UP: पत्नी का दाह संस्कार कर घर लौट रहे वकील से जबरन तीन लाख रुपये की वसूली और मारपीट! पुलिस पर भी लगे गंभीर आरोप
अधिवक्ता ने बिरनो थाना में चार मार्च, 2024 को तहरीर दिया जिस पर संबंधित धाराओं में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। घटना के समय तैनात थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह यादव को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है।
वाराणसी में पत्नी का दाह संस्कार कर बस से वापस लौट रहे उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले के एक अधिवक्ता एवं उनके परिजनों के संग गाजीपुर जिले के एक टोल प्लाजा पर कथित रूप से स्थानीय पुलिस के सहयोग से जबरन तीन लाख रुपये से अधिक की वसूली तथा मारपीट किए जाने का मामला सामने आया है। पुलिस ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जा रही है।
अधिवक्ता ने बिरनो थाना में चार मार्च, 2024 को तहरीर दिया जिस पर संबंधित धाराओं में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। घटना के समय तैनात थाना प्रभारी देवेंद्र सिंह यादव को पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया है।
इस संदर्भ में पूछे जाने पर बिरनो थाना के नये प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अशोक कुमार मिश्रा ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि अधिवक्ता की तहरीर पर मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।
उन्होंने कहा कि दूसरे पक्ष (टोल प्लाजा) के लोगों ने आरोप लगाया है कि अधिवक्ता और उनके परिवार के लोगों ने टोल प्लाजा पर काफी तोड़ फोड़ की और क्षतिपूर्ति के एवज में ऑनलाइन दो लाख रुपये जमा किए।
पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों में समझौता हुआ था, हालांकि एसएचओ ने यह भी कहा कि अभी मामले की जांच चल रही है। इस मामले में टोल प्लाजा के प्रबंधक का पक्ष नहीं मिल सका।
संतकबीरनगर जिले के मेहदावल थाना क्षेत्र के निवासी अधिवक्ता जनार्दन चौबे ने पुलिस को दी गयी तहरीर में कहा कि 26 फरवरी, 2024 को अपनी पत्नी का वाराणसी के मर्णिकर्णिका घाट पर दाह संस्कार कर जब वह वापस लौट रहे थे तो गाजीपुर जिले के बिरनो थाना क्षेत्र में मिर्जापुर क्यामपुर (डाड़ी खुर्द) टोल प्लाजा पर यह घटना घटी।
चौबे ने आरोप लगाया कि 26 फरवरी की रात साढ़े 11 से 12 बजे के बीच जब उनकी बस गाजीपुर के डाड़ी खुर्द टोल प्लाजा पर पहुंची तो टोल कर्मियों द्वारा प्रवेश और निकास का डबल चार्ज मांगा जाने लगा। बस चालक द्वारा यह कहने पर कि शव वाहन का टोल नहीं लगता है, इतना सुनते ही टोलकर्मी गाली गलौज करने लगे।
अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि जब उनका छोटा बेटा शैलेन्द्र बस से उतरा तो पाइप से उसके पैर में मारा गया और ईंट पत्थर चलाने लगे। पुलिस ने अधिवक्ता के हवाले से बताया कि वे लोग किसी तरह बस लेकर 300 मीटर आगे पहुंचे, तभी वाहनों पर सवार होकर पहुंचे लोगों ने बस रोक लिया।
उन्होंने बताया कि इस बीच अधिवक्ता की तरफ से 112 नंबर पर फोन किया गया और पुलिस आ गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही पुलिसकर्मी आए उनके सामने टोल मैनेजर हितेश प्रताप सिंह और उसके साथी गाली देते हुए बस में आग लगाने की धमकी देने लगे।
इस बीच पुलिस ने उसकी दबंगई का हवाला दिया और तब तक बिरनो थाना के प्रभारी (देवेंद्र सिंह यादव) भी आ गये और हितेश के समर्थन में गाली गलौज करने लगे।
इस बीच पुलिस बल द्वारा अधिवक्ता, उनके परिजन और रिश्तेदारों को बस से उतार कर एंबुलेंस वाहन और पुलिस वाहन में बिठा लिया गया। थाना प्रभारी ने उन्हें धमकी भी दी।
अधिवक्ता ने घटना का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस बीच साथियों समेत हितेश प्रताप सिंह ने थाना प्रभारी के सहयोग से जान माल की धमकी देकर परिवार के अलग-अलग लोगों से कुल तीन लाख दो हजार रुपये नकद फोन पे के माध्यम से ले लिया और जेवर भी उतरवा लिए।
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