झारखंड: नक्सलियों की बिछाई बारूदी सुरंग के शिकार हो रहे लोग, चाईबासा में विस्फोट में एक की मौत, एक घायल
पुलिस का दावा है कि नक्सलियों की संख्या अब बेहद कम रह गई है। सुरक्षा बलों की चौतरफा घेरेबंदी में कुछ बड़े नक्सली घिर चुके हैं।
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) जिले के गोइलकेरा थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा जमीन के नीचे बिछाई गई बारूदी सुरंग की चपेट में आने से कृष्णा पूर्ति नामक एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी नंदी पूर्ति गंभीर रूप से घायल हो गई। पश्चिम सिंहभूम जिले में बीते दो महीने के भीतर बारूदी सुरंग विस्फोट की लगभग एक दर्जन घटनाएं हुई हैं। ऐसी घटनाओं में अब तक चार ग्रामीणों की जान जा चुकी है, जबकि सुरक्षा बलों के एक दर्जन से ज्यादा जवान विस्फोट की अलग-अलग घटनाओं में जख्मी हुए हैं।
बताया गया कि ईचाहातु गांव निवासी दंपती सुबह खेत में लगी अरहर की फसल को देखने जा रहा था। मुख्य सड़क से कुछ दूर पगडंडियों से होते हुए खेतों की ओर जाने के दौरान जमीन के नीचे लगा आईईडी ब्लास्ट कर गया, जिससे पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गए।
अस्पताल ले जाए जाने के दौरान कृष्णा पूर्ति ने दम तोड़ दिया। उनकी पत्नी नंदी पूर्ति को इलाज के लिए गोइलकेरा अस्पताल भेजा गया है। पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी आशुतोष शेखर ने कहा है कि नक्सलियों द्वारा जमीन के नीचे लगाए गए आईईडी के ब्लास्ट की वजह से यह घटना हुई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
इसके पहले बीते 23 फरवरी को इसी जिले के टोंटो थाना अंतर्गत रुकुबुरू जंगल में आईईडी विस्फोट में जेमा बहांदा नामक 55 वषीर्या महिला बुरी तरह घायल हो गई थी। 16 फरवरी को नक्सलियों ने गोईलकेरा थाना क्षेत्र में बम विस्फोट कर एक पंचायत भवन और एक पुल उड़ा दिया था। इन घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ था। 25 जनवरी को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंजनबेड़ा गांव आईईडी ब्लास्ट में सुरक्षा बल के एक सब इंस्पेक्टर बुरी तरह घायल हो गए थे।
इसी महीने गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत कटंबा-करुकुटिया गांव के रास्ते में पैदल बाजार जा रहा एक 18 वर्षीय ग्रामीण माटा अंगारिया लैंड माइन्स विस्फोट की चपेट में आकर जख्मी हो गया था। 11 जनवरी को टोंटो थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए लैंडमाइन विस्फोट में छह जवान घायल हुए थे। 12 जनवरी को भी इसी इलाके में एक और विस्फोट हुआ, जिसमें तीन जवान जख्मी हुए थे। 13 जनवरी और 20 जनवरी को भी बारूदी सुरंग विस्फोट की घटनाएं हुईं थी।
बता दें कि पूरे कोल्हान प्रमंडल में पिछले कुछ महीनों से झारखंड पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ऑपरेशन चला रही है।
पुलिस को रोकने के लिए नक्सलियों ने टोंटो, मुफस्सिल और गोइलकेरा थाना क्षेत्र के जंगलों में प्राय: सभी रास्तों में जमीन के नीचे बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं।
पुलिस का दावा है कि नक्सलियों की संख्या अब बेहद कम रह गई है। सुरक्षा बलों की चौतरफा घेरेबंदी में कुछ बड़े नक्सली घिर चुके हैं। रास्तों में पहले से बिछाई गई बारूदी सुरंगों के कारण थोड़ी परेशानी जरूर आ रही है, लेकिन नक्सलियों के खात्मे तक अभियान नहीं रोका जाएगा।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia