मणिपुरः दो छात्रों की हत्या मामले में 4 लोग गिरफ्तार, सीएम ने कुकी उग्रवादियों पर लगाया बड़ा आरोप
सीएम ने कहा कि एनआईए ने कल एक प्रेस रीलीज में कहा कि मणिपुर में हुई घटना भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की घटना है। म्यांमार और बांग्लादेश के कुकी उग्रवादियों के साथ भारत के कुछ उग्रवादी भी इसमें हैं। यह साफ दर्शाता है कि यह कोई छोटी बात नहीं है।
मणिपुर में दो युवा छात्रों की हत्या के मामले में चार संदिग्धों को रविवार को सीबीआई और अन्य सुरक्षा बलों ने गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश पर सीबीआई के विशेष निदेशक अजय भटनागर के नेतृत्व में पांच अधिकारियों के साथ एक विशेष सीबीआई टीम 27 सितंबर से मणिपुर में डेरा डाले हुए है।
वहीं, मणिपुर हिंसा मामले में आरोपी सेमिनलुन गंगटे की गिरफ्तारी पर सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि "एनआईए ने इस मामले को अपने हाथ में लेने के बाद कल एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि मणिपुर में हुई घटना भारतीय संघ के खिलाफ युद्ध छेड़ने की घटना है। म्यांमार और बांग्लादेश के कुकी उग्रवादियों के साथ-साथ भारत के कुछ उग्रवादी भी इसमें हैं। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि यह कोई छोटी बात नहीं है। मैं एनआईए, भारत सरकार, मणिपुर के लोगों और विशेष रूप से पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं।
बीरेन सिंह ने मीडिया से कहा, आज (रविवार) सीबीआई, सेना, असम राइफल्स और राज्य सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने दो युवा छात्रों की हत्या के मामले में चुराचांदपुर जिले से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। यह दो छात्रों की हत्या के जघन्य अपराध के मामले में एक बड़ी सफलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि दो युवा छात्रों की हत्या के मामले को गंभीरता से लिया जाएगा और अपराधियों को उचित सजा दी जाएगी।
मणिपुर सरकार पहले ही छात्रों की हत्या का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो को सौंप चुकी है। पूर्वोत्तर राज्य में 17 वर्षीय छात्रा हिजाम लिनथोइनगांबी और 20 वर्षीय फिजाम हेमजीत की हत्या के विरोध में पिछले सप्ताह बड़े पैमाने पर छात्रों ने आंदोलन किया। दोनों छात्र बिष्णुपुर जिले से थे और 6 जुलाई को मणिपुर में जातीय हिंसा के चरम के दौरान लापता हो गए थे। उनके शव की तस्वीरें 25 सितंबर को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गईं। पीड़ित परिवारों को संदेह है कि उनके बच्चों को सशस्त्र हमलावरों ने मार डाला है।
दो छात्रों की हत्या के विरोध में इंफाल समेत कई जिलों में हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए। इफंला में मुख्यमंत्री के बंगले की ओर मार्च करने का प्रयास कर रहे कम से कम 100 छात्र सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद घायल हो गये। इनमें लड़कियां भी शामिल थीं। छात्रों के आंदोलन को देखते हुए राज्य सरकार ने राज्य के सभी स्कूलों को 29 सितंबर तक बंद कर दिया और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर अस्थायी रूप से फिर से प्रतिबंध लगा दिया। रविवार को एक बार फिर इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ाते हुए इसे 6 अक्टूबर तक कर दिया गया है।
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