बिहारः ससाराम हिंसा में BJP का पूर्व विधायक गिरफ्तार, नीतीश ने कहा- किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा
रोहतास पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सासाराम में सांप्रदायिक उपद्रव के मामले में पुलिस ने जवाहर प्रसाद और मोहम्मद शाहनवाज आलम उर्फ लखानी को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि इस मामले में अदालत से वारंट निर्गत किया गया था।
बिहार के रोहतास जिले के सासाराम में रामनवमी पर्व के दौरान हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने बीजेपी के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद को शुक्रवार की रात गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व विधायक पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि घटना में कोई भी अगर दोषी पाया जाएगा तो चाहे वह किसी दल का हो, उस पर कार्रवाई होगी। किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
शनिवार को पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे नीतीश कुमार से पत्रकारों ने जब सासाराम में बीजेपी नेता की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किया तब उन्होंने कहा कि अगर किसी पर कोई आरोप लगता है तो पुलिस उसकी जांच करती है। जांच में जो दोषी पाया जाता है, उस पर कार्रवाई होती है। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता क्या बोलते हैं उस पर मैं ध्यान नहीं देता। उससे हमें कोई मतलब नहीं है।
नीतीश कुमार ने कहा कि आज तक हमने इस सब चीजों में कभी इंटरफेयर नहीं किया है। बिहार में जहां कहीं भी घटना होती है तो उसकी बारीकी से जांच होती है। जिन दो जगहों पर घटनाएं हुई है, वहां पर कड़ी कार्रवाई की गई है। घटनाओं को लेकर पुलिस प्रशासन पूरे तौर पर सतर्क रहता है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि घटना में कोई भी दोषी पाया जाएगा, चाहे वह किसी दल का हो, उस पर कार्रवाई होगी। किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
इससे पहले रोहतास पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि सासाराम में सांप्रदायिक उपद्रव के मामले में पुलिस ने जवाहर प्रसाद और मोहम्मद शाहनवाज आलम उर्फ लखानी को शुक्रवार की रात गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारी ने आगे बताया कि इस मामले में अदालत से वारंट निर्गत किया गया था। अब तक इस मामले में 63 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि दो लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है। शेष 38 आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
इधर, पूर्व विधायक के समर्थकों का आरोप है कि सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन बेवजह बीजेपी के लोगों को परेशान कर रही है। समर्थकों ने पूर्व विधायक पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि इस हिंसा से पूर्व विधायक को कोई लेना-देना नहीं है।
बता दें कि रामनवमी पर्व के मौके पर राज्य के कई जिलों में हिंसा भडक गई थी। दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। इस दौरान सासाराम में भी हिंसा भड़क गई थी। प्रशासन द्वारा पूरे क्षेत्र में धरा 144 लगा दिया गया था और कई दिनों तक इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया था।
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