती है भारी वेतन वृद्धि और कर चोरी मामले में हुआवे पर पड़ा छापा
एयोन के अनुसार कोरोना के कारण उपजे संकट के बाद भारतीय कंपनियां कर्मचारियों के वेतन में इस साल 9.9 फीसदी वृद्धि कर सकती हैं। आयकर विभाग ने बुधवार को कथित कर चोरी के सिलसिले में देश भर में चीनी तकनीकी समूह हुआवे से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की।
इस साल निजी कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन में हो सकती है 10 फीसदी की बढ़ोतरी
कोरोना महामारी के कारण उपजे संकट के बाद भारतीय कंपनियां कर्मचारियों के वेतन में इस साल 9.9 फीसदी की बढोतरी कर सकती हैं, जो ब्रिक्स देशों में सर्वाधिक है। भारत, ब्राजील, रूस, भारत और चीन के बीच तुलनात्मक अध्ययन में वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म एयोन ने पाया कि भारत में कर्मचारियों के वेतन में सर्वाधिक 9.9 फीसदी की बढ़त का अनुमान है, जबकि रूस में 6.1 प्रतिशत, चीन में 6.0 प्रतिशत और ब्राजील में पांच प्रतिशत की तेजी का अनुमान जताया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ई कॉमर्स और वेंचर कैपिटल क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में सर्वाधिक इजाफा होने का अनुमान है। इसके अलावा हाई टेक, आईटी, आईटी आधारित सेवा और लाइफ साइंस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ेगा। हालांकि, रिक्त पदों को न भरने की दर भी भारत में ही सर्वाधिक है। पिछले साल यह दर 21 प्रतिशत रही, जो गत एक दशक में सर्वाधिक है।
चीनी तकनीकी दिग्गज हुआवे के परिसरों पर कर चोरी मामले में छापेमारी
आयकर विभाग ने बुधवार को कथित कर चोरी के सिलसिले में देश भर में चीनी तकनीकी समूह हुआवे से जुड़े कई परिसरों पर छापेमारी की। एक सूत्र ने बताया कि छापेमारी एनसीआर क्षेत्र, बेंगलुरु और देश के कुछ अन्य हिस्सों में की जा रही है। सूत्र के अनुसार, आईटी टीम के अधिकारियों ने कंपनी से संबंधित कई बही खातों को स्कैन किया है। सूत्र ने आगे कहा कि पिछले तीन वर्षों के वित्तीय रिकॉर्ड और कंपनी के रिकॉर्ड भी चेक किए गए हैं।
कर विभाग के अधिकारियों ने कंपनी के सहयोगियों, ग्राहकों और भागीदारों की एक सूची तैयार की है, जिसमें इसके विदेशी और देश आधारित भागीदार शामिल हैं। सूत्र ने बताया कि छापेमारी के दौरान उनके पास से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। वहीं, कंपनी ने एक बयान में बताया कि उसे विश्वास है कि भारत में उसका संचालन सभी कानूनों और विनियमों के अनुरूप है।
दुनिया भर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाला मोबाइल गेम बना पबजी
टेनसेंट का पबजी मोबाइल जनवरी 2022 में दुनिया भर में सबसे ज्यादा कमाई करने वाला मोबाइल गेम बनकर उभरा है, जिसमें खिलाड़ियों पर लगभग 23.7 करोड़ डॉलर खर्च किए गए हैं। सेंसर टॉवर के अनुसार, पबजी मोबाइल का लगभग 64 प्रतिशत राजस्व चीन से था, जहां इसे गेम फॉर पीस के रूप में स्थानीयकृत किया गया है, इसके बाद अमेरिका से आठ प्रतिशत और तुर्की से सात प्रतिशत है।
ऑनर ऑफ किंग्स फ्रॉम टेनसेंट 233.2 मिलियन डॉलर ग्रॉस रेवेन्यू के साथ जनवरी 2022 में दुनिया भर में दूसरा सबसे अधिक कमाई करने वाला मोबाइल गेम था। ऑनर ऑफ किंग्स के राजस्व का लगभग 96 प्रतिशत चीन से था, इसके बाद ताइवान से 2 प्रतिशत था। अगला सबसे अधिक कमाई करने वाला गेम मीहोयो से जेनशिन इम्पैक्ट था, इसके बाद किंग से कैंडी क्रश सागा और रोबॉक्स कॉर्पोरेशन से रोबॉक्स था।
वैश्विक मोबाइल गेम बाजार ने जनवरी 2022 में ऐप स्टोर और गूगल प्ले पर खिलाड़ियों के खर्च से अनुमानित 7.4 बिलियन डॉलर का उत्पादन किया, जो साल-दर-साल लगभग 7 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है। जनवरी 2022 में वैश्विक राजस्व के लिए नंबर बाजार अमेरिका था, जिसने 2.1 बिलियन डॉलर या दुनिया भर में कुल खिलाड़ी खर्च का 28 प्रतिशत उत्पन्न किया। राजस्व के मामले में जापान 19.3 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर है, इसके बाद चीन, जहां गूगल प्ले उपलब्ध नहीं है, 17.8 प्रतिशत पर है।
अशनीर ग्रोवर ने बताया भारतीयों को बताया दुनिया का सबसे बिगड़ैल कस्टमर
भारतपे के फाउंडर और निदेशक अशनीर ग्रोवर ने भारतीयों को दुनिया में सबसे बिगड़ैल कस्टमर बताया है। यूट्यूबर राज शामनी के टॉक शो में ग्रोफर्स (अब ब्लिकिंट) के साथ काम कर चुके ग्रोवर ने कहा कि भारतीय कस्टमर को अपना ग्राहक बनाना चुनौतीपूर्ण काम है और यहां ऑनलाइन बिजनेस शुरू करना बड़ा मुश्किल है।
रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया के जजों में से एक ग्रोवर ने कहा कि भारतीय दुनिया के सबसे बिगड़ैल कस्टमर हैं। भारतीय कस्टमर को हर चीज कम दाम पर चाहिए और साइज भी कम ही चाहिए और उसके बाद भारतीय कस्टमर को डिस्काउंट भी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में सभी उत्पादों का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) तय होना एक बड़ी चुनौती है।
छत्तीसगढ़ के हर्बल उत्पाद का बढ़ता बाजार
छत्तीसगढ़ देश के उन राज्यों में से है जो वनोपज और वनसंपदा के मामले में सबसे संपन्न है। यहां के हर्बल उत्पादों को देश और दुनिया में नई पहचान मिली ही है। साथ ही, उनकी मांग भी बढ़ने लगी है। बीते तीन सालों में यहां के हर्बल उत्पादों की बिक्री में चार गुना वृद्धि हो गई है। सरकारी तौर पर उपलब्ध कराए गए आंकड़े बताते हैं कि राज्य के हर्बल उत्पादों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। राज्य में वर्ष 2019-20 में एक करोड़ 25 लाख रुपए, वर्ष 2020-21 में दो करोड़ 15 लाख, और वर्ष 2021-22 के पहले नौ माह में चार करोड़ 34 लाख रुपए के मूल्य के उत्पादों की बिक्री राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में हो चुकी है। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
बताया गया है कि इन हर्बल उत्पादों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाईन प्लेटफार्म, श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स, ग्रामीण ई-स्टोर के सीएससी नेटवर्क ने देश के अलग-अलग राज्यों में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ हर्बल के लिए बाजार बनाने में मदद की है।
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