पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान से बीजेपी के खिलाफ युद्ध का ऐलान
पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव की ‘’देश बचाओ, बीजेपी भगाओ‘’ रैली में विपक्ष की एकता का जबरदस्त प्रदर्शन देखने को मिला।
लालू यादव और उनके परिवार के अलावा जेडीयू नेता शरद यादव, समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी, कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, सीपीआई के डी राजा के अलावा हनुमान राव, एलांगोन और तारिक अनवर भी मौजूद थे।
लालू ने बीजेपी की तोड़फोड़ की नीति पर निशाना साधते हुए कहा कि इस वक्त एनडीए में बिहार से जो भी नेता हैं, वे सारे के सारे उन्हीं के प्रोडक्ट हैं। नीतीश कुमार पर ताना मारते हुए लालू ने कहा कि नीतीश पर कभी भी भरोसा नहीं करना चाहिए था, लेकिन सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले एक महा-गठबंधन बनाया था। लालू ने कहा कि वह पहले से ही जानते थे कि यह व्यक्ति विश्वास करने लायक नहीं है।
लालू यादव ने कहा कि शरद यादव ने उंगली पकड़कर उन्हें राजनीति के रास्ते पर चलना सिखाया आज नीतीश उन्हें धमकी दे रहे हैं, उन्हें नहीं पता है कि बिहार की जनता शरद यादव के साथ है। लालू ने कहा कि बिहार की राजनीति में, तेजस्वी यादव के बढ़ते कद से नीतीश को परेशानी हो रही थी और वह अंदर ही अंदर जल रहे थे। लालू ने कहा कि नीतीश की परेशानी यह थी कि एक युवा आखिर जनता में इतना लोकप्रिय कैसे हो रहा है। लालू ने आरोप लगाया कि नीतीश ने तेजस्वी की छवि खराब करने और खुद को महा-गठबंधन से अलग कर बीजेपी में शामिल होने के लिए साजिश रची।
लालू यादव ने बात यहीं खत्म नहीं की। उन्होंने कहा कि जब नीतीश कुमार बीमार पड़े थे, तभी उन्हें समझ जाना चाहिए था कि कुछ गड़बड़ जरूर है। लालू ने कहा कि उन्होंने नीतीश को तीन बार फोन किया लेकिन नीतीश ने बात नहीं की, उन्हें तभी समझना चाहिए था कि कुछ गलत होने वाला है। सीबीआई के छापे के बारे में लालू ने कहा कि राज्य सरकार की इजाजत के बिना सीबीआई कार्रवाई नहीं कर सकती। नीतीश को पहले से ही इसकी जानकारी थी। लालू यादव ने कहा कि उन्होंने आजतक नीतीश कुमार जैसा अवसरवादी नहीं देखा। उन्होंने आगे कहा कि नीतीश ने पहले आरएसएस मुक्त देश का नारा दिया था, लेकिन अब वह खुद आरएसएस की गोद में बैठे हैं। लालू यादव ने कहा कि सुशील कुमार पहले से ही सृजन घोटाले की जानकारी थी और उससे जुड़े कागजात उनके पास हैं। लालू यादव ने सृजन घोटाले की जांच सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग रखी।
रैली में तृणमूल कांग्रेस की नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार और मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक तरफ पूंजीपति हैं और दूसरी तरफ आम आदमी और केंद्र सरकार सिर्फ पूंजीपतियों के लिए काम करती है आम लोगों के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार गरीबों की लड़ाई लड़ रही है और लड़ती रहेगी। उनका कहना था कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है।
रैली में शामिल कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का लिखित बयान पढ़ा। इस बयान में नीतीश को आड़े हाथों लिया गया। बयान में कहा गया कि बिहार में आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू ने एक साथ चलने का प्रण लिया था, लेकिन नीतीश कुमार ने लोगों के साथ धोखा किया। सोनिया गांधी ने बयान में कहा कि नीतीश ने जो कुछ किया है वो न सिर्फ जनादेश बल्कि बिहार के लोगों के अपमान है।
रैली से बोलते हुए, शरद यादव ने कहा कि अब राष्ट्रीय स्तर पर एक महागठबंधन बनाया जाएगा। पंचकूला हिंसा के बारे में शरद यादव ने कहा कि हिंसा के लिए खट्टर सरकार के साथ ही केंद्र सरकार ज्यादा जिम्मेदार है। उनका कहना था कि राम रहीम के साथ उनकी सांठगांठ है और केंद्र के कई मंत्री बाबा राम रहीम के संपर्क में थे।
समाजवादी पार्टी नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि, “मैं लालू यादव को बधाई देना चाहता हूं क्योंकि जिनके कारण इतना बड़ा जन सैलाब यहां इकट्ठा हुआ है। उन्होंने कहा कि बीजेपी एक डिजिटल पार्टी है, और अगर वे गूगल देख रहे होंगे, तो उन्हें पता चल जाएगा कि हालात क्या हैं। उन्होंने कहा कि वह देश बचाना चाहते हैं, क्योंकि आज देश पिछड़ गया है। अखिलेश ने कहा, "हम पूछना चाहते हैं कि गरीबों, किसानों और पिछड़े वर्गों को आखिर क्या मिला?" अखिलेश ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि वह यह बताए कि नोटबंदी और जीएसटी से कितना भ्रष्टाचार कम हो गया? अखिलेश ने कहा कि बिहार और यूपी में बाढ़ आयी नहीं है, लायी गयी है। उन्होंने कहा कि अगर बिहार की धरती बीजेपी का रथ रोक सकती है तो बीजेपी को भी रोक सकती है।
इससे पहले तेजस्वी यादव ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि एक 28 वर्षीय युवा से नीतीश कुमार डर गए हैं। सृजन घोटाले पर, तेजस्वी यादव ने कहा कि इसमें बीजेपी और जेडीयू के लोग शामि हैं। महा गठबंधन तोड़ने पर तेजस्वी ने कहा कि “तेजस्वी तो बहाना था, सृजन घोटाला छिपाना था।"
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