टिल्लू ताजपुरिया की हत्या को लेकर बड़ा खुलासा! पता चल गया- तिहाड़ जेल में हमलावरों ने कैसे हथियार किया तैयार
टिल्लू ताजपुरिया को मौत के घाट उतारने वाले हमलावरों ने जेल में ही हथियार तैयार किए थे। जांच में यह बात सामने आई है। हमलावरों ने तिहाड़ जेल के पहली मंजिल की बैरक में लगे एग्जास्ट फैन और लोहे की जाली को निकालकर उससे हथियार तैयार किए थे।
दिल्ली की हाई सिक्योरिटी जेल तिहाड़ में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की किस तरह बेरहमी से हत्या कर दी गई, यह सभी ने देखा। टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद तिहाड़ जेल से जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया था, उसने सभी को हिलाकर रख दिया था। सवाल यह है कि टिल्लू की हत्या करने वाले अपराधियों को तिहाड़ में हथियार कहां से मिले? इसे लेकर अहम खुलासा हुआ है।
टिल्लू ताजपुरिया को मौत के घाट उतारने वाले हमलावरों ने जेल में ही हथियार तैयार किए थे। जांच में यह बात सामने आई है। हमलावरों ने तिहाड़ जेल के पहली मंजिल की बैरक में लगे एग्जास्ट फैन और लोहे की जाली को निकालकर उससे हथियार तैयार किए थे। उसकी लोहे की पत्ती को घिसकर चाकू और सुआ बनाया था।
जांच में यह बात सामने आई है कि जिस लोहे की जाली को तोड़कर हमलावर बाहर निकले, वह काफी पुरानी हो चुकी थी। जाली ऐसी जगह पर लगी थी, जो सीसीटीवी कैमरे की जद में नहीं आ रही थी। इसी बात का फायदा उठाकर हमलावरों ने धीरे-धीरे जाली को काट दिया। हमलावरों ने यह काम टिल्लू के जेल में आने के बाद शुरू किया। साथ ही हथियार को घिसकर नुकीला बनाया। इसके बाद हमलावरों ने इस बात की रेकी की, कि कब टिल्लू कब अकेले रहता है।
बताया जा रहा है कि कई दिन की रेकी के बाद उन्होंने हत्या का प्लान बनाया। घटना वाले दिन टिल्लू के अपने सेल से निकलने से पहले ही हमलावरों ने जाली को तोड़ दिया और बाहर निकलकर ऐसी जगह पर पहुंच गए, जहां सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे थे। इसके बाद टिल्लू पर हमला किया। हमले के दौरान भागते हुए टिल्लू ऐसी जगह पर पहुंच गया, जो सीसीटीवी की जद में आता था। हमले की पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। सीसीटीवी फुटेज में हमले का दिल दहला देने वाले मामले का खुलासा हुआ था।
तिहाड़ जेल में गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद कैदियों की सुरक्षा के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीम (क्यूआरटी) का गठन किया गया है। भविष्य में जेल में ऐसी घटना न हो इसके लिए गठित क्यूआरटी टीम 24 घंटे जेल में निगरानी करेगी। एक जेल में दो क्यूआरटी होगी। जिसमें एक टीम की हाई सिक्योरिटी सेल में तैनात होगी जबकि दूसरी टीम पूरे जेल की निगरानी करेगी।
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