आगरा: ब्रह्मकुमारी आश्रम में 2 सगी बहनों ने लगाई फांसी, सुसाइड नोट में लिखा- योगी जी इन्हें आसाराम की तरह जेल में रखो
पुलिस ने बताया कि दोनों बहनों ने 8 साल पहले ब्रह्माकुमारी की दीक्षा ली थी। दीक्षा के बाद उनके परिवार ने जगनेर में ब्रह्माकुमारी केंद्र बनवा दिया था, जिसमें दोनों रह रही थीं।
उत्तर प्रदेश के आगरा से आत्महत्या का मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक प्रजापति ब्रह्माकुमारी आश्रम में रहने वाली दो सगी बहनों ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया है। मृतक की पहचान एकता और शिखा के रूप में हुई है। आत्महत्या से पहले दोनों बहनों ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है, सुसाइड नोट में उन्होंने अपनी मौत का जिम्मेदार आश्रम के नीरज सिंघल, धौलपुर के ताराचंद, नीरज के पिता और ग्वालियर के आश्रम में रहने वाली एक महिला को ठहराया है।
आपको बता दें, घटना आगरा के जगनेर की है। सुसाइड नोट में दोनों बहनों ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से आरोपियों को आसाराम की तरह उम्रकैद की सजा दिलाने के लिए कहा है। बता दें, मृतक बहनों ने सुसाइड नोट में चारों आरोपियों पर पैसे हड़पने के साथ-साथ अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप भी लगाए हैं। एसीपी खैरागढ़ के मुताबिक चारों आरोपी आगरा से बाहर के हैं, जिनमें से दो को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं, दो की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें रवाना कर दी गई हैं।
पुलिस ने बताया कि दोनों बहनों ने 8 साल पहले ब्रह्माकुमारी की दीक्षा ली थी। दीक्षा के बाद उनके परिवार ने जगनेर में ब्रह्माकुमारी केंद्र बनवा दिया था, जिसमें दोनों रह रही थीं।
सुसाइड नोट में क्या लिखा?
सुसाइड नोट में एकता ने लिखा,'नीरज ने केंद्र में रहने का आश्वासन दिया था। लेकिन केंद्र बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल तक हम बहनें रोती रहीं, लेकिन उसने नहीं सुनी। उसका साथ उसके पिता के अलावा ग्वालियर आश्रम में रहने वाली एक महिला और ताराचंद नाम के शख्स ने भी दिया। 15 साल तक साथ रहने के बाद भी वह ग्वालियर की महिला के साथ संबंध बनाता रहा। चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है।'
दोनों बहनों ने सुसाइड नोट में लिखा ,'हमारे पिता ने प्लॉट के लिए 7 लाख रुपए आश्रम से जुड़े व्यक्तियों को दिए थे। 18 लाख रुपए गरीब मताओं से लिए गए थे, जिन्हें आरोपियों ने हड़प लिया। वे लोग पैसे हड़पने के साथ-साथ महिलाओं के साथ अनैतिक काम करते हैं और दबंगई दिखाते हुए कहते हैं कि उनका कोई कुछ नहीं कर सकता। सुसाइड नोट दोनों बहनों ने कहा कि आरोपियों ने बहुतों के साथ गलत किया है। किसी से पैसे लिए और उसी पर केस कर दिया। सुसाइड नोट में एकता ने यह भी कहा है कि उनके सुसाइड नोट को मुन्नी बहन और मृत्युंजय भाई के पास पहुंचा दिया जाए।
सुसाइड नोट में आगे लिखा है,'कई बहनें सुसाइड कर लेती हैं और यह लोग (आरोपी) छिपा लेते हैं। हम दोनों बहनों के साथ गद्दारी हुई है। पापी नीरज सिंघल माउंट आबू में मॉडर्न कंपनी में नौकरी करता है। ग्वालियर मोती झील वाली पूनम, इसके पिता ताराचंद और उसकी बहन का ससुर गुड्डन जो जयपुर में रहता है। हमारे साथ 15 साल से रह रहा था और झूठ बोलता रहा। हमने कोई गलती नहीं की। सेंटर बनवाने में सारा पैसा हमारा लगा है। हमसे हमेशा कहा गया कि चिंता मत करो, मैं सब संभाल लूंगा। मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सका, मेरा पिता ताराचंद वकील है। वह मुझे कुछ नहीं होने देगा।'
खुदकुशी से पहले लिखे गए लेटर में कहा गया है,'हमारे साथ कोई नहीं है हम अकेले पड़ गए हैं। इसलिए यह कदम उठाना पड़ रहा है। मेरे प्यारे भाई सोनवीर और एन सिंह से प्रार्थना है कि इस केस को आप दोनों बहनों की तरफ से लड़ना। आप हमारे सगे भाई से ज्यादा हो चाहे जितना पैसा खर्च हो जाए। आप उसे बहनों की राखी का समझ लेना। इन चारों हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सब-सबूत आश्रम में रखे हैं। प्लीज हमें गलत ना समझा जाए। हमें धोखा मिला है। इसके (आरोपी) पास हमारे 25 लख रुपए हैं। 7 लाख मेरे पापा ने प्लॉट दिलवाया था, उसे बेच कर दिए थे।'
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