योगी राज में गुंडे बेलगाम, वेटिंलेटर पर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था
मंगलवार देर शाम अशफाक नामक एक शख्स की हत्या कर दी गई। मृतक अशफाक अपने दो सगे भाइयों की हत्या का मुख्य गवाह था। इसके दोनों भाइयों की हत्या मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान की गई थी।
उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती जा रही है। पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में कई सनसनीखेज वारदातें हुई हैं। मुजफ्फरनगर के खतौली में एक दूधिया की गोली मारकर हत्या कर दी गई। तो वहीं बुलंदशहर में एक नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया गया। इससे पहले लखनऊ में यूपी पुलिस के दो दरोगा ने एक व्यापारी से एक करोड़ 84 लाख रुपए लूट लिए थे।
मंगलवार देर शाम मुजफ्फरनगर में अशफाक नामक एक शख्स की हत्या कर दी गई। मृतक अशफाक अपने दो सगे भाइयों की हत्या का मुख्य गवाह था। इसके दोनों भाइयों की हत्या मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान की गई थी।
बता दें कि मृतक अशफाक के दो भाइयों की हत्या 2013 मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान कर दी गई थी। अशफाक उस घटना का मुख्य गवाह था। घटना के बाद उसका परिवार अपना पैतृक गांव छोड़कर खतौली के इस्लामनगर में आकर बस गया था। अशफाक के परिजनों के मुताबिक उस पर समझौते के लिए दबाव बनाया जा रहा था लेकिन अशफाक सहमत नहीं था। पुलिस के अनुसार घटना के तार मुजफ्फरनगर दंगे जुड़ हो सकते हैं। फिलहाल पुलिस उसी दिशा में जांच कर रही है।
वहीं बुलंदशहर में सोमवार को अपने भाई के साथ शादी से घर लौट रही एक नाबालिग लड़की को कार चालकों ने अपहरण कर लिया। घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने आरोपी के घर पर हमला कर दिया। घटना में दो समुदाए के लोग शामिल थे, फिलहाल इलाके में तनाव का माहौल है।
इतना ही नहीं जिस पुलिस पर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी है वही लूटपाट कर रही है। दरअसल यूपी पुलिस ने अपने ही दो दरोगा को लूट के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने एक व्यापारी को डरा-धमाकर उससे एक करोड़ 84 लाख रुपए लूट लिए थे।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव मनीष जगन ने भी उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जगन ने कहा है कि, "उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था अपने सबसे खराब दौर में है। हर दिन प्रदेश भर से पुलिस को शर्मिंदा करने वाली खबर आ रही है। पुलिस थानों में मुक़दमे नहीं लिखे जा रहे हैं। पुलिस खुद कानून अपने हाथ में ले रही है। बीजेपी के नेता लगातार आपराधिक घटनाओं में लिप्त पाए जा रहे हैं, पुलिस अपन भरोसा कायम करने में नाकाम रही है।”
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