हरियाणाः खट्टर सरकार ने पहले फैसला पलटा और फिर कर दिया अशोक खेमका का तबादला
हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हाल में एक अखबार को दिए बयान में अरावली क्षेत्र की चकबंदी से भू माफियाओं को बढ़ावा मिलने की बात कही थी। ये बयान उनको भारी पड़ गया और इसके सामने आने के कुछ ही देर बाद राज्य की खट्टर सरकार ने उनका तबादला कर दिया।
अपने तबादलों के लिए हमेशा चर्चा में रहने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका का 3 मार्च को एक बार फिर से तबादला हो गया है। हरियाणा सरकार के खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत खेमका को अब विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी विभाग का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया है। अशोक खेमका 1991 बैच के आईएएस हैं और अपने 28 साल के कार्यकाल में यह उनका 52 वां तबादला है। हाल ही में एक अखबार को दिए एक बयान में उन्होंने अरावली क्षेत्र की चकबंदी करने से भू माफियाओं को बढ़ावा मिलने की बात कही थी। इसी बयान के कुछ देर बाद उनका तबादला कर दिया गया।
दरअसल लगभग 6 साल पहले चकबंदी महानिदेशक के पद पर रहते हुए अशोक खेमका ने अरावली के इको सिस्टम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण को देखते हुए अरावली क्षेत्र में चकबंदी पर रोक लगा दी थी। खेमका ने 6 साल पहले फरीदाबाद के ग्राम कोट में लगभग 3000 एकड़ जमीन की चकबंदी प्रक्रिया पर इसलिए रोक लगा दी थी, क्योंकि उस भूमि का आधे से भी ज्यादा भाग अरावली की वह पहाड़ियां थीं जिन पर खेती नहीं की जा सकती है। अब उनके इसी फैसले को हरियाणा सरकार ने हाल ही में पलट दिया है। खेमका ने इसी मामले पर अखबार को बयान दिया था।
आपको बता दें कि हरियाणा की खट्टर सरकार में रहते हुए पिछले चार सालों में यह अशोक खेमका का छठा तबादला है। अशोक खेमका एक ईमानदार और सख्त अधिकारी माने जाते हैं। कहा जाता है कि नौकरी में उन्हें अपनी इसी ईमानदारी की सजा मिलती रही है। अब तक की नौकरी में खेमका का तबादला ऐसी-ऐसी जगह किया गया, जहां निचले स्तर के अधिकारियों को भी नहीं भेजा जाता।
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