अतीक-अशरफ हत्याकांड की न्यायिक जांच शुरू, आयोग ने प्रयागराज में अपराध स्थल का किया दौरा
न्यायिक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त जस्टिस ए के त्रिपाठी और सदस्य पूर्व आईपीएस सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त जज बृजेश कुमार सोनी ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों से हत्या के समय घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों की संख्या के बारे में भी पूछताछ की।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 15 अप्रैल को अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस की मौजूदगी में हुई हत्या की न्यायिक जांच शुरू हो गई है। सनसनीखेज हत्या की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के सदस्यों ने गुरुवार को कॉल्विन अस्पताल का दौरा किया, जहां यह घटना हुई थी। इस दौरान पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई थी।
न्यायिक आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश ए के त्रिपाठी और सदस्य सेवानिवृत्त आईपीएस सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी ने आज घटनास्थल का निरीक्षण किया। आयोग के सदस्यों ने हत्या के समय घटनास्थल पर मौजूद पुलिसकर्मियों की संख्या के बारे में पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की। घटनास्थल पर क्राइम सीन का नक्शा भी तैयार किया गया था।
इससे पहले गुरुवार को ही विशेष जांच दल (एसआईटी) भी कॉल्विन अस्पताल पहुंचा था जहां गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मार गिराया गया था। सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी वहां क्राइम सीन रीक्रिएशन के लिए पहुंची थी, लेकिन चूंकि न्यायिक आयोग भी आने वाला था, इसलिए क्राइम सीन रीक्रिएशन को बंद कर दिया गया। एसआईटी के साथ फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम भी आई थी।
इस बीच, हमलावर (लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य) अपने रुख पर अड़े हुए हैं कि उन्होंने केवल अंडरवर्ल्ड में अपना नाम बनाने के लिए हत्याएं कीं। जांच एजेंसियों के सामने अब सबसे बड़ा काम तीन हमलावरों के संचालकों का पता लगाना है। हमलावरों ने अभी तक यह नहीं बताया है कि उन्हें आग्नेयास्त्र (जिगाना पिस्तौल जिसकी कीमत लगभग सात लाख रुपये है) किसने प्रदान किए।
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