चौंकाने वाली है यूपी बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष की हत्या की वजह, हत्यारे को दरवेश की तरक्की से थी जलन
दरवेश यादव को यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था। सात साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई थी। उन्होंने खुद को स्थापित करने के लिए बहुत संघर्ष किया। आगरा में वो खासतौर पर महिला उत्पीड़न के मामलों की पैरवी के लिए जानी जाती थीं।
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की जिस पहली महिला अध्यक्षा की आगरा में गोली मार कर हत्या कर कर दी गई उनकी तरक्की बेमिसाल रही है। आगरा में दरवेश यादव से सीख लेने की सलाह दी जाती थी। पूरा आगरा दरवेश यादव की हत्या से स्तब्ध है। दरवेश यादव की हत्या अभी भी लोगों के गले नही उतर रही है। साथी वकीलों की माने तो दरवेश की हत्या मनीष शर्मा ने उसकी तरक्की से बुरी तरह जलन खा कर की है।
एटा की दरवेश यादव की हत्या ने उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के हालात को एक बार फिर उजागर कर दिया है। इस घटना के बाद विपक्षी दल के नेता बीजेपी पर हमलावर हो गए हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दरवेश यादव की हत्या पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। दरवेश यादव की हत्या बुधवार की दोपहर आगरा कचहरी में कर दी गई थी। उन्हें तीन गोली मारी गई थी, जिसमें से दो उनके आर -पार हो गई थी। मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक मनीष शर्मा को दरवेश यादव से सुलह करने के लिए बुलाया गया था। कभी साथ साथ वकालत करने वाले मनीष शर्मा और दरवेश यादव में पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा था।
दरवेश यादव के विजय जुलूस में भी मनीष शर्मा शामिल था मगर उसके बाद वो कथित तौर पर नाराज होकर चला गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नाराज मनीष को दूसरे वकीलों ने मना कर वाहां लाया था। पहले मनीष शर्मा ने दरवेश को कुछ कहा और उसके बाद अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से दरवेश को तीन गोली मार दी। मनीष ने इसके बाद खुद को गोली मार ली।अभी भी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
दरवेश यादव को यहां तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा था। सात साल की उम्र में उनके पिता की मौत हो गई थी। उन्होंने खुद को स्थापित करने के लिए बहुत संघर्ष किया। आगरा में वो खासतौर पर महिला उत्पीड़न के मामलों की पैरवी के लिए जानी जाती थीं।
उनकी मौत पर आगरा की महिलाओं में शोक का माहौल है। कई लोग सदमे में हैं। समाजवादी पार्टी की नेता रोली तिवारी मिश्रा को अब भी दरवेश की मौत पर विश्वास नहीं है। उनका कहना है कि यह घटना इतनी सामान्य दिखती नही है। इसकी गहराई से पड़ताल होनी चाहिए। दरवेश हत्याकांड की जांच आगरा के डीएम को दी गई है। जिस समय यह हत्या हुई उसी समय उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ में कानून व्यवस्था को लेकर बैठक कर रहे थे। इस बैठक में पूरे प्रदेश के डीएम और एसपी को बुलाया गया था। आगरा के डीएम और एसएसपी भी इस मीटिंग में थे।
दरवेश यादव उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के इतिहास में पहली महिला ध्यक्षा चुनी गईं थीं। बताया जा रहा है कि मनीष और दरवेश ने साथ साथ वकालत शुरू की थी। दरवेश ने अपनी काबिलयत के दम पर खासी तरक्की कर ली। 2004 में दोनों के चेंबर बराबर में ही थे। इसके बाद दरवेश बार काउंसिल की सदस्य बन गईं। कुछ समय बाद वो बार काउंसिल की उपाध्यक्ष चुन ली गईं। इससे पहले वो कुछ दिनों तक कार्यकारी अध्यक्ष भी रही। कहा जा रहा है कि उनकी तरक्की की वजह से ही दरवेश और मनीष के बीच रिश्ते खराब हो गए थे। मनीष दरवेश की तरक्की से जलने लगा था।
इस हत्याकांड के बाद से कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। आगरा के एसएसपी जोगेंद्र कुमार के दो दिन पहले यहां पोस्टिंग की गई है। इस घटना के बाद से यूपी की राजनीति भी गर्मा गई है। अखिलेश यादव ने कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है। दरवेश यादव की अंतिम संस्कार में शामिल होने आगरा आए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “उत्तर प्रदेश में बार काउंसिल की अध्यक्षा की गोली मार कर की गई हत्या से यह साबित हो गया है कि यूपी में हालात काबू बाहर हो चुके हैं, प्रदेश में बलात्कार, हत्याओं राजनीतिक हमलों की वारदातें बढ़ती ही जा रही है। जबकि मुख्यमंत्री सिर्फ बैठक कर रहे हैं।”
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