जमशेदपुर हिंसा में वकील की गिरफ्तारी का साथियों ने किया हंगामा, कोर्ट बाधित कर बहिष्कार की दी धमकी
जमशेदपुर में रविवार की रात दो गुटों के बीच हुई झड़प के मामले में पुलिस ने विश्व हिंदू परिषद और गोरक्षा आंदोलन से जुड़े 7 युवकों समेत वकील चंदन चतुर्वेदी को जेल भेज दिया है। इसी के खिलाफ वकीलों का एक गुट हंगामा कर रहा है और उसे छोड़ने की मांग कर रहा है।
झारखंड के जमशेदपुर में बीते रविवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में एक वकील चंदन चतुवेर्दी को गिरफ्तार करने और हथकड़ी लगाकर जेल भेजने पर जमशेदपुर के वकीलों ने बुधवार को जमकर हंगामा किया। उन्होंने कोर्ट परिसर में हंगामा करते हुए कामकाज बाधित करा दिया। बवाल काट रहे वकीलों ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई न होने पर 13 अप्रैल को भी कोर्ट का बहिष्कार करने की धमकी दी है।
जिले के अधिवक्ताओं के एक गुट का कहना है कि पुलिस ने वकील के खिलाफ दुर्भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई की है। उन्हें हथकड़ी लगाकर इस तरह जेल भेजा गया है, जैसे वे कोई दुर्दांत अपराधी हों। जमशेदपुर बार एसोसिएशन ने इस मसले पर बैठक कर आंदोलन की रणनीति तय की है। इस मामले को लेकर वकीलों के समूह ने जिला उपायुक्त से भी मुलाकात की है।
इसे लेकर जिला बार संघ तदर्थ समिति के अध्यक्ष लाला अजीत कुमार अंबष्ट के नेतृत्व में एक डेलिगेशन ने उपायुक्त विजया जाधव को ज्ञापन सौंपकर दोषी पुलिस पदाधिकारी को निलंबित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वकील को एक अपराधी की तरह जेल भेजा गया, जबकि वह एक मामले में अपने मुवक्किल के साथ पुलिस अधीक्षक से मिलने गया था। लेकिन उसे हवालात में रखा गया। वकीलों ने कहा कि जरूरत पड़ी तो राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पास जाकर अपनी मांग रखेंगे।
यहां बता दें कि जमशेदपुर के कदमा में रविवार की रात दो गुटों के बीच हुई झड़प के मामले में पुलिस ने 24 घंटे हाजत में रखने के बाद विश्व हिंदू परिषद और गोरक्षा आंदोलन से जुड़े सात युवकों समेत एक स्थानीय वकील चंदन चतुर्वेदी को मंगलवार शाम को जेल भेज दिया था। इसी के खिलाफ जिला अधिवक्ता संघ के वकीलों का एक गुट हंगामा कर रहा है और उसे छोड़ने की मांग कर रहा है।
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