गैंग्स्टर्स पर NIA की बड़ी कार्रवाई! उत्तर भारत में 60 ठिकानों पर छापेमारी, जद में नीरज बवाना और लॉरेंस बिश्नोई गैंग भी
एनआईए ने एक फाइल तैयार की और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत उत्तर प्रदेश के गैंगस्टरों को अपने निशाने पर रखा। एनआईए की सूची में करीब दस से बारह गैंगस्टरों के नाम है, जिनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया गया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, काला जठेड़ी, बंबिया और कौशल चौधरी के खिलाफ दर्ज मामलों के सिलसिले में देशभर में 60 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। छापेमारी सोमवार की सुबह शुरू हुई। संपर्क करने पर एनआईए के अधिकारी ने मामले में कुछ भी बोलने से इनकार किया। एनआईए बिश्नोई, कपिल सांगवान और नीरज बवाना जैसे बड़े गैंगस्टरों और उनके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को गैंगस्टरों के नेटवर्क को खत्म करने का आदेश दिया है।
हाल ही में एनआईए ने एक फाइल तैयार की और दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान समेत उत्तर प्रदेश के गैंगस्टरों को अपने निशाने पर रखा। एनआईए ने एनसीआर स्थित गैंगस्टरों के पूरे नेटवर्क को खत्म करने की योजना बनाई थी। एनआईए की सूची में करीब दस से बारह गैंगस्टरों के नाम है, जिनके खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया गया है।
नीरज बवाना और लॉरेंस बिश्नोई क्राइम वर्ल्ड के कट्टर दुश्मन हैं। पंजाबी सिंगर सिद्धू सिंह मूसेवाला की हत्या के बाद बवाना ने कहा था कि वे जवाबी कार्रवाई करेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में गैंग के सरगनाओं ने अपने अपराध सिंडिकेट को चलाने के लिए दो 'महागठबंधन' बनाए हैं। वे अपने नेटवर्क का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। गैंगस्टरों के महागठबंधन में ग्रुप ए नीरज बवाना का है। सूत्र ने कहा, नीरज बवाना के महागठबंधन में सौरभ उर्फ गौरव, सुवेघ सिंह उर्फ सिब्बू, शुभम बलियान, राकेश उर्फ राका, इरफान उर्फ छेनू, रवि गंगवाल और रोहित चौधरी और दविंदर बंबिहा हैं।
वहीं लॉरेंस बिश्नोई के गठबंधन में संदीप उर्फ काला जठेड़ी, कपिल सांगवान उर्फ नंदू, रोहित मोई, दीपक बॉक्सर, प्रिंस तेवतिया, राजेश बवानिया और गैंगस्टर अशोक प्रधान हैं। गैंगस्टरों के महागठबंधन ने कई राज्यों में कहर बरपा रखा है और वे गैंगवार में भी लिप्त हैं। गृह मंत्रालय उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहा है।
नई दिल्ली में स्पेशल सेल, एनआईए अधिकारियों और आईबी अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में कहा गया कि गिरोह आतंकवादी संगठनों की तरह काम कर रहे हैं, जिससे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह नाखुश हैं। इसलिए एनआईए को इस मुद्दे को देखने और यदि संभव हो तो उनकी गतिविधियों को रोकने के लिए नए मामले दर्ज करने का निर्देश दिया जाता है। एनआईए ने मंजूरी मिलने के बाद इन गैंगस्टरों के नेटवर्क को खत्म करने की तैयारी कर ली है।
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