उत्तर प्रदेश: मुरादाबाद में नर्स से हैवानियत, डॉक्टर पर बलात्कार का आरोप, केस दर्ज

पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के साथ अन्य दो को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान शाहनवाज (डॉक्टर), (जुनैद) वार्ड बॉय और नर्स (मेहनाज) के तौर पर हुई है। अस्पताल को भी सील कर दिया गया है।

मुरादाबाद में नर्स से हैवानियत
मुरादाबाद में नर्स से हैवानियत
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आईएएनएस

कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में देश भर में लोगों का आक्रोश है। इस बीच, मुरादाबाद के कोतवाली ठाकुरद्वारा क्षेत्र के निजी अस्पताल में अनुसूचित जाति की एक नर्स से हैवानियत की एक और खबर आई जिससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। नर्स को बंधक बनाकर डॉक्टर ने बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया।

पीड़िता के पिता की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर के साथ अन्य दो को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान शाहनवाज (डॉक्टर), (जुनैद) वार्ड बॉय और नर्स (मेहनाज) के तौर पर हुई है। अस्पताल को भी सील कर दिया गया है।

इन तीनों के खिलाफ संगीन धाराओं के तहत एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार, पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया गया है। आगे की कार्रवाई की जा रही है। साथ ही अस्पताल को सीज कर दिया गया है। पुलिस ने कहा, जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।


पीड़िता के पिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी बेटी अस्पताल में पिछले 10 माह से नर्स के तौर पर जॉब कर रही थी। 17 अगस्त को अस्पताल में उसकी नाइट ड्यूटी थी। अस्पताल में दूसरी नर्स ने उसे कहा कि डॉक्टर ने बुलाया है। लेकिन मेरी बेटी ने जाने से इनकार कर दिया।

 इसके बाद वार्ड बॉय जुनैद और नर्स मेहनाज उसे जबरन बंधक बनाकर अस्पताल के ऊपर बने कमरे में ले गए। दोनों ने बाहर से ताला लगा दिया। इस दौरान, डॉक्टर ने नर्स से बलात्कार किया। पीड़िता मदद के लिए चीखती रही, चिल्लाती रही। लेकिन, कोई भी मदद के लिए नहीं आया। आरोपी ने पीड़िता को धमकाया और किसी को कुछ भी बताने से मना किया। ऐसा न करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। साथ ही जातिसूचक शब्दों का भी प्रयोग किया।

शिकायत में कहा गया है कि पीड़िता का मोबाइल भी छुपा लिया गया जिससे वो किसी को कॉल न कर सके।

बता दें कि कोलकाता कांड के बाद से डॉक्टर कामकाजी जगहों पर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि अगर वह अपने वर्क प्लेस पर ही सुरक्षित नहीं हैं तो वह काम कैसे करेंगे।

--आईएएनएस

डीकेएम/एसकेपी

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